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यातायात व्यवस्था प्रभावित कर रही थी अवैध बिल्डिंग, जेडीए ने किया ध्वस्त

उत्तर प्रदेश के झांसी में आवासीय भवन के नाम पर कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने के मामले में झांसी विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की है. जेडीए के उपाध्यक्ष ने बताया कि आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी.

अवैध बिल्डिंग की ध्वस्तीकरण के आदेश.
अवैध बिल्डिंग की ध्वस्तीकरण के आदेश.
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Published : Mar 20, 2020, 9:40 AM IST

झांसी: झोकन बाग क्षेत्र में आवासीय भवन के नाम पर कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने के मामले में झांसी विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की है. प्राधिकरण ने बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया है. जेडीए के अफसरों का कहना है कि अवैध बिल्डिंग के कारण इस क्षेत्र में यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही थी. जेडीए ने कहा कि अवैध निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण का अभियान चलाया जाएगा.

अवैध बिल्डिंग की ध्वस्तीकरण के आदेश.

अवैध बिल्डिंग की ध्वस्तीकरण के आदेश

झोकन बाग में आवासीय भवन के नाम पर व्यावसायिक भवन का निर्माण करा लिया गया था. इसमें बिल्डिंग को सील करने की कार्रवाई की गई थी, जिसके खिलाफ निर्माण करने वाले लोग हाईकोर्ट गए थे. हाईकोर्ट ने इस बात के परीक्षण के निर्देश दिए थे कि यह मामला अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है या नहीं आता है. जांच में पाया गया कि यह निर्माण अवैध तरीके से करते हुए यहां व्यावसायिक गतिविधि संचालित की जा रही है.

सड़क संकरी होने के कारण वहां निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती थी. इसमें सुनवाई के बाद ध्वस्तीकरण के आदेश दिए गए. अपील पर कमिश्नर के यहां भी ध्वस्तीकरण के निर्णय को बरकरार रखा गया. इसके बाद प्राधिकरण की टीम ने इस अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया. इस तरह के अन्य अवैध निर्माण को भी ध्वस्त करने की कार्रवाई आगे करेंगे.

- सर्वेश कुमार दीक्षित, उपाध्यक्ष, जेडीए

झांसी: झोकन बाग क्षेत्र में आवासीय भवन के नाम पर कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने के मामले में झांसी विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की है. प्राधिकरण ने बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया है. जेडीए के अफसरों का कहना है कि अवैध बिल्डिंग के कारण इस क्षेत्र में यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही थी. जेडीए ने कहा कि अवैध निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण का अभियान चलाया जाएगा.

अवैध बिल्डिंग की ध्वस्तीकरण के आदेश.

अवैध बिल्डिंग की ध्वस्तीकरण के आदेश

झोकन बाग में आवासीय भवन के नाम पर व्यावसायिक भवन का निर्माण करा लिया गया था. इसमें बिल्डिंग को सील करने की कार्रवाई की गई थी, जिसके खिलाफ निर्माण करने वाले लोग हाईकोर्ट गए थे. हाईकोर्ट ने इस बात के परीक्षण के निर्देश दिए थे कि यह मामला अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है या नहीं आता है. जांच में पाया गया कि यह निर्माण अवैध तरीके से करते हुए यहां व्यावसायिक गतिविधि संचालित की जा रही है.

सड़क संकरी होने के कारण वहां निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती थी. इसमें सुनवाई के बाद ध्वस्तीकरण के आदेश दिए गए. अपील पर कमिश्नर के यहां भी ध्वस्तीकरण के निर्णय को बरकरार रखा गया. इसके बाद प्राधिकरण की टीम ने इस अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया. इस तरह के अन्य अवैध निर्माण को भी ध्वस्त करने की कार्रवाई आगे करेंगे.

- सर्वेश कुमार दीक्षित, उपाध्यक्ष, जेडीए

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