झांसी : बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी अब विश्वविद्यालय की नौकरी करते हुए किसी भी महाविद्यालय की प्रबंध समिति में या किसी अन्य पद पर किसी भी रूप में नहीं रह पाएंगे. यह निर्णय नवम्बर 2020 में आयोजित कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया था. अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है.
शिकायतों पर हुई कार्रवाई
दरअसल, विश्वविद्यालय में कार्यरत बहुत सारे शिक्षकों और कर्मचारियों के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वे या तो अपने स्वयं के महाविद्यालय संचालित कर रहे हैं या अन्य महाविद्यालयों में प्रबंध समिति से जुड़े हुए हैं. ऐसे शिक्षक और कर्मचारी विश्वविद्यालय से वेतन लेते हैं, लेकिन उनका ध्यान हमेशा अपने महाविद्यालय पर लगा रहता है. इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय कार्यपरिषद ने यह निर्णय लिया है.
कार्रवाई की चेतावनी
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि विश्वविद्यालय की स्थायी या स्ववित्तपोषित योजना के तहत कार्यरत शिक्षक या कर्मचारी किसी भी दशा में किसी भी महाविद्यालय की प्रबंध समिति में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सदस्य या किसी अन्य पद पर नहीं रह सकेंगे. आदेश में कहा गया है कि ऐसे कर्मचारी और शिक्षक जो कहीं किसी महाविद्यालय में किसी भी रूप में जुड़े हुए हैं, वे तत्काल विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचित कर संबंधित पद से त्यागपत्र दें. आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.