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झांसी: दिल्ली से बांदा पैदल रवाना हुए मजदूरों का जत्था

लॉक डाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर पलायन करने को मजबूर हैं. पूरे देश में लॉकडाउन को लेकर सभी सेवाएं बंद कर दी गई हैं. जिससे अब मजदूरों ने दिल्ली से पैदल ही पलायन शुरू कर दिया है.

laborers left on away banda from delhi
laborers left on away banda from delhi
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Published : Mar 27, 2020, 12:48 PM IST

झांसी: देशव्यापी लॉक डाउन के बीच सबसे ज्यादा परेशानी का सामना दिहाड़ी मजदूरों को करना पड़ रहा है. दिल्ली में फैक्ट्रियां बन्द होने के बाद बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहें हैं. इसी के तहत मजदूरों का जत्था पैदल दिल्ली से बुन्देलखण्ड के लिए रवाना हुआ. इनमें से कई मजदूर ऐसे हैं जो तीन दिनों की यात्रा करते हुए झांसी पहुंचे हैं. उन्हें यहां से आगे बांदा तक का सफर अभी तय करना है.

दिल्ली से बांदा पैदल रवाना मजदूरों का जत्था.
ग्वालियर से बांदा पैदल जा रहे मजदूर-बांदा के रहने वाले गोपाल बताते हैं कि जिस दिन ट्रेन बन्द हुआ उसी दिन वह ग्वालियर से बांदा के लिए पैदल निकले थे. गुरुवार को वह झांसी पहुंचे और अभी आगे उन्हें बांदा तक का सफर पैदल ही तय करना है. साथ में आ रहे दूसरे मजदूर का कहना है कि पैसे नहीं होने के कारण वह पैदल ही घर के लिए निकल पड़े. मध्य प्रदेश की ओर से झांसी आने वाली सड़क पर इस तरह के कई नजारे देखने को मिल जाते हैं. इसी तरह सोलह मजदूरों का एक दल सड़क मार्ग से होता हुआ झांसी पहुंचा. जिसे अब बांदा जाना है. दिल्ली से झांसी की दूरी लगभग 500 किमी है और झांसी से बांदा की दूरी लगभह 200 किमी. दिल्ली से पैदल लौट रहे मजदूरों के दल में शामिल लाखन बताते हैं कि उनके साथ सोलह लोग हैं.प्रशासन की भी बढ़ी चिंता -सड़क पर इतनी बड़ी संख्या में राज्यों की सीमा पार करते हुए मजदूरों का आवागमन प्रशासन की चिंता का भी कारण बन रहा है. झांसी के डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि दिल्ली से यदि पैदल आ रहे हैं तो बार्डर चेकपोस्ट पर इनकी स्क्रीनिंग करके इन्हें अंदर भेजा जा रहा है. यदि बार्डर चेकपोस्ट पर स्क्रीनिंग नहीं हो रही है, तो इस सम्बंध में जानकारी लेना पड़ेगा. झांसी के बॉर्डर से लगे 44 चेकपोस्ट बनाये गए हैं.


इसे भी पढ़ें- एमएलए फण्ड में बदलाव करेगी योगी सरकार, कोरोना के लिए दे सकेंगे विधायक निधि से पैसा

झांसी: देशव्यापी लॉक डाउन के बीच सबसे ज्यादा परेशानी का सामना दिहाड़ी मजदूरों को करना पड़ रहा है. दिल्ली में फैक्ट्रियां बन्द होने के बाद बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहें हैं. इसी के तहत मजदूरों का जत्था पैदल दिल्ली से बुन्देलखण्ड के लिए रवाना हुआ. इनमें से कई मजदूर ऐसे हैं जो तीन दिनों की यात्रा करते हुए झांसी पहुंचे हैं. उन्हें यहां से आगे बांदा तक का सफर अभी तय करना है.

दिल्ली से बांदा पैदल रवाना मजदूरों का जत्था.
ग्वालियर से बांदा पैदल जा रहे मजदूर-बांदा के रहने वाले गोपाल बताते हैं कि जिस दिन ट्रेन बन्द हुआ उसी दिन वह ग्वालियर से बांदा के लिए पैदल निकले थे. गुरुवार को वह झांसी पहुंचे और अभी आगे उन्हें बांदा तक का सफर पैदल ही तय करना है. साथ में आ रहे दूसरे मजदूर का कहना है कि पैसे नहीं होने के कारण वह पैदल ही घर के लिए निकल पड़े. मध्य प्रदेश की ओर से झांसी आने वाली सड़क पर इस तरह के कई नजारे देखने को मिल जाते हैं. इसी तरह सोलह मजदूरों का एक दल सड़क मार्ग से होता हुआ झांसी पहुंचा. जिसे अब बांदा जाना है. दिल्ली से झांसी की दूरी लगभग 500 किमी है और झांसी से बांदा की दूरी लगभह 200 किमी. दिल्ली से पैदल लौट रहे मजदूरों के दल में शामिल लाखन बताते हैं कि उनके साथ सोलह लोग हैं.प्रशासन की भी बढ़ी चिंता -सड़क पर इतनी बड़ी संख्या में राज्यों की सीमा पार करते हुए मजदूरों का आवागमन प्रशासन की चिंता का भी कारण बन रहा है. झांसी के डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि दिल्ली से यदि पैदल आ रहे हैं तो बार्डर चेकपोस्ट पर इनकी स्क्रीनिंग करके इन्हें अंदर भेजा जा रहा है. यदि बार्डर चेकपोस्ट पर स्क्रीनिंग नहीं हो रही है, तो इस सम्बंध में जानकारी लेना पड़ेगा. झांसी के बॉर्डर से लगे 44 चेकपोस्ट बनाये गए हैं.


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