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झांसी: बिजली विभाग की लापरवाही से अंधेरे में जिंदगी काट रहे लोग

उत्तर प्रदेश के झांसी में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने की सरकार के दावे की पोल खुलती दिखाई दे रही है. गांव में महीने में औसतन 10 से 15 दिन ही लाइट उपलब्ध होती है.

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Published : Sep 6, 2019, 3:06 PM IST

गांव में बिजली की स्थिति बेहद खराब है.

झांसी: बबीना ब्लॉक के मठ गांव में आलम यह है कि किसी फाल्ट के हो जाने पर यहां हफ्ते भर तक कोई लाइन सुधारने नहीं आता. गांव के लोग रुपये जमाकर किसी तरह फाल्ट ठीक करवा भी लें तो बहुत दिनों तक राहत नहीं मिलती. कुछ ही दिनों में फिर फाल्ट आ जाता है.

गांव में बिजली की स्थिति बेहद खराब है.

गांव में बिजली की स्थिति बेहद खराब-

  • गांव के लोग दावा करते हैं कि महीने में औसतन 10 से 15 दिन ही लाइट उपलब्ध हो पाती है.
  • जब लाइट आती है तब भी कभी चार घण्टे तो कभी पांच घण्टे.
  • यह हालत आसपास के कई अन्य गांव में भी है.
  • गांव के लोग फोन पर बिजली विभाग के अफसरों को शिकायत करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती.
  • प्राइवेट लाइनमैन को मरम्मत के पैसे भी गांव के लोग देते हैं.

इसे भी पढ़ें- झांसी: इंस्पेक्टर पर लगा अश्लील वीडियो बनाने का आरोप, मामला दर्ज

यहां बिजली की स्थिति बेहद खराब है. हर चार से पांच दिन पर कोई न कोई खराबी बनी रहती है. जब बिजली आती भी है तो चार या पांच घण्टे से ज्यादा नहीं मिलती.-सुमित, ग्रामीण

10 या 5 दिन में 1 या 2 दिन बिजली देते हैं. जेई को फोन लगाते हैं तो वे मिस्त्री भेजने की बात कहते हैं .लेकिन वह भी कभी पांच दिन बाद तो कभी हफ्ते भर बाद आता है.
-राजेश यादव, ग्राम प्रधान

बिजली विभाग की अक्सर शिकायतें आती हैं कि फाल्ट समय से नहीं सुधारे जा रहे हैं. हमने मीटिंग ली है और निर्देश दे रहे हैं कि कोई भी फाल्ट होने पर 24 घण्टे के भीतर सुधारा जाए.
-निखिल टीकाराम फुण्डे ,सीडीओ

झांसी: बबीना ब्लॉक के मठ गांव में आलम यह है कि किसी फाल्ट के हो जाने पर यहां हफ्ते भर तक कोई लाइन सुधारने नहीं आता. गांव के लोग रुपये जमाकर किसी तरह फाल्ट ठीक करवा भी लें तो बहुत दिनों तक राहत नहीं मिलती. कुछ ही दिनों में फिर फाल्ट आ जाता है.

गांव में बिजली की स्थिति बेहद खराब है.

गांव में बिजली की स्थिति बेहद खराब-

  • गांव के लोग दावा करते हैं कि महीने में औसतन 10 से 15 दिन ही लाइट उपलब्ध हो पाती है.
  • जब लाइट आती है तब भी कभी चार घण्टे तो कभी पांच घण्टे.
  • यह हालत आसपास के कई अन्य गांव में भी है.
  • गांव के लोग फोन पर बिजली विभाग के अफसरों को शिकायत करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती.
  • प्राइवेट लाइनमैन को मरम्मत के पैसे भी गांव के लोग देते हैं.

इसे भी पढ़ें- झांसी: इंस्पेक्टर पर लगा अश्लील वीडियो बनाने का आरोप, मामला दर्ज

यहां बिजली की स्थिति बेहद खराब है. हर चार से पांच दिन पर कोई न कोई खराबी बनी रहती है. जब बिजली आती भी है तो चार या पांच घण्टे से ज्यादा नहीं मिलती.-सुमित, ग्रामीण

10 या 5 दिन में 1 या 2 दिन बिजली देते हैं. जेई को फोन लगाते हैं तो वे मिस्त्री भेजने की बात कहते हैं .लेकिन वह भी कभी पांच दिन बाद तो कभी हफ्ते भर बाद आता है.
-राजेश यादव, ग्राम प्रधान

बिजली विभाग की अक्सर शिकायतें आती हैं कि फाल्ट समय से नहीं सुधारे जा रहे हैं. हमने मीटिंग ली है और निर्देश दे रहे हैं कि कोई भी फाल्ट होने पर 24 घण्टे के भीतर सुधारा जाए.
-निखिल टीकाराम फुण्डे ,सीडीओ

Intro:झांसी. ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के सरकार के दावे की पोल खुलती दिखाई देती है झांसी के बबीना ब्लॉक के मठ गांव में। आलम यह है कि किसी फाल्ट के हो जाने पर यहां हफ्ते भर तक कोई लाइन सुधारने नहीं आता। गांव के लोग रुपये जमाकर किसी तरह फाल्ट ठीक करवा भी लें तो बहुत दिनों तक राहत नहीं मिलती बल्कि कुछ ही दिनों में फिर फाल्ट आ जाता है। यह हालत आसपास के कई अन्य गांव में भी है।


Body:गांव के लोग दावा करते हैं कि महीने में औसतन 10 से 15 दिन ही लाइट उपलब्ध हो पाती है। जब लाइट आती है तब भी कभी चार घण्टे तो कभी पांच घण्टे। गांव के लोग फोन पर बिजली विभाग के अफसरों को शिकायत करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। प्राइवेट लाइनमैन को मरम्मत के पैसे भी गांव के लोग देते हैं।

गांव के सुमित बताते हैं कि यहां बिजली की स्थिति बेहद खराब है। हर चार से पांच दिन पर कोई न कोई खराबी बनी रहती है। जब बिजली आती भी है तो चार या पांच घण्टे से ज्यादा नहीं मिलती। राम निवास बताते है कि कभी चार दिन तो कभी पांच दिन बिजली गुल रहती है। चमरौआ गांव के पास से बिजली काट देते हैं। प्राइवेट लाइनमैन को पैसे देकर लाइन जुड़वाना पड़ता है।


Conclusion:ग्राम प्रधान राजेश यादव बताते हैं कि 10 या 5 दिन में 1 या 2 दिन बिजली देते हैं। जेई को फोन लगाते हैं तो वे मिस्त्री भेजने की बात कहते हैं लेकिन वह भी कभी पांच दिन बाद तो कभी हफ्ते भर बाद आता है।

मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे बताते हैं कि बिजली विभाग की अक्सर शिकायतें आती हैं कि फाल्ट समय से नहीं सुधारे जा रहे हैं। हमने मीटिंग ली है और निर्देश दे रहे हैं कि कोई भी फाल्ट होने पर 24 घण्टे के भीतर सुधारा जाए।


बाइट. सुमित - ग्रामीण
बाइट. राम निवास - ग्रामीण
बाइट. राजेश यादव - ग्राम प्रधान
बाइट. निखिल टीकाराम फुण्डे - सीडीओ

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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