ETV Bharat / state

बुंदेलखंड में खतरनाक होगी सूखे की स्थिति: सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह

मंगलवार को झांसी के दौरे पर सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने यहां बबीना ब्लॉक में कनेरा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए चल रहे कार्य का जायजा लिया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि, बुंदेलखंड में सूखे की स्थिति अभी से दिखने लगी है.

सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह
सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह
author img

By

Published : Mar 3, 2021, 6:33 AM IST

झांसी: सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह मंगलवार को झांसी जनपद के दौरे पर पहुंचे. यहां वे बबीना ब्लॉक के कनेरा नदी को पुनर्जीवित करने के काम का जायजा लिया. उन्होंने यहां सूखा प्रभावित कई गांव का जायजा लिया और बुंदेलखंड सूखे की बन रही स्थिति पर चिंता जताई. जल पुरुष ने इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बुंदेलखंड में सूखे की समस्या का प्रमुख कारण जल प्रबंधन का अभाव है.

सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह का बयान
राजेन्द्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बुंदेलखंड में भूजल के भंडार खाली हो रहे हैं. डिस्चार्ज बढ़ रहा है और मिट्टी में नमी नहीं है. गेहूं की फसल सूख रही है. सूखे की स्थिति अभी से दिखने लगी है. ये बुंदेलखंड के लिए खतरनाक होगी. बुंदेलखंड को ऐसे खतरों से बचना है तो पानीदार बनने की कुछ कोशिशें करनी होंगी. बुंदेलखंड तब तक समृद्ध नहीं हो सकता जब तक गांव का पानी गांव में न रोका जाए.राजेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत के गांव के गणराज्य में जो प्रक्रिया थी, इस प्रक्रिया के कारण भारत का गांव गुलामी के दिनों में भी आजाद था. आज उसकी आजादी नष्ट हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने तीनों नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए नुकसान दायक बताते हुए कहा कि, इससे तो किसानों के हालत और बिगड़ेगी. बाइट - राजेन्द्र सिंह - सामाजिक कार्यकर्ता

झांसी: सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह मंगलवार को झांसी जनपद के दौरे पर पहुंचे. यहां वे बबीना ब्लॉक के कनेरा नदी को पुनर्जीवित करने के काम का जायजा लिया. उन्होंने यहां सूखा प्रभावित कई गांव का जायजा लिया और बुंदेलखंड सूखे की बन रही स्थिति पर चिंता जताई. जल पुरुष ने इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बुंदेलखंड में सूखे की समस्या का प्रमुख कारण जल प्रबंधन का अभाव है.

सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह का बयान
राजेन्द्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बुंदेलखंड में भूजल के भंडार खाली हो रहे हैं. डिस्चार्ज बढ़ रहा है और मिट्टी में नमी नहीं है. गेहूं की फसल सूख रही है. सूखे की स्थिति अभी से दिखने लगी है. ये बुंदेलखंड के लिए खतरनाक होगी. बुंदेलखंड को ऐसे खतरों से बचना है तो पानीदार बनने की कुछ कोशिशें करनी होंगी. बुंदेलखंड तब तक समृद्ध नहीं हो सकता जब तक गांव का पानी गांव में न रोका जाए.राजेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत के गांव के गणराज्य में जो प्रक्रिया थी, इस प्रक्रिया के कारण भारत का गांव गुलामी के दिनों में भी आजाद था. आज उसकी आजादी नष्ट हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने तीनों नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए नुकसान दायक बताते हुए कहा कि, इससे तो किसानों के हालत और बिगड़ेगी. बाइट - राजेन्द्र सिंह - सामाजिक कार्यकर्ता
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.