झांसी: जिले में मेयर और पार्षदों के नामांकन का कार्यक्रम सोमवार को किले की तलहटी में बने मुक्ताकाशी मंच पर रखा गया. इसमें पार्टी के कई पदाधिकारी झांसी, ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा, सदर सीट से विधायक रवि शर्मा, शिक्षक एमएलसी बाबूलाल तिवारी, महानगर अध्यक्ष मुकेश मिश्रा सहित जिला कार्यकारिणी के कई सदस्य मंच पर मौजूद रहे. इस दौरान बसपा से पूर्व मंत्री रहे और सपा से विधायक रहने के बाद भी भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी का दामन थामने वाले रतनलाल अहिरवार को कार्यक्रम में पहुंचने पर मंच पर जगह नहीं दी गई.
बता दें कि झांसी की मेयर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इसलिए पार्टी द्वारा मेयर के लिए अनुसूचित जाति से पूर्व विधायक बिहारी लाल आर्य को टिकट देकर मैदान में उतारा गया है. पूर्व मंत्री रतनलाल अहिरवार कुछ समय पहले बसपा में सम्मान न मिलने की बात कहते हुए बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. मेयर के टिकट के लिए कई दिनों से काफी भागदौड़ भी कर रहे थे. लेकिन, सोमवार को कार्यक्रम में ऐसा देखने को मिला कि उन्हें न टिकट मिला और न ही सम्मान.
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री रतनलाल अहिरवार भी अनुसूचित जाति से अहिरवार समाज का ही प्रतिनिधित्व करते हैं. वह समाज में बहुत जबरदस्त पकड़ भी रखते हैं. इसलिए कार्यक्रम में ज्यादातर जनता अनुसूचित जाति की मौजूद थी. अचानक पूर्व मंत्री रतनलाल अहिरवार को आम जनता में बैठे देखकर चर्चा शुरू हो गई और मोबाइल से छिपकर वीडियो बनाते नजर आए. इस दौरान जब आम जनता में बैठे पूर्व मंत्री से बात की गई तो पहले वह अपने आपको असहज महसूस करते हुए थोड़ा हिचकिचा गए. सवाल को अनसुना करते हुए सिर्फ इतना कहते हुए नजर आए कि भाजपा जीतेगी. पार्टी द्वारा अनदेखा किए जाने से अंदर से नाराज पूर्व मंत्री मीडिया पर झल्लाते हुए तीन बार बोले कि भाजपा जीतेगी सभी जगह और इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना है.
हालांकि कुछ देर और गुस्से को बर्दास्त करते हुए पूर्व मंत्री बैठे रहे. इसके बाद मोबाइल पर बात करते हुए धीरे से कार्यक्रम से बाहर चले गए. कार्यक्रम में शामिल हुए शिक्षक एमएलसी बाबूलाल तिवारी विपक्ष की पार्टियों, किसानों और गरीबों को सम्मान न देने की बात करते रहे. पर किसी भी नेता की आम जनता में बैठे पूर्व मंत्री पर नजर नहीं पड़ी. वहीं, बसपा के बुंदेलखंड प्रभारी लालाराम अहिरवार ने चुटकी लेते हुए कहा कि मंत्री रतनलाल जब सपा से विधायक रहते हुए सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे तो उन्होंने सपा के लिए कहा था कि इस पार्टी में अपनी विधायक निधि भी अपनी मर्जी से खर्च नहीं कर सकते थे. सपा नेताओं के कहने पर ही निधि का पैसा खर्च करना पड़ता था. सपा में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा था. इसलिए वह सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. मेयर के लिए टिकट की आस में बसपा छोड़ भाजपा में चले गए.
उन्होंने कहा कि अब टिकट की बात तो दूर उनको जो सम्मान दिया जाना चाहिए वो भी नहीं दिया गया. पूर्व मंत्री थे उनको सम्मान दिया जाना चाहिए. अब उनको सोचना चाहिए कि जिस पार्टी में सम्मान नहीं मिल रहा है, ऐसी पार्टी में अपमानित होकर नहीं रहना चाहिए. बसपा बुंदेलखंड प्रभारी लालाराम ने पूर्व मंत्री को सलाह देते हुए कहा है कि हमारी मुखिया मायावती ने 2007 में जब पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी, तब इनको जो सम्मान दिया जाना था, उससे बढ़कर सम्मान स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाकर दिया था. इसलिए उनको ऐसी पार्टी में रहना चाहिए, जो सम्मान दे न कि अपमानित करे.
इस पूरे मामले पर झांसी महानगर अध्यक्ष मुकेश मिश्रा का कहना है कि अगर वो कार्यक्रम में आते तो उनको मंच पर जरूर बैठाया जाता. मीडिया के बताने पर कि वह मौजूद थे और आम जनता में बैठे थे. तब महानगर अध्यक्ष ने कहा कि किसी की नजर नहीं गई होगी. इसलिए ऐसा हुआ. भाजपा में सबको सम्मान बराबर से दिया जाता है. इसलिए हमारी पार्टी अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ा रही है. सब मिलकर जीतने का काम कर रहे हैं.
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