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मथुरा का वह प्रसिद्ध 'फोंदामल महल', जहां अंग्रेजों ने दी थी 80 क्रांतिकारियों को फांसी...

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Published : Aug 15, 2020, 10:09 PM IST

मथुरा जिले में स्थित 'फोंदामल महल' देश की आजादी के लिए प्राणों की आहुति देने वाले राजपूतों की शहादत को याद दिलाता है. राजपूत क्रांतिकारी इसी महल से अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने की रणनीति बनाया करते थे. वहीं इसकी जानकारी अंग्रेजी हुकूमत को मिलने पर उन्होंने महल पर धावा बोलकर 80 लोगों को फांसी पर लटका दिया.

स्पेशल रिपोर्ट.
स्पेशल रिपोर्ट.

मथुरा: आज देश में बड़ी धूमधाम से 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. इस आजादी को पाने के लिए देश के वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगा दी और हंसते-हंसते सूली पर चढ़ गए. जनपद मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर गोवर्धन तहसील में अड़िंग गांव है, जहां 1857 में देश की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजी हुकूमत के सामने राजपूत क्रांतिकारियों ने डटकर मुकाबला किया, जिसमें कई क्रांतिकारी शहीद हो गए.

स्पेशल रिपोर्ट.

खंडहर में तब्दील हो गया 'फोंदामल महल'
अड़िंग गांव में स्थित फोंदामल महल आज खंडहर में तब्दील हो गया है. एक जमाने में इसी महल से राजपूत क्रांतिकारी अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने की रणनीति बनाया करते थे. आज इस महल को 'पुरानी हवेली' के नाम से जाना जाता है.

महल में 80 लोगों को फांसी पर लटकाया गया
18 जून 1857 को 'फोंदामल महल' में अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति बनाते हुए क्रांतिकारियों को अंग्रेजी हुकूमत ने पकड़ा था और महल में रहनेवाले 57 परिवार के 80 लोगों को इसी महल में फांसी पर लटका दिया गया था. इस घटना के बाद से यह गांव वीरान हो गया.

क्रांतिकारियों ने किए थे प्राण न्योछावर
देश में तकरीबन 200 सालों तक अंग्रेजी हुकूमत का शासन रहा. इस दौरान कई क्रांतिकारी, राजपूत शासकों ने देश को गुलामी की बेड़ियों से निकालने के लिए खुशी-खुशी प्राण न्योछावर कर दिए. जनपद के गोवर्धन तहसील के अड़िंग गांव में स्थित यह पुरानी हवेली आज भी क्रांतिकारियों के बलिदान को ताजा कर रही है. 18 जून 1857 में अंग्रेजों ने फोंदामल राजपूत के साथ उनके साथियों को अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति बनाते हुए इसी महल में पकड़ा था, जहां अंग्रेजी हुकूमत ने राजपूतों के 57 परिवार के 80 लोगों को इसी महल में फांसी पर लटका दिया. राजपूतों को इतनी बड़ी संख्या में फांसी पर लटकाए जाने की घटना के बाद अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा.

क्रांतिकारियों की शहादत को सलाम
स्थानीय रवि कुमार ने बताया कि इस गांव में 'फोंदामल महल' हुआ करता था. इसे आज 'पुरानी हवेली' के नाम से जाना जाता है. इस हवेली में देश आजाद कराने के लिए अंग्रेजो के खिलाफ राजपूत समाज मिलकर रणनीति बनाता था, जहां एक दिन अंग्रेजी हुकूमत ने महल में धावा बोलते हुए 57 परिवार के 80 लोगों को फांसी पर लटका दिया.

स्थानीय निवासी पदम सिंह ने बताया फोंदामल हमारे पूर्वज थे. 1857 आजादी की लड़ाई के समय पश्चिमी यूपी का प्रमुख केंद्र अड़िंग गांव था. इस क्षेत्र में राजपूत समाज के लोग देश आजाद कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया. फोंदामल के महल में अंग्रेजो के खिलाफ रणनीति बनाई जाती थी. जब अंग्रेजों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने महल धावा बोल दिया और राजपूत समाज के 80 लोगों को फांसी पर लटका दिया गया.

इसे भी पढ़ें- मथुरा: महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के दो शिष्य भी कोरोना पॉजिटिव

मथुरा: आज देश में बड़ी धूमधाम से 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. इस आजादी को पाने के लिए देश के वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगा दी और हंसते-हंसते सूली पर चढ़ गए. जनपद मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर गोवर्धन तहसील में अड़िंग गांव है, जहां 1857 में देश की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजी हुकूमत के सामने राजपूत क्रांतिकारियों ने डटकर मुकाबला किया, जिसमें कई क्रांतिकारी शहीद हो गए.

स्पेशल रिपोर्ट.

खंडहर में तब्दील हो गया 'फोंदामल महल'
अड़िंग गांव में स्थित फोंदामल महल आज खंडहर में तब्दील हो गया है. एक जमाने में इसी महल से राजपूत क्रांतिकारी अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने की रणनीति बनाया करते थे. आज इस महल को 'पुरानी हवेली' के नाम से जाना जाता है.

महल में 80 लोगों को फांसी पर लटकाया गया
18 जून 1857 को 'फोंदामल महल' में अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति बनाते हुए क्रांतिकारियों को अंग्रेजी हुकूमत ने पकड़ा था और महल में रहनेवाले 57 परिवार के 80 लोगों को इसी महल में फांसी पर लटका दिया गया था. इस घटना के बाद से यह गांव वीरान हो गया.

क्रांतिकारियों ने किए थे प्राण न्योछावर
देश में तकरीबन 200 सालों तक अंग्रेजी हुकूमत का शासन रहा. इस दौरान कई क्रांतिकारी, राजपूत शासकों ने देश को गुलामी की बेड़ियों से निकालने के लिए खुशी-खुशी प्राण न्योछावर कर दिए. जनपद के गोवर्धन तहसील के अड़िंग गांव में स्थित यह पुरानी हवेली आज भी क्रांतिकारियों के बलिदान को ताजा कर रही है. 18 जून 1857 में अंग्रेजों ने फोंदामल राजपूत के साथ उनके साथियों को अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति बनाते हुए इसी महल में पकड़ा था, जहां अंग्रेजी हुकूमत ने राजपूतों के 57 परिवार के 80 लोगों को इसी महल में फांसी पर लटका दिया. राजपूतों को इतनी बड़ी संख्या में फांसी पर लटकाए जाने की घटना के बाद अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा.

क्रांतिकारियों की शहादत को सलाम
स्थानीय रवि कुमार ने बताया कि इस गांव में 'फोंदामल महल' हुआ करता था. इसे आज 'पुरानी हवेली' के नाम से जाना जाता है. इस हवेली में देश आजाद कराने के लिए अंग्रेजो के खिलाफ राजपूत समाज मिलकर रणनीति बनाता था, जहां एक दिन अंग्रेजी हुकूमत ने महल में धावा बोलते हुए 57 परिवार के 80 लोगों को फांसी पर लटका दिया.

स्थानीय निवासी पदम सिंह ने बताया फोंदामल हमारे पूर्वज थे. 1857 आजादी की लड़ाई के समय पश्चिमी यूपी का प्रमुख केंद्र अड़िंग गांव था. इस क्षेत्र में राजपूत समाज के लोग देश आजाद कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया. फोंदामल के महल में अंग्रेजो के खिलाफ रणनीति बनाई जाती थी. जब अंग्रेजों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने महल धावा बोल दिया और राजपूत समाज के 80 लोगों को फांसी पर लटका दिया गया.

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