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1825 टीमें घर-घर जाकर 15 लाख लोगों को खिलाएंगी दवा - कन्नौज सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप

कन्नौज में फाइलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया गया. स्वास्थ्य विभाग की 1825 टीमें 15 लाख लोगों को घर-घर जाकर दवा देंगी.

बैठक करते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी.
बैठक करते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी.
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Published : Dec 16, 2020, 8:29 PM IST

कन्नौज: जिले में फाइलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया गया. अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की 1825 टीमें करीब 15 लाख लोगों को घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी. साथ ही फाइलेरिया के लक्षण और बचाव के बारे में भी जानकारी देंगे. इस दौरान गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग व 2 साल से कम के बच्चों को दवा नहीं खिलाई जाएगी. अभियान को सफल बनाने के लिए 3650 कर्मचारियों को लगाया गया है. यह जानकारी सीएमओ ने बैठक के दौरान दी.


सीएमओ ने दी जानकारी

बुधवार को सीएमओ कार्यालय में सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप की अध्यक्षता में फाइलेरिया रोग नियंत्रण को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया. सीएमओ ने बताया कि जिले में लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए करीब 15 लाख लोगों को डीआईसी और एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराक खिलाई जाएगी. दवा की खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर अपने सामने खिलाएंगे. उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर व्यक्तियों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी.

1825 टीमें घर-घर जाकर खिलाएंगी दवा

सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया अभियान में जिले भर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1825 टीमें लगाई गई हैं. इसमें 3650 कर्मचारियों द्वारा लगभग जिले के 18 लाख जनसंख्या को कवर किया जाएगा. गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों और गर्भवती महिलाओं को छोड़कर. उन्होंने बताया कि रोजाना एक टीम 25 परिवार को दवा खिलाएगी.


इस मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया रोग

जिला मलेरिया अधिकारी मनोज दीक्षित ने बताया कि हाइड्रोसील हो जाना, हाथीपांव, महिलाओं के स्तन में सूजन आ जाना फाइलेरिया रोग के मुख्य लक्षण हैं. बताया कि फाइलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है. क्यूलैक्स मादा मच्छर के काटने से फैलता है. बताया कि जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है. फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है. फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उससे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं. लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है. इस बीमारी का करगर इलाज नहीं है. इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है. फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी दवा का सेवन करना जरूरी है.

इस तरह खिलाई जाएगी फाइलेरिया की खुराक

डॉ. केसी राय ने बताया कि फाइलेरिया रोग प्रबंधन के लिए दो साल से ऊपर व पांच साल से छोटे बच्चों को डीआईसी और एल्बेंडाजोल की एक एक टेबलेट दी जाएगी. 5 साल से ऊपर 15 साल से छोटे बच्चों को डीआईसी की एक टेबलेट और एल्बेंडाजोल दो टेबलेट दी जाएंगी. जबकि 15 साल के ऊपर सभी लोगों को डीआईसी की तीन टेबलेट और एल्बेंडाजोल की एक टेबलेट दी जाएगी.



फलेरिया के लक्षण

  • बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आसपास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है.
  • पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसील के रूप में भी यह समस्या सामने आती है.

फाइलेरिया से बचाव

  • मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें.
  • घर के आस-पास कूड़े एकत्र न होने दें, कूड़ेदान का प्रयोग करें.
  • घर के आसपास गंदा पानी एकत्र न होने दें.
  • गंदे पानी पर समय-समय पर केरोसिन डालते रहें.
  • चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ रखें.
  • पूरी बाजू के कपड़े पहनें.

कन्नौज: जिले में फाइलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया गया. अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की 1825 टीमें करीब 15 लाख लोगों को घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी. साथ ही फाइलेरिया के लक्षण और बचाव के बारे में भी जानकारी देंगे. इस दौरान गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग व 2 साल से कम के बच्चों को दवा नहीं खिलाई जाएगी. अभियान को सफल बनाने के लिए 3650 कर्मचारियों को लगाया गया है. यह जानकारी सीएमओ ने बैठक के दौरान दी.


सीएमओ ने दी जानकारी

बुधवार को सीएमओ कार्यालय में सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप की अध्यक्षता में फाइलेरिया रोग नियंत्रण को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया. सीएमओ ने बताया कि जिले में लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए करीब 15 लाख लोगों को डीआईसी और एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराक खिलाई जाएगी. दवा की खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर अपने सामने खिलाएंगे. उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर व्यक्तियों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी.

1825 टीमें घर-घर जाकर खिलाएंगी दवा

सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया अभियान में जिले भर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1825 टीमें लगाई गई हैं. इसमें 3650 कर्मचारियों द्वारा लगभग जिले के 18 लाख जनसंख्या को कवर किया जाएगा. गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों और गर्भवती महिलाओं को छोड़कर. उन्होंने बताया कि रोजाना एक टीम 25 परिवार को दवा खिलाएगी.


इस मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया रोग

जिला मलेरिया अधिकारी मनोज दीक्षित ने बताया कि हाइड्रोसील हो जाना, हाथीपांव, महिलाओं के स्तन में सूजन आ जाना फाइलेरिया रोग के मुख्य लक्षण हैं. बताया कि फाइलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है. क्यूलैक्स मादा मच्छर के काटने से फैलता है. बताया कि जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है. फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है. फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उससे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं. लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है. इस बीमारी का करगर इलाज नहीं है. इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है. फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी दवा का सेवन करना जरूरी है.

इस तरह खिलाई जाएगी फाइलेरिया की खुराक

डॉ. केसी राय ने बताया कि फाइलेरिया रोग प्रबंधन के लिए दो साल से ऊपर व पांच साल से छोटे बच्चों को डीआईसी और एल्बेंडाजोल की एक एक टेबलेट दी जाएगी. 5 साल से ऊपर 15 साल से छोटे बच्चों को डीआईसी की एक टेबलेट और एल्बेंडाजोल दो टेबलेट दी जाएंगी. जबकि 15 साल के ऊपर सभी लोगों को डीआईसी की तीन टेबलेट और एल्बेंडाजोल की एक टेबलेट दी जाएगी.



फलेरिया के लक्षण

  • बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आसपास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है.
  • पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसील के रूप में भी यह समस्या सामने आती है.

फाइलेरिया से बचाव

  • मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें.
  • घर के आस-पास कूड़े एकत्र न होने दें, कूड़ेदान का प्रयोग करें.
  • घर के आसपास गंदा पानी एकत्र न होने दें.
  • गंदे पानी पर समय-समय पर केरोसिन डालते रहें.
  • चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ रखें.
  • पूरी बाजू के कपड़े पहनें.
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