झांसी : जिले के उल्दन थाने के थानाध्यक्ष समेत 4 पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं. थाने के सामने एक युवक ने चाकू से अपना गला काट लिया था. परिजनाें ने पुलिस पर उत्पीड़न का आराेप लगाया था. अपर पुलिस महानिदेशक ने मामले में जांच के आदेश दिए थे. प्राथमिक जांच में लापरवाही की पुष्टि हाेने पर एसएसपी ने आराेपियाें काे निलंबित कर दिया.
उल्दन थाना क्षेत्र के ग्राम बीना निवासी विनोद अहिरवार के घर में 18 जनवरी को चोरी हो गई थी. मामले में विनोद की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही पुष्पेंद्र अहिरवार व अन्य 2 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस के अनुसार चोरी की घटना के संबंध में पुष्पेंद्र काे थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. 21 जनवरी काे पुष्पेंद्र अपने 2 साथी जीवन और अंकित के साथ थाने आया था। एसआई राम चरण चौधरी उनसे पूछताछ कर रहे थे.
इस दौरान टॉयलेट जाने की बात कहते हुए पुष्पेंद्र थाने से बाहर निकल गया. यहां उसने चाकू से अपना गला काट लिया. इससे थाने में अफरातफरी मच गई. गंभीर रूप से घायल युवक काे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. परिजनों ने आराेप लगाया था कि पुलिस 4 दिन पहले ही पुष्पेंद्र काे घर से उठा ले गई थी. उन्हाेंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाए. उनका कहना था कि चाेरी की घटना से पुष्पेंद्र का काेई लेना-देना नहीं है. पुलिस बिना वजह उसे फंसा रही है. पुलिस की प्रताड़ना से परेशान हाेकर उसने यह कदम उठाया।
घटना के दूसरे दिन अपर पुलिस महानिदेशक आलोक सिंह भी झांसी में थे। मामला संज्ञान में आने पर उन्हाेंने जांच एसपी ग्रामीण नेपाल सिंह को सौंप दी थी। मामले में लापरवाही पाए जाने पर एसएसपी राजेश एस ने उल्दन थाना अध्यक्ष अजमेर सिंह भदौरिया, उप निरीक्षक रामकरण चौधरी, आरक्षी रॉकी सिंह व नवनीत सिंह को निलंबित कर दिया.
2021 में भी हाे चुकी है पुलिस की किरकिरी
नवंबर 2021 में भी जिले में ऐसी ही एक घटना हुई थी. जिले के बरुआसागर का रहने वाला एक ट्रांसपाेर्टर लापता हाे गया था. उसकी स्कूटी शहर में लावारिस हालत में मिली थी. ट्रांसपाेर्टर से आखिरी बार माेबाइल पर बातचीत के आधार पर पुलिस ने इलाके के काराेबारी अजय साेनी काे इलाइट चाैकी में पूछताछ के लिए बुलाया था. परिजनाें ने आराेप लगाया था कि चौकी में पुलिस ने अजय की जमकर पिटाई कर दी. इससे आहत हाेकर उसने फांसी लगाकर जान दे दी थी. जांच में पुलिस की लापरवाही साबित हाेने पर नवाबाद थाने के तत्कालीन प्रभारी विजय कुमार पांडेय, मुंशी विवेक कुमार और एक अन्य सिपाही काे निलंबित कर दिया गया था. बाद में ट्रांसपाेर्टर भी मिल गया था. कर्ज से परेशान हाेकर उसने खुद की गुमशुदगी का नाटक रचा था.
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