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पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर: सदमे से दादी की मौत, भाई बोले- खत्म हो जाएगा पूरा परिवार

उतर प्रदेश के झांसी में पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामला पुलिस के लिए आफत बना हुआ है. रविवार को पुष्पेंद्र यादव की दादी की सदमे की वजह से मौत हो गई. फिलहाल उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. वहीं दादी की मौत पर पुष्पेंद्र के भाई रविंद्र ने कहा कि पता नहीं अभी कितने लोग मेरे परिवार से मरेंगे.

पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर.
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Published : Oct 13, 2019, 1:29 PM IST

झांसी: पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामला पुलिस के लिए आफत बना हुआ है. वहीं रविवार सुबह पुष्पेंद्र यादव की दादी की सदमे की वजह से मौत हो गई. दादी की मौत पर पुष्पेंद्र के सैनिक भाई ने कहा कि पता नहीं कितने लोग मेरे परिवार से मरेंगे. पूरा का पूरा परिवार खत्म हो जाएगा. फिलहाल ग्रामीणों और परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया है.

जानकारी देते पुष्पेंद्र के बड़े भाई रविंद्र.

झांसी पुलिस ने बीती 6 तारीख को पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर किया था, जिसको परिवार वाले और गांव वाले हत्या बता रहे हैं. जहां एक ओर पुष्पेंद्र यादव की पत्नी सहित पूरा परिवार दुखी था, वहीं रविवार सुबह उनकी दादी ठकुरानी ने दम तोड़ दिया. दादी की मौत की वजह परिजन सदमा बता रहे हैं. दादा प्रताप सिंह का आठ साल पहले स्वर्गवास हो गया था.

ये भी पढ़ें- पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर: बोले पूर्व विधायक, जिसका पिता और भाई सैनिक हो उसे एक दिन में बना दिया माफिया

मृतक पुष्पेंद्र यादव के भाई रविंद्र यादव ने कहा कि जब से पुष्पेंद्र यादव की हत्या हुई है. उसके बाद से हमारी दादी ने खाना-पीना छोड़ दिया था. दिनभर सिर्फ पुष्पेंद्र के ही बारे में पूछा करती थी. वहीं पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंस्पेक्टर को बचाने के लिए शासन और प्रशासन एक हो चुका है. मैं एक सामाजिक आदमी हूं फिर भी हमारे आंदोलन को एक जाति विशेष का करार दे दिया गया है. मैं एक सैनिक हूं और हर नागरिक की रक्षा करता हूं. रविंद्र आगे कहते हैं कि अभी तो मेरी दादी ने अंतिम सांस ली. घर में लगभग सभी लोग खाना नहीं खा रहे हैं, पता नहीं कितने लोग मरेंगे.

झांसी: पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामला पुलिस के लिए आफत बना हुआ है. वहीं रविवार सुबह पुष्पेंद्र यादव की दादी की सदमे की वजह से मौत हो गई. दादी की मौत पर पुष्पेंद्र के सैनिक भाई ने कहा कि पता नहीं कितने लोग मेरे परिवार से मरेंगे. पूरा का पूरा परिवार खत्म हो जाएगा. फिलहाल ग्रामीणों और परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया है.

जानकारी देते पुष्पेंद्र के बड़े भाई रविंद्र.

झांसी पुलिस ने बीती 6 तारीख को पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर किया था, जिसको परिवार वाले और गांव वाले हत्या बता रहे हैं. जहां एक ओर पुष्पेंद्र यादव की पत्नी सहित पूरा परिवार दुखी था, वहीं रविवार सुबह उनकी दादी ठकुरानी ने दम तोड़ दिया. दादी की मौत की वजह परिजन सदमा बता रहे हैं. दादा प्रताप सिंह का आठ साल पहले स्वर्गवास हो गया था.

ये भी पढ़ें- पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर: बोले पूर्व विधायक, जिसका पिता और भाई सैनिक हो उसे एक दिन में बना दिया माफिया

मृतक पुष्पेंद्र यादव के भाई रविंद्र यादव ने कहा कि जब से पुष्पेंद्र यादव की हत्या हुई है. उसके बाद से हमारी दादी ने खाना-पीना छोड़ दिया था. दिनभर सिर्फ पुष्पेंद्र के ही बारे में पूछा करती थी. वहीं पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंस्पेक्टर को बचाने के लिए शासन और प्रशासन एक हो चुका है. मैं एक सामाजिक आदमी हूं फिर भी हमारे आंदोलन को एक जाति विशेष का करार दे दिया गया है. मैं एक सैनिक हूं और हर नागरिक की रक्षा करता हूं. रविंद्र आगे कहते हैं कि अभी तो मेरी दादी ने अंतिम सांस ली. घर में लगभग सभी लोग खाना नहीं खा रहे हैं, पता नहीं कितने लोग मरेंगे.

Intro:झांसी : जहां पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामला पुलिस के लिए ऑफिस बना हुआ है. वहीं, आज सुबह उनकी दादी की सदमे की वजह से मौत हो गई. दादी की मौत पर मृतक का सैनिक भाई बोला कि पता नहीं कितने लोग मेरे परिवार से मरेंगे पूरा का पूरा खत्म हो जाएगा.. फिलहाल गांव वालों और घर वालों ने मिलकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया है.




Body:बताते चलें कि झांसी पुलिस ने बीती 6 तारीख को पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर कर दिया था. जिसको परिवार वाले और गांव वाले हत्या बता रहे हैं. जहां एक ओर पुष्पेंद्र यादव की पत्नी सहित पूरा परिवार दुखी था वही आज सुबह उसकी दादी ठकुरानी ने दम तोड़ दिया. उनकी मौत की वजह परिजन और गांव वाले सदमा बता रहे हैं. जबकि दादा प्रताप सिंह का 8 साल पहले स्वर्गवास हो गया था.




Conclusion:मृतक पुष्पेंद्र यादव के भाई रविंद्र यादव बताते हैं कि जब से पुष्पेंद्र यादव की हत्या हुई है उसके बाद से हमारी दादी ने खाना-पीना छोड़ दिया था. दिनभर सिर्फ पुष्पेंद्र के ही बारे में पूछा करती थी. वहीं पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्पेक्टर को बचाने के लिए शासन और प्रशासन एक हो चुका है. मैं एक सामाजिक आदमी हूं फिर भी हमारे आंदोलन को 'यादव' करार दे दिया गया. मैं एक सैनिक हूं और हर नागरिक की रक्षा करता हूं. रविंद्र आगे कहते हैं कि अभी तो मेरी दादी ने अंतिम सांस ली घर में लगभग सभी लोग खाना नहीं खा रहे हैं .पता नहीं कितने लोग मरेंगे.


वाइट- फौजी रविंद्र। मृतक का बड़ा भाई।

Regards
Ram Naresh Yadav
Jhansi
9458784159
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