झांसी. जनपद में 54 करोड़ की लागत से लक्ष्मी ताल के सुंदरीकरण के काम में हुए घोटाले की जांच की मांग की गई है. बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने शुक्रवार को झांसी के डीएम आन्द्रा वामसी को शिकायती पत्र देकर मामले की जांच कराने और भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
साल 2016 में शुरू हुआ काम
डीएम को दिए शिकायती पत्र में कहा गया है कि ऐतिहासिक लक्ष्मी ताल के विकास व जीर्णोद्धार के लिए कई संस्थाओं ने आन्दोलन किये थे. इसके बाद यहां सुंदरीकरण का काम शुरू हुआ था. साल 2016 से लक्ष्मीताल के कार्य ने गति पकड़ी, लेकिन कार्यदायी संस्था ने काम को बीच में रोक दिया.
डीपीआर की अनदेखी का आरोप
शिकायती पत्र में कहा गया है कार्यदायी संस्था ने लक्ष्मी ताल के जीर्णोद्धार के लिए बनाई गयी डीपीआर के विपरीत काम किया है. लक्ष्मी ताल से कितना मलबा निकाल कर कहां जाना था, इसकी जांच कराई जानी चाहिए. क्योंकि मलबा उतना निकाला ही नहीं गया जितना डीपीआर में बताया गया है. इसी प्रकार जिस प्रकार से पाथ वे बनाया जा रहा है उससे लक्ष्मीताल का स्वरूप ताल की जगह तलैया बनकर रह जाएगा.
आमरण अनशन की चेतावनी
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष भानू सहाय ने बताया कि कार्यदायी संस्था ने लक्ष्मी ताल का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया लेकिन अभी तक चारदीवारी नहीं बनाई. ताल का जीर्णोद्धार कार्य कितनी भूमि पर कराया जा रहा है, इसका पता तो तब लगेगा जब ताल की नाप का कार्य पूर्ण कर लिया होता. बिना नाप किये हुए कार्यदायी संस्था ने काम क्यों शुरू किया, इस बात की भी जांच कराई जाए. यदि जांच नहीं कराई गई तो आमरण अनशन करेंगे.