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झांसी और ग्वालियर रेलवे बनाएगा पीपीई किट का 'कवरऑल'

उत्तर मध्य रेलवे ने डीआरडीओ ग्वालियर से अनुमोदन मिलने के बाद पीपीई किट के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से कवरऑल के उत्पादन का निर्णय लिया है. यह कार्य रेलवे कारखाना झांसी और ग्वालियर स्थित रेल स्प्रिंग कारखाना सिथौली में किया जाएगा.

झांसी रेलवे.
झांसी और ग्वालियर रेलवे बनाएगा पीपीई किट का 'कवरऑल'
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Published : Apr 17, 2020, 1:59 AM IST

झांसी: डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए पीपीई किट के महत्वपूर्ण हिस्से कवरऑल को बनाने का काम शुरू हो चुका है. यह कार्य रेलवे कारखाना झांसी और ग्वालियर स्थित रेल स्प्रिंग कारखाना सिथौली में किया जाएगा.

जांच में डॉक्टरों ने बताया कारगर
रेलवे के मुताबिक कवरऑल के उत्पादन के लिए जरूरी सामग्रियों की व्यवस्था पहले से ही कर ली गई है. पीपीई किट के इस महत्वपूर्ण हिस्से का पहला नमूना झांसी कारखाने और सिथौली स्थित रेल स्प्रिंग करखाना ने मिलकर 14 अप्रैल को तैयार कर लिया. बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने से पहले कवरऑल के नमूनों को जांच के लिए डॉक्टर्स के पास भेजा गया. डॉक्टर्स ने परीक्षण करने के बाद कवरऑल को कारगर बताया है.

2000 कवरऑल बनाने का है लक्ष्य
रेलवे के जन सम्पर्क कार्यालय के मुताबिक पीपीई के दो नमूने झांसी रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों को जांच के लिए मिले थे. सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए नमूनों का परीक्षण किया गया. कवरऑल में इस्तेमाल किए गए कपड़े की गुणवत्ता, साइज, चेन, सिलाई आदि को संतोषजनक पाया गया है. डॉक्टर्स की अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद अब उत्तर मध्य रेलवे ग्वालियर और झांसी में पीपीई के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से कवरऑल का थोक उत्पादन करेगा. पहले चरण में 2000 कवरऑल बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

झांसी: डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए पीपीई किट के महत्वपूर्ण हिस्से कवरऑल को बनाने का काम शुरू हो चुका है. यह कार्य रेलवे कारखाना झांसी और ग्वालियर स्थित रेल स्प्रिंग कारखाना सिथौली में किया जाएगा.

जांच में डॉक्टरों ने बताया कारगर
रेलवे के मुताबिक कवरऑल के उत्पादन के लिए जरूरी सामग्रियों की व्यवस्था पहले से ही कर ली गई है. पीपीई किट के इस महत्वपूर्ण हिस्से का पहला नमूना झांसी कारखाने और सिथौली स्थित रेल स्प्रिंग करखाना ने मिलकर 14 अप्रैल को तैयार कर लिया. बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने से पहले कवरऑल के नमूनों को जांच के लिए डॉक्टर्स के पास भेजा गया. डॉक्टर्स ने परीक्षण करने के बाद कवरऑल को कारगर बताया है.

2000 कवरऑल बनाने का है लक्ष्य
रेलवे के जन सम्पर्क कार्यालय के मुताबिक पीपीई के दो नमूने झांसी रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों को जांच के लिए मिले थे. सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए नमूनों का परीक्षण किया गया. कवरऑल में इस्तेमाल किए गए कपड़े की गुणवत्ता, साइज, चेन, सिलाई आदि को संतोषजनक पाया गया है. डॉक्टर्स की अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद अब उत्तर मध्य रेलवे ग्वालियर और झांसी में पीपीई के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से कवरऑल का थोक उत्पादन करेगा. पहले चरण में 2000 कवरऑल बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

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