झांसी: शनिवार से शुरू हुए झांसी महोत्सव के प्रचार के लिए लगाए गए होर्डिंग्स पर विवाद खड़ा हो गया है. इसके साथ ही झांसी महोत्सव में बुंदेली कलाकारों की उपेक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के उपाध्यक्ष और दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने कहा है कि इस आयोजन में बुंदेली संस्कृति का मखौल उड़ाया जा रहा है.
प्रशासन पर बुंदेली की उपेक्षा का आरोप
हरगोविंद कुशवाहा ने होर्डिंग्स के बारे में कहा कि बाग को बाघ लिख दिया गया. झोकन बाघ नहीं है, बल्कि झोकन बाग है. कुशवाहा ने आगे कहा कि इस आयोजन में जनता की सहभागिता ही नहीं है, तो बुंदेली कलाकारों को जगह कहां से मिलेगी. हम लोगों ने 25-30 सालों में लगभग 10 हजार बुंदेली कलाकारों को मंच दिया और उन्हें सिद्धस्त किया. सभी बुंदेली विधाएं रमटेरा, राई, ढिमरयाई, कछियायी, फाग, सैरा, सुआटा आदि सब कराते थे. इस साल सब गायब हैं. बाहर के लोगों को पैसा खर्च कर बुलाया जा रहा है और बुंदेली संस्कृति का मखौल उड़ाया जा रहा है.
बाहरी कलाकारों को बढ़ावा देने का आरोप
बुन्देलखण्ड योगी अर्पित दास महाराज ने कहा कि झांसी महोत्सव के नाम पर मजाक महोत्सव हो रहा है. बुन्देलखण्ड की परंपरागत विधाओं को हटाकर दुनिया भर के कलाकारों को बुला रहे हैं, जिनसे बुन्देलखण्ड की जनता को कोई लेना देना नहीं है. कार्यक्रम स्थल मुक्ताकाशी मंच किला रोड पर है और होर्डिंग में झोकन बाघ लिखा हुआ है. महोत्सव के नाम पर मजाक हो रहा है. ठेके पर महोत्सव किया जा रहा है.