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संक्रमित पत्नी की देखभाल के लिए नहीं मिली छुट्टी, DSP ने दे दिया इस्तीफा - jhansi latest news

कोविड पॉजिटिव पत्नी की देखभाल के लिए छुट्टी न मिलने पर झांसी में सीओ सदर (DSP) के पद पर तैनात मनीष चंद्र सोनकर ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने एक पत्र लिख पुलिस विभाग के अफसरों पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है. उनकी यह चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो गई है.

सीओ सदर मनीष चंद्र सोनकर
सीओ सदर मनीष चंद्र सोनकर
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Published : May 4, 2021, 7:26 AM IST

झांसी : सीओ सदर मनीष चंद्र सोनकर ने पुलिस विभाग के अफसरों पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल और पुलिस विभाग के अफसरों को भेजा है. इस्तीफा अभी स्वीकृत नहीं हुआ है. पत्नी के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद छुट्टी न मिलने को सीओ ने इस्तीफे की वजह बताई है. इस्तीफे के बाद एसएसपी रोहन पी कनय ने सीओ का चार दिनों का अवकाश मंजूर कर लिया है. इस्तीफा देने के बाद सीओ ने एक खुली चिट्ठी लिखी है. यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

चिट्ठी हुई वायरल

सीओ की वायरल चिट्ठी में कहा गया है, 'मैं 2005 बैच का यूपी पीसीएस ऑफिसर हूं. वर्तमान में मैं जनपद झांसी में क्षेत्राधिकारी सदर के पद पर नियुक्त हूं. मेरे साथ मेरी पत्नी और 4 साल की बेटी रह रही है. मैं विगत 12 सालों से पूर्ण निष्ठा और मनोयोग से अपने पद के कर्तव्यों के निर्वहन करते हुए सेवा दे रहा हूं. चाहे जैसी भी परिस्थितियां आईं हों, चाहे परिवार में कोई भी परेशानी आई हो, मेरे परिवार में चाहे कोई कितना भी बीमार रहा हो, चाहे कोई मर भी गया हो, कोई न कोई ऑल्टरनेट व्यवस्था का प्रयास कर हमेशा स्वयं से आगे पुलिस सेवा को रखा है और यह मैं सिर्फ इसलिए कर पाया क्योंकि परिजन विशेषकर मेरी पत्नी द्वारा हमेशा साथ दिया गया.'

प्रताड़ना का लगाया आरोप

वायरल चिट्ठी में आगे लिखा है, 'इसके बावजूद इस महामारी के काल में जब एक बार मेरे परिवार को मेरी जरूरत पड़ी तो मदद करने के बजाय प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया. अपनी पत्नी और 4 साल की बच्ची के साथ झांसी में नियुक्ति के दौरान से रह रहे हैं. सुरक्षा कारणों से कोरोना काल की शुरुआत से ही घर के अलग-अलग हिस्से में रह रहे हैं. मेरी पत्नी को पिछले कई दिनों से हाई डिग्री का फीवर आ रहा था. उससे पहले 20 अप्रैल 2021 से मैं हाई डिग्री के फीवर से पीड़ित रहा. पांच बार टेस्ट कराया पर कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई. इसलिए मैं दवाइयां लेकर कार्य करता रहा. इस दौरान मेरी पत्नी पूरी सावधानियां रखते हुए मेरा ख्याल रखती रहीं.'

एसएसपी पर लगाया आरोप

वायरल चिट्ठी के मुताबिक '30 अप्रैल 2021 को मेरी पत्नी, मेरा और मेरी बेटी का कोविड-19 टेस्ट कराया. इसमें मेरी पत्नी का रैंडम टेस्ट पॉजिटिव आया. उसे तुरंत आइसोलेट करना पड़ा. मेरी 4 वर्ष की बेटी, जो जन्म के बाद से ही सिर्फ अपनी मां के साथ ही रही है, को मेरे पास आना पड़ा. मैं घर में अकेला एडल्ट मेंबर बचा. मेरी पत्नी की सेवा करने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई. जान-पहचान के लोगों से मदद इसलिए नहीं ले सकते थे, क्योंकि मेरी पत्नी के कोरोना पॉजिटिव होने से पहले बेटी लगातार उसके साथ रह रही थी. मैंने दूरभाष के जरिए एसएसपी झांसी को अवगत कराते हुए 1 मई 2021 से 6 दिवस आकस्मिक अवकाश प्रदान करने हेतु आवेदन किया. लेकिन इस कठिन समय में एसएसपी झांसी द्वारा मेरी ड्यूटी 2 मई से 3 मई तक बड़ागांव ब्लॉक के पंचायत चुनाव की मतगणना में लगा दी गई.'

छुट्टी नहीं मिलने पर दिया इस्तीफा

वायरल चिट्ठी में आगे लिखा है, '2 मई को मेरे द्वारा अवकाश हेतु एसएसपी झांसी से पुनः निवेदन किया गया. परंतु उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के भरोसे बेटी को छोड़कर ड्यूटी पर चले आओ. मैंने आने में असमर्थता जतायी और उनसे पुनः अवकाश स्वीकृत करने हेतु निवेदन किया, जिसको उन्होंने मना कर दिया. मैंने उनसे बोला कि आप अवकाश स्वीकृत नहीं कर सकते तो मैं इस स्थिति में कार्य करने को तैयार नहीं हूं. मैं अपना त्यागपत्र दे रहा हूं. इसपर उन्होंने कहा- ठीक है और फोन काट दिया. मैंने राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र के जरिए उचित माध्यम से प्रेषित कर दिया. मेरा त्यागपत्र हेतु आवेदन प्राप्त करते ही 2 मई को ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा संज्ञान लेते हुए अग्रिम कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारी और पुलिस मुख्यालय को निर्देश दे दिया गया. साथ ही मेरे 1 मई के आवेदन के क्रम में 3 मई से 6 मई तक अवकाश प्रदान कर दिया गया, जबकि बड़ागांव मतगणना लगातार जारी ही थी.'

इसे भी पढे़ं- कोरोना अपडेट:आज मिले 29192 नये मरीज, 288 की मौत

'जीवन-यापन के लिए कुछ न कुछ तो कर ही सकता हूं'

वायरल चिट्ठी में आगे लिखा है, 'अगर मुझे त्यागपत्र के आवेदन के बाद छुट्टी मिल सकती थी तो पहले भी मिल सकती थी. विपत्तिकाल में भी छुट्टी न देना मतलब साफ है कि इस प्रकार के आईपीएस हमें अपने से कमतर मनुष्य समझते हैं. अभी भी कोलोनियल और सामंती विचारों से ही पीड़ित हैं, जिसने हमको इस कोरोना काल में दुनिया में सबसे भयावह स्थिति पर ला दिया है. मेरे त्यागपत्र स्वीकार होने के बाद भी मेरा परिवार दुखी नहीं होगा, क्योंकि हम सब साथ में होंगे और जीवन यापन के लिए कुछ न कुछ तो कर ही सकता हूं.' इस मामले में सीओ मनीष सोनकर ने इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि की है. दूसरी ओर झांसी के एसएसपी रोहन पी कनय के मुताबिक, सीओ की चार दिनों की छुट्टी स्वीकृत की गई है. उनके इस्तीफे को अग्रिम कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है.

झांसी : सीओ सदर मनीष चंद्र सोनकर ने पुलिस विभाग के अफसरों पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल और पुलिस विभाग के अफसरों को भेजा है. इस्तीफा अभी स्वीकृत नहीं हुआ है. पत्नी के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद छुट्टी न मिलने को सीओ ने इस्तीफे की वजह बताई है. इस्तीफे के बाद एसएसपी रोहन पी कनय ने सीओ का चार दिनों का अवकाश मंजूर कर लिया है. इस्तीफा देने के बाद सीओ ने एक खुली चिट्ठी लिखी है. यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

चिट्ठी हुई वायरल

सीओ की वायरल चिट्ठी में कहा गया है, 'मैं 2005 बैच का यूपी पीसीएस ऑफिसर हूं. वर्तमान में मैं जनपद झांसी में क्षेत्राधिकारी सदर के पद पर नियुक्त हूं. मेरे साथ मेरी पत्नी और 4 साल की बेटी रह रही है. मैं विगत 12 सालों से पूर्ण निष्ठा और मनोयोग से अपने पद के कर्तव्यों के निर्वहन करते हुए सेवा दे रहा हूं. चाहे जैसी भी परिस्थितियां आईं हों, चाहे परिवार में कोई भी परेशानी आई हो, मेरे परिवार में चाहे कोई कितना भी बीमार रहा हो, चाहे कोई मर भी गया हो, कोई न कोई ऑल्टरनेट व्यवस्था का प्रयास कर हमेशा स्वयं से आगे पुलिस सेवा को रखा है और यह मैं सिर्फ इसलिए कर पाया क्योंकि परिजन विशेषकर मेरी पत्नी द्वारा हमेशा साथ दिया गया.'

प्रताड़ना का लगाया आरोप

वायरल चिट्ठी में आगे लिखा है, 'इसके बावजूद इस महामारी के काल में जब एक बार मेरे परिवार को मेरी जरूरत पड़ी तो मदद करने के बजाय प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया. अपनी पत्नी और 4 साल की बच्ची के साथ झांसी में नियुक्ति के दौरान से रह रहे हैं. सुरक्षा कारणों से कोरोना काल की शुरुआत से ही घर के अलग-अलग हिस्से में रह रहे हैं. मेरी पत्नी को पिछले कई दिनों से हाई डिग्री का फीवर आ रहा था. उससे पहले 20 अप्रैल 2021 से मैं हाई डिग्री के फीवर से पीड़ित रहा. पांच बार टेस्ट कराया पर कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई. इसलिए मैं दवाइयां लेकर कार्य करता रहा. इस दौरान मेरी पत्नी पूरी सावधानियां रखते हुए मेरा ख्याल रखती रहीं.'

एसएसपी पर लगाया आरोप

वायरल चिट्ठी के मुताबिक '30 अप्रैल 2021 को मेरी पत्नी, मेरा और मेरी बेटी का कोविड-19 टेस्ट कराया. इसमें मेरी पत्नी का रैंडम टेस्ट पॉजिटिव आया. उसे तुरंत आइसोलेट करना पड़ा. मेरी 4 वर्ष की बेटी, जो जन्म के बाद से ही सिर्फ अपनी मां के साथ ही रही है, को मेरे पास आना पड़ा. मैं घर में अकेला एडल्ट मेंबर बचा. मेरी पत्नी की सेवा करने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई. जान-पहचान के लोगों से मदद इसलिए नहीं ले सकते थे, क्योंकि मेरी पत्नी के कोरोना पॉजिटिव होने से पहले बेटी लगातार उसके साथ रह रही थी. मैंने दूरभाष के जरिए एसएसपी झांसी को अवगत कराते हुए 1 मई 2021 से 6 दिवस आकस्मिक अवकाश प्रदान करने हेतु आवेदन किया. लेकिन इस कठिन समय में एसएसपी झांसी द्वारा मेरी ड्यूटी 2 मई से 3 मई तक बड़ागांव ब्लॉक के पंचायत चुनाव की मतगणना में लगा दी गई.'

छुट्टी नहीं मिलने पर दिया इस्तीफा

वायरल चिट्ठी में आगे लिखा है, '2 मई को मेरे द्वारा अवकाश हेतु एसएसपी झांसी से पुनः निवेदन किया गया. परंतु उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के भरोसे बेटी को छोड़कर ड्यूटी पर चले आओ. मैंने आने में असमर्थता जतायी और उनसे पुनः अवकाश स्वीकृत करने हेतु निवेदन किया, जिसको उन्होंने मना कर दिया. मैंने उनसे बोला कि आप अवकाश स्वीकृत नहीं कर सकते तो मैं इस स्थिति में कार्य करने को तैयार नहीं हूं. मैं अपना त्यागपत्र दे रहा हूं. इसपर उन्होंने कहा- ठीक है और फोन काट दिया. मैंने राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र के जरिए उचित माध्यम से प्रेषित कर दिया. मेरा त्यागपत्र हेतु आवेदन प्राप्त करते ही 2 मई को ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा संज्ञान लेते हुए अग्रिम कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारी और पुलिस मुख्यालय को निर्देश दे दिया गया. साथ ही मेरे 1 मई के आवेदन के क्रम में 3 मई से 6 मई तक अवकाश प्रदान कर दिया गया, जबकि बड़ागांव मतगणना लगातार जारी ही थी.'

इसे भी पढे़ं- कोरोना अपडेट:आज मिले 29192 नये मरीज, 288 की मौत

'जीवन-यापन के लिए कुछ न कुछ तो कर ही सकता हूं'

वायरल चिट्ठी में आगे लिखा है, 'अगर मुझे त्यागपत्र के आवेदन के बाद छुट्टी मिल सकती थी तो पहले भी मिल सकती थी. विपत्तिकाल में भी छुट्टी न देना मतलब साफ है कि इस प्रकार के आईपीएस हमें अपने से कमतर मनुष्य समझते हैं. अभी भी कोलोनियल और सामंती विचारों से ही पीड़ित हैं, जिसने हमको इस कोरोना काल में दुनिया में सबसे भयावह स्थिति पर ला दिया है. मेरे त्यागपत्र स्वीकार होने के बाद भी मेरा परिवार दुखी नहीं होगा, क्योंकि हम सब साथ में होंगे और जीवन यापन के लिए कुछ न कुछ तो कर ही सकता हूं.' इस मामले में सीओ मनीष सोनकर ने इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि की है. दूसरी ओर झांसी के एसएसपी रोहन पी कनय के मुताबिक, सीओ की चार दिनों की छुट्टी स्वीकृत की गई है. उनके इस्तीफे को अग्रिम कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है.

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