झांसी : चुनावी मौसम में इस बात पर चर्चा चल रही है कि झांसी लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद उमा भारती की जगह कौन चुनाव लड़ेगा. दूसरी ओर, करगुवां गांव के लोग चुनावी चर्चा से अलग उमा भारती के बचपन से जुड़ी यादें सहेजे हुए हैं. दरअसलइस गांव में उमा भारती लगभग 11 से 12 साल रही हैं और तब उनकी उम्र लगभग नौ या दससाल रही होगी. वह तब सत्संग करती थीं. जिस परिवार में वह रहीं, उस परिवार के लोग उनसे जुड़े कई संस्मरण आज भी याद करते हैं.
गांव के लोग बताते हैं कि लेखराम के घर में उमा भारती बचपन में रही थीं. यहां आने से पहले ही उन्होंने सत्संग और कथा पाठ की शुरुआत कर दी थी. लेखराम अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके तीन पुत्र जगदीश लाल, चन्दन और भरत लाल हैं. लेखराम के बेटे बताते हैं कि भले ही उस समय उम्र कम थी लेकिन यादों में सारी बातें अभी भी बनी हुई हैं. परिवार के लोग कई बातें आज भी मन में सहेज कर रखे हुए हैं.
बचपन से ही प्रवचन करने लगीं थीं उमा
जगदीश लाल बताते हैं कि मेरे पिताजी के समय में वह यहां आई थीं. बचपन में मेरा उनका साथ रहा, तभी से हमारे उनके संबंध बने हुए हैं. कभी अंतर महसूस नहीं हुआ. यहां आने से तीन साल पहले से वह प्रवचन करने लगी थीं. रक्षाबंधन पर राखी भिजवाती थीं. जब वह विदेश रहीं, तब भी राखी भिजवाती थीं.
जगदीश लाल के छोटे भाई भरत लाल की पत्नी सरोज बताती हैं कि वह प्रवचन करती थीं. अभी कुछ दिन पहले यहां आई थीं. हमारे ससुर के साथकथा कहती थीं. उन्होंने एक फोटो दिखाते हुए कहा कि यह उनके बचपन की फोटो है. इसके अलावा भी कई फोटो हैं, जिन्हें संभाल कर रखा है.