झांसी: पहुज नदी के सुंदरीकरण के लिए 50 लाख रुपये की लागत से बना घाट इस समय पूरी तरह से कूड़ाघर में तब्दील हो चुका है. यहां घाट पर पॉलिथीन, फूल, श्मशान की राख और हड्डियों का ढेर बिखरा दिखाई देता है. स्थानीय लोग नदी के ऊपर से भी यहां कूड़ा नदी में फेंक जाते हैं. नगर निगम कर्मचारियों की घाट को साफ करने की सारी कोशिशें यहां नाकाम साबित हो रही हैं.
सांसद निधि से हुआ था घाट निर्माण
जनपद मुख्यालय के निकट पहुज नदी पर घाट का निर्माण पूर्व सांसद उमा भारती के सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से वर्ष 2018-19 में किया गया था. इस घाट का निर्माण 50 लाख रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास संघ लिमिटेड झांसी ने किया है. नगर निगम की उदासीनता और स्थानीय लोगों की लापरवाही के कारण यह घाट इस समय कूड़ाघर की शक्ल ले चुका है.
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पब्लिक कचरा फेंकती है. पब्लिक को समझाना मुश्किल है. आये दिन कचरा घाट पर डाला जाता है. यहां लोग मंदिरों का, श्मशान का और सभी तरह का कचरा फेंकते हैं.
-राजीव वाल्मीकि, नगर निगम के सफाई कर्मचारी
यहां घाट बनाया गया था नहाने-धोने के लिए. यहां लोग श्मशान घाट की राख फेंक जाते हैं. लोग यह राख पानी में नहीं डाल रहे हैं. राख यहां पूरे घाट पर फैलाई जा रही है. हर रोज बोरियों में भर कर राख आती है. हम लोग सफाई करके परेशान हो चुके हैं.
-बाबू लाल, नगर निगम के सफाई हवलदार