Jhansi News: झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में बने समता हॉस्टल में गुरुवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब बीटेक की थर्ड ईयर की छात्रा खुद को कमरे में बंद कर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है. बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विनय सिंह ने बताया कि छात्रा ने सुसाइड नोट में सॉरा मम्मी-पापा लिखा है.
गोरखपुर की सृष्टि राय उम्र 24 साल, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रही थी. , वो गोरखपुर की रहने वाली थी. वह विश्वविद्यालय के अंदर बने समता हॉस्टल में रहती थी. बुधवार रात करीब 11:30 बजे उसने अपने परिजनों से फोन पर बातचीत की थी. गुरुवार सुबह जब परिजनों ने उसको कई बार फोन लगाया तो उसने कॉल रिसीव नहीं की. इसके बाद हॉस्टल वार्डन को सूचना दी गई. काफी देर तक गेट खटखटाया गया, मगर कोई जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद सुरक्षा गार्ड को सूचना दी गई.
गार्ड ने खिड़की से देखा तो छात्रा का शव फंदे पर लटका (Engineering Student Commits Suicide) हुआ था. विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस अधिकारी और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है. पुलिस जांच पड़ताल कर रही है. बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विनय सिंह ने बताया कि छात्रा ने सुसाइड नोट में सॉरा मम्मी-पापा लिखा है.
प्रारम्भिक जांच में छात्रा मानसिक रूप से परेशान बताई गई है. उसके कमरे में मिले कुछ पर्चों व कुछ नोट्स में इस बात की पुष्टि हुई है. पुलिस द्वारा परिजनों से भी संपर्क कर जानकारी ली जा रही है. साथ ही छात्रा की करीबी छात्राओं और मित्रों से भी पूछताछ चल रही है. छात्रा का फोन भी जांच के लिए कब्जे में लिया गया है. वहीं हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं को हॉस्टल छोड़कर जाते भी देखा गया. छात्राओं ने इसकी वजह शादी समारोह बताया.
स्टूडेंट्स में आत्महत्या की प्रवृत्ति सबसे ज्यादा: मनोरोग और मानसिक स्वास्थ्य अध्ययनों से पता चलता है कि किशोरों में आत्महत्या की प्रवृत्ति सबसे ज्यादा है. इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ निमेश देसाई के अनुसार, मैच्योरिटी के मनोवैज्ञानिक परिवर्तन, पहचान बनाने की चिंता और सामाजिक कारक कई बार किशोरों को इस तरह के खौफनाक कदम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं.
उन्होंने कहा कि जैसा कि हम ऐसे समाजों में रह रहे हैं जो बदलता रहता है. फिर, समाज की अपेक्षाओं और अकादमिक सब कुछ का दबाव किशोरों पर सीमा से अधिक है. मुरादाबाद के उजाला सिग्नस ब्राइट स्टार अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि स्टूडेंट्स की आत्महत्या से कई कारक जुड़े हैं, जैसे भावनात्मक रूप से टूटना, परिवार के समर्थन की कमी, मानसिक स्वास्थ्य, और प्रदर्शन का दबाव.
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