झांसी: ऑक्सीजन की कमी और कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नॉन कोविड मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. कई तरह की जटिल बीमारी के मामलों में तय तारीखों पर होने वाली सर्जरी को डॉक्टरों ने टाल दिया है. झांसी में सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों की भीड़ और ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए जिला प्रशासन भी बेहद जरूरी सर्जरी को छोड़कर अन्य सर्जरियों को टालने के लिए डॉक्टरों से कह रहा है.
नॉन कोविड मरीजों का नहीं हो पा रहा इलाज
झांसी के अस्पतालों में हड्डी, ईएनटी, सर्जरी, गायनी सहित कई अन्य तरह के ऑपरेशन टाले जा रहे हैं. इसके पीछे मुख्य कारण अस्पतालों का कोविड मरीजों पर ध्यान केंद्रित करना है. जनपद के 24 निजी अस्पतालों को कोविड अस्पतालों में बदल दिया गया है और उनमें डॉक्टरों और स्टाफ की तैनाती की गई है. इस कारण भी नॉन कोविड मरीजों को इलाज और अन्य सुविधाएं मिलने में दिक्कत हो रही है. प्रशासन को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की सभी व्यवस्थाएं पटरी पर आ जाएंगी.
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क्या बोले डीएम
झांसी के डीएम आन्द्रा वामसी ने बताया कि सभी से यह अनुरोध किया जा रहा है कि कोविड रोगी प्राथमिकता में हैं. सरकारी अस्पतालों में भी नॉन कोविड मरीजों का इलाज जब तक एमरजेंसी न हो, तब तक रोक देने को कहा गया है. प्राइवेट अस्पतालों से भी कहा गया है कि नॉन कोविड मरीजों की सर्जरी जो एक सप्ताह के लिए टाल पाना सम्भव हो तो उसे टाल दें. जो ऑक्सीजन है, उसे कोविड मरीजों को सुचारू रूप से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है.