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झांसी: पहूज नदी का घाट बना कूड़ाघर, लोग फेंकते हैं श्मशान की राख

झांसी में पहूज नदी पर बना घाट कूड़ाघर में तब्दील हो गया है. लोग मंदिरों से निकलने वाला फूल, घर की गंदगी, श्मशान की राख और हड्डियों तक को यहां फेंक रहे हैं, जिससे घाट पर गंदगी का अंबार लगा है.

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पहुज नदी पर घाट बना कूड़ाघर.
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Published : Jan 22, 2020, 3:16 PM IST

झांसी: पहुज नदी के सुंदरीकरण के लिए 50 लाख रुपये की लागत से बना घाट इस समय पूरी तरह से कूड़ाघर में तब्दील हो चुका है. यहां घाट पर पॉलिथीन, फूल, श्मशान की राख और हड्डियों का ढेर बिखरा दिखाई देता है. स्थानीय लोग नदी के ऊपर से भी यहां कूड़ा नदी में फेंक जाते हैं. नगर निगम कर्मचारियों की घाट को साफ करने की सारी कोशिशें यहां नाकाम साबित हो रही हैं.

जानकारी देते सफाईकर्मी.

सांसद निधि से हुआ था घाट निर्माण

जनपद मुख्यालय के निकट पहुज नदी पर घाट का निर्माण पूर्व सांसद उमा भारती के सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से वर्ष 2018-19 में किया गया था. इस घाट का निर्माण 50 लाख रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास संघ लिमिटेड झांसी ने किया है. नगर निगम की उदासीनता और स्थानीय लोगों की लापरवाही के कारण यह घाट इस समय कूड़ाघर की शक्ल ले चुका है.

इसे भी पढ़ें:-राष्ट्रीय बाल पुरस्कार समारोह : राष्ट्रपति ने 22 होनहार बच्चों को पुरस्कार से सम्मानित किया

पब्लिक कचरा फेंकती है. पब्लिक को समझाना मुश्किल है. आये दिन कचरा घाट पर डाला जाता है. यहां लोग मंदिरों का, श्मशान का और सभी तरह का कचरा फेंकते हैं.
-राजीव वाल्मीकि, नगर निगम के सफाई कर्मचारी
यहां घाट बनाया गया था नहाने-धोने के लिए. यहां लोग श्मशान घाट की राख फेंक जाते हैं. लोग यह राख पानी में नहीं डाल रहे हैं. राख यहां पूरे घाट पर फैलाई जा रही है. हर रोज बोरियों में भर कर राख आती है. हम लोग सफाई करके परेशान हो चुके हैं.
-बाबू लाल, नगर निगम के सफाई हवलदार

झांसी: पहुज नदी के सुंदरीकरण के लिए 50 लाख रुपये की लागत से बना घाट इस समय पूरी तरह से कूड़ाघर में तब्दील हो चुका है. यहां घाट पर पॉलिथीन, फूल, श्मशान की राख और हड्डियों का ढेर बिखरा दिखाई देता है. स्थानीय लोग नदी के ऊपर से भी यहां कूड़ा नदी में फेंक जाते हैं. नगर निगम कर्मचारियों की घाट को साफ करने की सारी कोशिशें यहां नाकाम साबित हो रही हैं.

जानकारी देते सफाईकर्मी.

सांसद निधि से हुआ था घाट निर्माण

जनपद मुख्यालय के निकट पहुज नदी पर घाट का निर्माण पूर्व सांसद उमा भारती के सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से वर्ष 2018-19 में किया गया था. इस घाट का निर्माण 50 लाख रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास संघ लिमिटेड झांसी ने किया है. नगर निगम की उदासीनता और स्थानीय लोगों की लापरवाही के कारण यह घाट इस समय कूड़ाघर की शक्ल ले चुका है.

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पब्लिक कचरा फेंकती है. पब्लिक को समझाना मुश्किल है. आये दिन कचरा घाट पर डाला जाता है. यहां लोग मंदिरों का, श्मशान का और सभी तरह का कचरा फेंकते हैं.
-राजीव वाल्मीकि, नगर निगम के सफाई कर्मचारी
यहां घाट बनाया गया था नहाने-धोने के लिए. यहां लोग श्मशान घाट की राख फेंक जाते हैं. लोग यह राख पानी में नहीं डाल रहे हैं. राख यहां पूरे घाट पर फैलाई जा रही है. हर रोज बोरियों में भर कर राख आती है. हम लोग सफाई करके परेशान हो चुके हैं.
-बाबू लाल, नगर निगम के सफाई हवलदार

Intro:( ईटीवी भारत स्पेशल )

झांसी. पहूज नदी के सुंदरीकरण के लिए पचास लाख रुपये की लागत से बना घाट इस समय पूरी तरह से कूड़ाघर में तब्दील हो चुका है. यहां घाट पर पॉलिथीन, फूल, शमशान की राख और हड्डियों का ढेर बिखरा दिखाई देता है. स्थानीय लोग नदी के ऊपर से भी यहां कूड़ा नदी में फेंक जाते हैं. नगर निगम कर्मचारियों की घाट को साफ करने की सारी कोशिशें यहां नाकाम साबित हो रही हैं.


Body:सांसद निधि से हुआ था घाट निर्माण

जनपद मुख्यालय के निकट पहूज नदी पर घाट का निर्माण पूर्व सांसद उमा भारती के सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से वर्ष 2018-19 में किया गया था. इस घाट का निर्माण 50 लाख रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास संघ लिमिटेड झांसी ने किया है. नगर निगम की उदासीनता और स्थानीय लोगों की लापरवाही के कारण यह घाट इस समय कूड़ाघर की शक्ल ले चुका है.


Conclusion:नगर निगम कर्मचारी परेशान

नगर निगम के सफाई कर्मचारी राजीव वाल्मीकि बताते हैं कि पब्लिक यहां कचरा फेंकती है. पब्लिक को समझाना मुश्किल है. आये दिन कचरा घाट पर डाला जाता है. यहां लोग मंदिरों का, शमशान का और सभी तरह का कचरा फेंका जाता है. स्थानीय निवासी आशाराम बताते हैं कि यहां काफी गन्दगी है. कई बार पैर में कांच लग जाते हैं. इस कूड़े में कांच, तस्वीरें और पॉलिथीन हैं. लोग भर के फेंक जाते हैं.

घाट पर बिखरी रहती है शमशान की राख

नगर निगम के सफाई हवलदार बाबू लाल बताते हैं कि यहां घाट बनाया गया था नहाने-धोने के लिए. यहां लोग शमशान घाट की राख फेंक जाते हैं. लोग यह राख पानी में नहीं डाल रहे हैं. राख यहां पूरे घाट पर फैलाई जा रही है. हर रोज बोरियों भर कर आती है. हम लोग सफाई करके परेशान हो चुके हैं.

बाइट - राजीव वाल्मीकि - सफाई कर्मचारी, नगर निगम
बाइट - आशाराम - स्थानीय निवासी
बाइट - बाबू लाल - सफाई हवलदार, नगर निगम

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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