ETV Bharat / state

झांसी के इस गांव में बीता है सांसद उमा भारती का बचपन

झांसी के करगुवां गांव के लोग चुनावी चर्चा से अलग उमा भारती के बचपन से जुड़ी यादें सहेजे हुए हैं. दरअसल इस गांव में उमा भारती लगभग 11 से 12 साल रही हैं और तब उनकी उम्र लगभग नौ या दस साल रही होगी.

author img

By

Published : Mar 30, 2019, 5:11 PM IST

झांसी : चुनावी मौसम में इस बात पर चर्चा चल रही है कि झांसी लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद उमा भारती की जगह कौन चुनाव लड़ेगा. दूसरी ओर, करगुवां गांव के लोग चुनावी चर्चा से अलग उमा भारती के बचपन से जुड़ी यादें सहेजे हुए हैं. दरअसलइस गांव में उमा भारती लगभग 11 से 12 साल रही हैं और तब उनकी उम्र लगभग नौ या दससाल रही होगी. वह तब सत्संग करती थीं. जिस परिवार में वह रहीं, उस परिवार के लोग उनसे जुड़े कई संस्मरण आज भी याद करते हैं.

झांसी के इस गांव में बीता है उमा भारती का बचपन, देखें वीडियो

गांव के लोग बताते हैं कि लेखराम के घर में उमा भारती बचपन में रही थीं. यहां आने से पहले ही उन्होंने सत्संग और कथा पाठ की शुरुआत कर दी थी. लेखराम अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके तीन पुत्र जगदीश लाल, चन्दन और भरत लाल हैं. लेखराम के बेटे बताते हैं कि भले ही उस समय उम्र कम थी लेकिन यादों में सारी बातें अभी भी बनी हुई हैं. परिवार के लोग कई बातें आज भी मन में सहेज कर रखे हुए हैं.

बचपन से ही प्रवचन करने लगीं थीं उमा

जगदीश लाल बताते हैं कि मेरे पिताजी के समय में वह यहां आई थीं. बचपन में मेरा उनका साथ रहा, तभी से हमारे उनके संबंध बने हुए हैं. कभी अंतर महसूस नहीं हुआ. यहां आने से तीन साल पहले से वह प्रवचन करने लगी थीं. रक्षाबंधन पर राखी भिजवाती थीं. जब वह विदेश रहीं, तब भी राखी भिजवाती थीं.

जगदीश लाल के छोटे भाई भरत लाल की पत्नी सरोज बताती हैं कि वह प्रवचन करती थीं. अभी कुछ दिन पहले यहां आई थीं. हमारे ससुर के साथकथा कहती थीं. उन्होंने एक फोटो दिखाते हुए कहा कि यह उनके बचपन की फोटो है. इसके अलावा भी कई फोटो हैं, जिन्हें संभाल कर रखा है.

झांसी : चुनावी मौसम में इस बात पर चर्चा चल रही है कि झांसी लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद उमा भारती की जगह कौन चुनाव लड़ेगा. दूसरी ओर, करगुवां गांव के लोग चुनावी चर्चा से अलग उमा भारती के बचपन से जुड़ी यादें सहेजे हुए हैं. दरअसलइस गांव में उमा भारती लगभग 11 से 12 साल रही हैं और तब उनकी उम्र लगभग नौ या दससाल रही होगी. वह तब सत्संग करती थीं. जिस परिवार में वह रहीं, उस परिवार के लोग उनसे जुड़े कई संस्मरण आज भी याद करते हैं.

झांसी के इस गांव में बीता है उमा भारती का बचपन, देखें वीडियो

गांव के लोग बताते हैं कि लेखराम के घर में उमा भारती बचपन में रही थीं. यहां आने से पहले ही उन्होंने सत्संग और कथा पाठ की शुरुआत कर दी थी. लेखराम अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके तीन पुत्र जगदीश लाल, चन्दन और भरत लाल हैं. लेखराम के बेटे बताते हैं कि भले ही उस समय उम्र कम थी लेकिन यादों में सारी बातें अभी भी बनी हुई हैं. परिवार के लोग कई बातें आज भी मन में सहेज कर रखे हुए हैं.

बचपन से ही प्रवचन करने लगीं थीं उमा

जगदीश लाल बताते हैं कि मेरे पिताजी के समय में वह यहां आई थीं. बचपन में मेरा उनका साथ रहा, तभी से हमारे उनके संबंध बने हुए हैं. कभी अंतर महसूस नहीं हुआ. यहां आने से तीन साल पहले से वह प्रवचन करने लगी थीं. रक्षाबंधन पर राखी भिजवाती थीं. जब वह विदेश रहीं, तब भी राखी भिजवाती थीं.

जगदीश लाल के छोटे भाई भरत लाल की पत्नी सरोज बताती हैं कि वह प्रवचन करती थीं. अभी कुछ दिन पहले यहां आई थीं. हमारे ससुर के साथकथा कहती थीं. उन्होंने एक फोटो दिखाते हुए कहा कि यह उनके बचपन की फोटो है. इसके अलावा भी कई फोटो हैं, जिन्हें संभाल कर रखा है.

Intro:झांसी. चुनावी मौसम में इस बात पर चर्चा चल रही है कि झांसी लोकसभा सीट पर उमा भारती की जगह कौन चुनाव लड़ेगा। दूसरी ओर झांसी के करगुवां गांव के लोग चुनावी चर्चा से अलग उमा भारती के बचपन से जुड़ी यादें सहेजे हुए हैं। उमा भारती इस गांव में लगभग 11 से 12 साल रही हैं और तब उनकी उम्र लगभग 9 या 10 साल के करीब रही होगी। वे तब सत्संग करती थीं। जिस परिवार में वे रहीं, उस परिवार के लोग उनसे जुड़े कई संस्मरण याद करते हैं।


Body:गांव के लोग बताते हैं कि लेखराम के घर में उमा भारती बालपन में रही थीं। यहां आने से पहले ही वे सत्संग और कथा पाठ की शुरुआत कर चुकी थीं। लेखराम अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेखराम के तीन पुत्र जगदीश लाल, चन्दन और भरत लाल हैं। लेखराम के बेटे बताते हैं कि भले ही उस समय उम्र कम थी लेकिन यादों में सारी बातें अभी भी बनी हुई हैं। परिवार के लोग कई बातें आज भी मन में सहेज कर रखे हुए हैं।


Conclusion:जगदीश लाल बताते हैं कि मेरे पिताजी के समय में वे आई थीं। बचपन में मेरा उनका साथ रहा तभी से हमारे उनके संबंध बने हुए हैं। कभी अंतर महसूस नहीं हुआ। प्रवचन वे यहां आने से पहले करने लगी थीं। यहां आने से तीन साल पहले से वे प्रवचन करने लगी थीं। यहां वे लगभग 11-12 साल रहीं। रक्षाबन्धन पर राखी भिजवाती थीं। जब वे विदेश रहीं, तब भी राखी भिजवाती थीं। जगदीश लाल के छोटे भाई भरत लाल की पत्नी सरोज बताती हैं कि वे प्रवचन करती थीं। अभी कुछ दिन पहले यहां आई थीं। हमारे ससुर के संग कथा बांचती थी। छोटी लड़की थीं। यह फोटो उनके छोटेपन की है। इसके अलावा भी कई फ़ोटो हैं, जिन्हें संभाल कर रखा है। बाइट - जगदीश लाल - ग्रामीण बाइट - सरोज - ग्रामीण लक्ष्मी नारायण शर्मा झांसी 9454013045
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.