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बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया पुस्तक का विमोचन

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Published : Feb 25, 2021, 10:48 AM IST

झांसी के बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के शिक्षकों डॉक्टर जीके श्रीनिवासन और प्रोफेसर सुनील कुमार काबिया की पुस्तक ई-मार्केटिंग स्ट्रैटेजीज फाॅर डेस्टिनेशन प्रमोशन का रविवार को विमोचन हुआ.

कुलपति ने किया पुस्तक का विमोचन
कुलपति ने किया पुस्तक का विमोचन

झांसी: बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के शिक्षकों डॉक्टर जीके श्रीनिवासन और प्रोफेसर सुनील कुमार काबिया की पुस्तक ई-मार्केटिंग स्ट्रैटेजीज फाॅर डेस्टिनेशन प्रमोशन का रविवार को विमोचन हुआ. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेवी वैशम्पायन ने इस पुस्तक का विमोचन किया.

संचार तकनीकी मददगार
कुलपति प्रोफेसर जेवी वैशम्पायन ने कहा कि सूचना एवं संचार तकनीकी मानव जीवन को प्रभावित करने वाली तकनीकों में सर्वाधिक प्रभावशाली है, परन्तु कोविड के बाद पर्यटन उद्योग के विकास में सूचना एवं संचार तकनीक की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होगी. कोविड के कारण हमारे जीवन में एक अभूतपूर्व परिवर्तन आ गया है, जिसके कारण विशेष रूप से पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ हैं तथा इससे हमारे देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में गिरावट आई है.

विद्यार्थियों की मदद करेगी पुस्तक
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक प्रोफेसर सुनील काबिया ने बताया कि भविष्य में पर्यटन उद्योग पूरी तरह सूचना और संचार तकनीकी पर निर्भर हो जायेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में टेलीकम्यूनिकेशन और ऑनलाइन मार्केटिंग मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है. पर्यटन उद्योग में ऑनलाइन प्रौद्योगिकी का उपयोग काफी समय से चल रहा है, लेकिन पोस्ट कोविड काल में डैस्टिनेशन मार्केटिंग का चलन बढ़ेगा और छात्र-छात्राओं को आवश्यक ज्ञान प्रदान करने के लिए इस पुस्तक का लेखन किया गया हैं.

सोशल वेबसाइट्स की महत्ता
पुस्तक के सहलेखक डॉक्टर जीके श्रीनिवासन ने जानकारी दी कि सोशल वेबसाइटों के असाधारण उपयोग ने प्रचार गतिविधियों को बहुत आसान बना दिया है और वर्तमान में यह स्पष्ट को गया है कि तकनीकी संसाधनों के उचित उपयोग से ही किसी भी व्यवसाय और विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र का समुचित विकास सम्भव है. पर्यटन और आतिथ्य का व्यवसाय उत्पाद सेवा आधारित हैं, इसलिए पर्यटन और गंतव्य प्रचार व्यावसायिक गतिविधियों को भी तकनीकी सहायता की बहुत आवश्यकता होती है.

झांसी: बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के शिक्षकों डॉक्टर जीके श्रीनिवासन और प्रोफेसर सुनील कुमार काबिया की पुस्तक ई-मार्केटिंग स्ट्रैटेजीज फाॅर डेस्टिनेशन प्रमोशन का रविवार को विमोचन हुआ. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेवी वैशम्पायन ने इस पुस्तक का विमोचन किया.

संचार तकनीकी मददगार
कुलपति प्रोफेसर जेवी वैशम्पायन ने कहा कि सूचना एवं संचार तकनीकी मानव जीवन को प्रभावित करने वाली तकनीकों में सर्वाधिक प्रभावशाली है, परन्तु कोविड के बाद पर्यटन उद्योग के विकास में सूचना एवं संचार तकनीक की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होगी. कोविड के कारण हमारे जीवन में एक अभूतपूर्व परिवर्तन आ गया है, जिसके कारण विशेष रूप से पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ हैं तथा इससे हमारे देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में गिरावट आई है.

विद्यार्थियों की मदद करेगी पुस्तक
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक प्रोफेसर सुनील काबिया ने बताया कि भविष्य में पर्यटन उद्योग पूरी तरह सूचना और संचार तकनीकी पर निर्भर हो जायेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में टेलीकम्यूनिकेशन और ऑनलाइन मार्केटिंग मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है. पर्यटन उद्योग में ऑनलाइन प्रौद्योगिकी का उपयोग काफी समय से चल रहा है, लेकिन पोस्ट कोविड काल में डैस्टिनेशन मार्केटिंग का चलन बढ़ेगा और छात्र-छात्राओं को आवश्यक ज्ञान प्रदान करने के लिए इस पुस्तक का लेखन किया गया हैं.

सोशल वेबसाइट्स की महत्ता
पुस्तक के सहलेखक डॉक्टर जीके श्रीनिवासन ने जानकारी दी कि सोशल वेबसाइटों के असाधारण उपयोग ने प्रचार गतिविधियों को बहुत आसान बना दिया है और वर्तमान में यह स्पष्ट को गया है कि तकनीकी संसाधनों के उचित उपयोग से ही किसी भी व्यवसाय और विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र का समुचित विकास सम्भव है. पर्यटन और आतिथ्य का व्यवसाय उत्पाद सेवा आधारित हैं, इसलिए पर्यटन और गंतव्य प्रचार व्यावसायिक गतिविधियों को भी तकनीकी सहायता की बहुत आवश्यकता होती है.

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