झांसी: बीएचईएल के रिटायर्ड इंजीनियर और स्क्रैप कलाकार जगदीश लाल अपनी अद्भुत कला प्रतिभा के कारण एक अलग पहचान रखते हैं. ये लोहे और प्लास्टिक के कबाड़ से अद्भुत कलाकृतियां बनाने में माहिर हैं. कबाड़ से बनाई गई उनकी मूर्तियां जनपद के प्रमुख स्थानों पर और देश के कई शहरों में लगाई गई हैं. अपनी कलाकृतियों में वे सामाजिक और पर्यावरण से जुड़े सन्देश दे रहे हैं.
जगदीश लाल ने बताया कि, उनके दिमाग में आया कि लोहे के स्क्रैप से कलाकृतियां बनाई जाएं. पर्यावरण से जुड़े और अन्य सामाजिक विषयों पर केंद्रित कलाकृतियां लगातार बनाते रहे. लोहे के स्क्रैप की कलाकृतियां लगभग 12 से 1300 के बीच बना चुके हैं, यह एक बड़ा रिकॉर्ड है. दिल्ली, भोपाल, बरौनी, हरिद्वार सहित कई शहरों में कलाकृतियां लगाई गई हैं. एक इंच से लेकर चौबीस फीट तक की मूर्तियां बनाई है.
मिली सामाजिक सराहना और सम्मान
बीएचईएल के कल्याण अधिकारी और चित्रकार डॉ. मोहम्मद आलम बताते हैं कि, जगदीश लाल एक उम्दा कलाकार हैं. वे स्क्रैप आर्ट में महारत रखते हैं. एक आदमी जिस चीज को कबाड़ समझता है, उसमे कला को देखना इनकी खासियत है. खराब चीजों से वे ऐसी कलाकृति बनाते हैं, जो अपने आप में मिसाल बन जाते हैं.
हर कलाकृति को वे एक सन्देश के साथ पेश करते हैं. जगदीश लाल की इस अद्भुत कला का उपयोग बीएचईएल संगठन में देखा गया. झांसी किले के बाहर 1857 के युद्ध का मंजर स्क्रैप मूर्तियों की मदद से दर्शाया गया है.
इसे भी पढ़ें:- झांसी: स्कूल में बाराती छोड़ गए पटाखा, छुड़ाने के चक्कर में झुलसा छात्र