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झांसी: सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के बजट पर जताई निराशा - सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के बजट पर जताई निराशा

उत्तर प्रेदश के झांसी में केन्द्र सरकार के बजट को लेकर सरकारी कर्मचारी नाखुश नजर आए. उनका कहना है कि उन्हें सरकार के बजट से इस बार काफी उम्मीदें थी, लेकिन सरकार ने ध्यान न देते हुए उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है.

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बजट से न खुश कर्मचारी.
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Published : Feb 1, 2020, 3:20 PM IST

झांसी: केन्द्र सरकार के बजट को लेकर जिले के सरकारी कर्मचारियों ने खास उत्साह नहीं दिखाया है. पुरानी पेंशन योजना, वेतन बढ़ोत्तरी और अन्य सुविधाओं को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के बजट में ऐलान न होने पर असंतोष जताया है. वहीं टैक्स स्लैब में हुए बदलाव को भी कर्मचारी महज छलावा ही बता रहे हैं.

बजट से नाखुश दिखे सरकारी कर्मचारी.
बैंक कर्मचारियों ने जताई निराशा
बैंक कर्मचारी मानवेन्द्र सोनी ने कहा कि बैंकर्स को बजट से वेतन बढ़ोत्तरी का मामला सुलझने की उम्मीद थी, लेकिन उनकी सारी मांगों को वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने तवज्जो नहीं दी. अंकित सेठ ने बताया कि हमारी प्रमुख मांग सैलरी बढ़ोतरी को लेकर थी. हमारी मांगों को लेकर सरकार ने कुछ नहीं किया है. हम 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी की उम्मीद रखे हुए थे.

सुविधाओं में भेदभाव का आरोप
संजीव सेन कहते हैं कि सरकारी कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. हमसे उम्मीदें तो बहुत की जाती हैं, लेकिन सुविधा देने में भेदभाव किया जाता है. भान सिंह कुशवाहा कहते हैं कि बजट से हमें काफी उम्मीदें थीं. भारत सरकार और वित्त मंत्री से हमें बहुत उम्मीद थी, लेकिन सब पर पानी फिर गया.

इसे भी पढ़ें- शामली: पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, 5 लोगों की मौत

पेंशन पर जताई निराशा
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि हमारी उम्मीद थी कि वेतन भोगी लोगों की लिमिट बढ़नी चाहिए थी, लेकिन फेरबदल कर रखते उतनी ही हैं. हम लोग टैक्स दाता बनकर रह गए हैं और नए लोग शामिल नहीं हो पा रहे हैं. पेंशन के मुद्दे पर हम बजट में प्रावधान चाहते थे, लेकिन पुरानी पेंशन पर कोई जवाब नहीं दिया गया.

झांसी: केन्द्र सरकार के बजट को लेकर जिले के सरकारी कर्मचारियों ने खास उत्साह नहीं दिखाया है. पुरानी पेंशन योजना, वेतन बढ़ोत्तरी और अन्य सुविधाओं को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के बजट में ऐलान न होने पर असंतोष जताया है. वहीं टैक्स स्लैब में हुए बदलाव को भी कर्मचारी महज छलावा ही बता रहे हैं.

बजट से नाखुश दिखे सरकारी कर्मचारी.
बैंक कर्मचारियों ने जताई निराशा
बैंक कर्मचारी मानवेन्द्र सोनी ने कहा कि बैंकर्स को बजट से वेतन बढ़ोत्तरी का मामला सुलझने की उम्मीद थी, लेकिन उनकी सारी मांगों को वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने तवज्जो नहीं दी. अंकित सेठ ने बताया कि हमारी प्रमुख मांग सैलरी बढ़ोतरी को लेकर थी. हमारी मांगों को लेकर सरकार ने कुछ नहीं किया है. हम 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी की उम्मीद रखे हुए थे.

सुविधाओं में भेदभाव का आरोप
संजीव सेन कहते हैं कि सरकारी कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. हमसे उम्मीदें तो बहुत की जाती हैं, लेकिन सुविधा देने में भेदभाव किया जाता है. भान सिंह कुशवाहा कहते हैं कि बजट से हमें काफी उम्मीदें थीं. भारत सरकार और वित्त मंत्री से हमें बहुत उम्मीद थी, लेकिन सब पर पानी फिर गया.

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पेंशन पर जताई निराशा
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि हमारी उम्मीद थी कि वेतन भोगी लोगों की लिमिट बढ़नी चाहिए थी, लेकिन फेरबदल कर रखते उतनी ही हैं. हम लोग टैक्स दाता बनकर रह गए हैं और नए लोग शामिल नहीं हो पा रहे हैं. पेंशन के मुद्दे पर हम बजट में प्रावधान चाहते थे, लेकिन पुरानी पेंशन पर कोई जवाब नहीं दिया गया.
Intro:झांसी. केन्द्र सरकार के बजट को लेकर झांसी के सरकारी कर्मचारियों ने खास उत्साह नहीं दिखाया है। पुरानी पेंशन योजना, वेतन बढ़ोत्तरी और अन्य सुविधाओं को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के बजट में ऐलान न होने पर कर्मचारियों ने असंतोष जताया है। टैक्स स्लैब में हुए बदलाव को भी कर्मचारी छलावा बता रहे हैं।


Body:बैंक कर्मचारियों ने जताई निराशा

बैंक कर्मचारी मानवेन्द्र सोनी ने कहा कि बैंकर्स को वेतन बढ़ोत्तरी का मामला सुलझने की बजट से उम्मीद थी लेकिन हमारी सारी मांगों को वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने तवज्जो नहीं दी। अंकित सेठ ने बताया कि हमारी प्रमुख मांग सैलरी बढ़ोत्तरी की थी। हमारी मांग पर सरकार कुछ नहीं कहा है। हम 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी की उम्मीद रखे हुए थे।


Conclusion:सुविधाओं में भेदभाव का आरोप

संजीव सेन कहते हैं कि सरकारी कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। हमसे उम्मीदें तो बहुत की जाती हैं लेकिन सुविधा देने में भेदभाव किया जाता है। भान सिंह कुशवाहा कहते हैं कि बजट से हमे बहुत उम्मीद थी। भारत सरकार और वित्त मंत्री से हमे बहुत उम्मीद थी लेकिन सब पर पानी फिर गया।

पेंशन पर निराशा

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि हमारी उम्मीद थी कि वेतन भोगी लोगों की लिमिट बढ़नी चाहिए थी लेकिन फेरबदल कर रखते उतनी ही हैं। हम लोग टैक्स दाता बनकर रह गए हैं और नए लोग शामिल नहीं हो पा रहे हैं। पेंशन के मुद्दे पर हम बजट में प्रावधान चाहते थे। पुरानी पेंशन पर कोई जवाब नहीं दिया गया।

बाइट - 1- मानवेन्द्र सोनी - कर्मचारी
बाइट - 2 - अंकित सेठ - कर्मचारी
बाइट - 3 - संजीव सेन - कर्मचारी
बाइट - 4 - भान सिंह कुशवाहा - कर्मचारी
बाइट - 5 - हरि किशोर तिवारी - प्रदेश अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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