कन्नौज:हर साल की तरह इस साल भी होली के मौके पर बाजार में केमिकल युक्त रंगों की भरमार देखने को मिल रही है. ये रंग कहीं होली के रंग में भंग न डाल दें, इसलिए सोच-समझ कर ही रंग खरीदें. केमिकल युक्त रंग आपकी त्वचा और आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इन रंगों में इतने खतरनाक केमिकल होते हैं कि उनसे त्वचा, आंख, किडनी, लीवर और फेफड़ों में गंभीर इंफेक्शन होने का खतरा होता है. साथ ही त्वचा के झुलसने का खतरा भी रहता है.
खतरनाक रंगों से कैसे करें बचाव
होली पर हानिकारक केमिकल रंगों से बचने के लिए होली खेलने से पहले मुंह और बालों में क्रीम और सरसों का तेल आदि लगा लें. साथ ही पूरे शरीर को कपड़ों से अच्छी तरह ढक लें. इसके अलावा कान, नाक, आंख के आसपास वैसलीन लगा लें. ऐसा करने से हानिकारक रंग त्वचा के अंदर नहीं जा पाएंगे.रंग छुड़ाने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. कई बार लोग रंग छुड़ाने के लिए केरोसिन ऑइल और पेट्रोल आदि का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करने से शरीर पर दाने निकल सकते हैं. रंग छुड़ाने के लिए बेसन के पेस्ट का प्रयोग सबसे बेहतर उपाय है.
कैसे बनाएं प्राकृतिक रंग
घर में ही नेचुरल कलर बनाकर होली का पूरा आनंद लिया जा सकता है. हल्दी, चंदन, फूलों और सब्जियों की मदद से प्राकृतिक रंग तैयार किेए जा सकते हैं. लाल रंग के चंदन और अनार के छिलके को उबालकर लाल रंग बनाया जा सकता है. चुकंदर की जड़ से नीला रंग तैयार किया जा सकता है. वहीं हल्दी को चावल या आटे में मिला कर पीला रंग बनाया जा सकता है. इसके अलावा हरा रंग तैयार करने के लिए पालक, हरा धनिया और हरे गेहूं को पीसकर मेहंदी के आटे का इस्तेमाल किया जाता है.