झांसी: जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुये जनपद की प्रदेश में बेहद खराब रैकिंग पर नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि रैकिंग सुधारने के लिए संवेदनशील होकर काम करें. राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिरगांव और बड़ागांव में लंबे समय से जमे डाक्टरों को हटाए जाने के निर्देश दिए.
डीएम ने कहा कि जनपद की प्रत्येक सीएचसी में आठ डाक्टर ही तैनात रहेंगे. इससे अधिक होने पर उन्हें अन्यत्र हास्पिटल में स्थानांतरित किया जाएगा. जिलाधिकारी ने समीक्षा करते हुए कहा कि टीबी हॉस्पिटल में क्षय रोगियों का इलाज किया जाना सुनिश्चित करें. उन्होने कहा कि टीबी हास्पिटल में कोविड के कार्य के साथ क्षय रोगियों का भी इलाज होगा. सीएमओ एक सप्ताह में सारी तैयारियां सुनिश्चित कर लें. ऐसे टीबी हास्पिटल के कर्मचारी जो कोविड में कार्य कर रहे हैं, उनमें 50 प्रतिशत कर्मचारी वापस टीबी हास्पिटल में कार्य करेंगे ताकि मरीजों का प्रॉपर इलाज हो सके.
जिलाधिकारी ने प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा क्षय रोगियों की सूचना न देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि सभी प्राइवेट नर्सिंग होम टीबी मरीजों का डाटा तत्काल उपलब्ध कराए. बैठक में उन्होंने टीबी मरीजों के सर्वे पर भी असंतोष व्यक्त किया. तहसील मऊरानीपुर में 322 तथा मेडीकल कालेज और झांसी नगर में 2416 क्षय रोगी चिन्हित है, जबकि अन्य तहसील में क्षय रोगियों की संख्या शून्य है.
टीबी रोगियों के सुस्त सर्वे पर डीएम ने जताई नाराजगी, तबादले के निर्देश
झांसी में डीएम ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की. प्रदेश में जिले की बेहद खराब रैकिंग पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को निर्देश दियए कि रैकिंग सुधारने के लिए संवेदनशील होकर काम करें.
झांसी: जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुये जनपद की प्रदेश में बेहद खराब रैकिंग पर नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि रैकिंग सुधारने के लिए संवेदनशील होकर काम करें. राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिरगांव और बड़ागांव में लंबे समय से जमे डाक्टरों को हटाए जाने के निर्देश दिए.
डीएम ने कहा कि जनपद की प्रत्येक सीएचसी में आठ डाक्टर ही तैनात रहेंगे. इससे अधिक होने पर उन्हें अन्यत्र हास्पिटल में स्थानांतरित किया जाएगा. जिलाधिकारी ने समीक्षा करते हुए कहा कि टीबी हॉस्पिटल में क्षय रोगियों का इलाज किया जाना सुनिश्चित करें. उन्होने कहा कि टीबी हास्पिटल में कोविड के कार्य के साथ क्षय रोगियों का भी इलाज होगा. सीएमओ एक सप्ताह में सारी तैयारियां सुनिश्चित कर लें. ऐसे टीबी हास्पिटल के कर्मचारी जो कोविड में कार्य कर रहे हैं, उनमें 50 प्रतिशत कर्मचारी वापस टीबी हास्पिटल में कार्य करेंगे ताकि मरीजों का प्रॉपर इलाज हो सके.
जिलाधिकारी ने प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा क्षय रोगियों की सूचना न देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि सभी प्राइवेट नर्सिंग होम टीबी मरीजों का डाटा तत्काल उपलब्ध कराए. बैठक में उन्होंने टीबी मरीजों के सर्वे पर भी असंतोष व्यक्त किया. तहसील मऊरानीपुर में 322 तथा मेडीकल कालेज और झांसी नगर में 2416 क्षय रोगी चिन्हित है, जबकि अन्य तहसील में क्षय रोगियों की संख्या शून्य है.