झांसी: केन्द्र सरकार के बजट को लेकर जिले के सरकारी कर्मचारियों ने खास उत्साह नहीं दिखाया है. पुरानी पेंशन योजना, वेतन बढ़ोत्तरी और अन्य सुविधाओं को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के बजट में ऐलान न होने पर असंतोष जताया है. वहीं टैक्स स्लैब में हुए बदलाव को भी कर्मचारी महज छलावा ही बता रहे हैं.
बैंक कर्मचारी मानवेन्द्र सोनी ने कहा कि बैंकर्स को बजट से वेतन बढ़ोत्तरी का मामला सुलझने की उम्मीद थी, लेकिन उनकी सारी मांगों को वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने तवज्जो नहीं दी. अंकित सेठ ने बताया कि हमारी प्रमुख मांग सैलरी बढ़ोतरी को लेकर थी. हमारी मांगों को लेकर सरकार ने कुछ नहीं किया है. हम 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी की उम्मीद रखे हुए थे.
सुविधाओं में भेदभाव का आरोप
संजीव सेन कहते हैं कि सरकारी कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. हमसे उम्मीदें तो बहुत की जाती हैं, लेकिन सुविधा देने में भेदभाव किया जाता है. भान सिंह कुशवाहा कहते हैं कि बजट से हमें काफी उम्मीदें थीं. भारत सरकार और वित्त मंत्री से हमें बहुत उम्मीद थी, लेकिन सब पर पानी फिर गया.
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पेंशन पर जताई निराशा
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि हमारी उम्मीद थी कि वेतन भोगी लोगों की लिमिट बढ़नी चाहिए थी, लेकिन फेरबदल कर रखते उतनी ही हैं. हम लोग टैक्स दाता बनकर रह गए हैं और नए लोग शामिल नहीं हो पा रहे हैं. पेंशन के मुद्दे पर हम बजट में प्रावधान चाहते थे, लेकिन पुरानी पेंशन पर कोई जवाब नहीं दिया गया.