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बुंदेलखंड विवि ने शुरू की अनूठी योजना, शिक्षक और कर्मचारियों के असामयिक निधन पर मिलेगी आर्थिक मदद

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने अपने शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए एक अनूठी योजना शुरू की है. अब विश्वविद्यालय के किसी भी शिक्षक या कर्मचारी की असामयिक मौत होने पर मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद दी जाएगी.

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Published : May 19, 2021, 7:12 PM IST

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बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

झांसी : कोविड संक्रमण काल में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के बहुत सारे कर्मचारियों और शिक्षकों की असामयिक मौत हो गई. मौत की चपेट में आने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों के परिवारों की आर्थिक मदद के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ मिलकर एक अनूठी योजना तैयार की है. किसी शिक्षक की मौत होने पर अगले महीने की तनख्वाह से सभी शिक्षकों के वेतन से दो हज़ार रुपये की कटौती कर मृतक शिक्षक के परिवार को दी जाएगी. किसी कर्मचारी की मौत पर अगले महीने सभी कर्मचारियों की तनख्वाह से एक हज़ार रुपये की कटौती कर एकत्र धनराशि मृतक कर्मचारी के परिवार को दी जाएगी.


संकायाध्यक्षों के साथ चर्चा कर तैयार हुई योजना

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे वी वैशम्पायन ने सभी संकायाध्यक्षों के साथ चर्चा की. इसके बाद शिक्षक/कर्मचारी आर्थिक सुरक्षा योजना तैयार की गई. इस योजना में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के सभी नियमित और स्ववित्त पोषित शिक्षक व कर्मचारी शामिल होंगे. यह योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है और कर्मचारी व शिक्षक इस योजना में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं हैं. इस योजना में शिक्षकों और कर्मचारियों के दो समूह बनाये गए हैं, जिसके तहत किसी शिक्षक की मौत होने पर सभी शिक्षक सहयोग करेंगे और कर्मचारी की मौत होने पर सभी कर्मचारी सहयोग करेंगे.



योजना में शामिल होने के लिए घोषणा-पत्र

विश्वविद्यालय प्रशासन को अनुमान है कि यदि सभी शिक्षक इस योजना में शामिल होते हैं तो एक शिक्षक के परिवार को लगभग साढ़े चार से पांच लाख रुपये की मदद मिल जाएगी. इसी तरह यदि सभी कर्मचारी इस योजना में शामिल हो जाते हैं तो एक कर्मचारी के परिवार को लगभग ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद मिल जाएगी. योजना में शामिल होने के लिए एक घोषणा पत्र देना होगा.



मई और जून माह के वेतन से कटौती

वर्तमान कोरोना काल में विश्वविद्यालय के पांच कर्मचारियों और तीन शिक्षकों की मौत हुई है. इस लिहाज से प्रत्येक शिक्षक के मई महीने के वेतन से छह हजार रुपये और कर्मचारी के वेतन से पांच हज़ार रुपये की कटौती की जाएगी. मृत्यु की संख्या अधिक होने के कारण कर्मचारियों और शिक्षकों के हिस्से से कटने वाली धनराशि मई और जून महीने में दो किश्तों में काटने का निर्णय लिया गया है.

इन शिक्षकों व कर्मचारियों की हुई है मौत

वर्तमान कोविड काल में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सी पी पैन्यूली, वनस्पति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजदीप उदैसिया और इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रंजीत सिंह की असामयिक मौत हुई है. इनके अलावा कर्मचारियों में नरेंद्र शर्मा, शैलेन्द्र तिवारी, राजकुमार आर्या, राम रतन वर्मा और अशोक की मौत हुई है.

कुलपति के आदेश पर लागू हुई योजना

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव संतोष कुमार सिंह ने बताया कि यदि कोई शिक्षक या कर्मचारी इस योजना में शामिल नहीं होना चाहता है तो वह प्रशासनिक विभाग में लिखित रूप से आवेदन दे सकता है. यह आर्थिक सहायता योजना कुलपति के आदेश पर लागू की जा रही है, जिससे दिवंगत शिक्षकों और कर्मचारियों को जल्द आर्थिक मदद मिल सके.

झांसी : कोविड संक्रमण काल में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के बहुत सारे कर्मचारियों और शिक्षकों की असामयिक मौत हो गई. मौत की चपेट में आने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों के परिवारों की आर्थिक मदद के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ मिलकर एक अनूठी योजना तैयार की है. किसी शिक्षक की मौत होने पर अगले महीने की तनख्वाह से सभी शिक्षकों के वेतन से दो हज़ार रुपये की कटौती कर मृतक शिक्षक के परिवार को दी जाएगी. किसी कर्मचारी की मौत पर अगले महीने सभी कर्मचारियों की तनख्वाह से एक हज़ार रुपये की कटौती कर एकत्र धनराशि मृतक कर्मचारी के परिवार को दी जाएगी.


संकायाध्यक्षों के साथ चर्चा कर तैयार हुई योजना

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे वी वैशम्पायन ने सभी संकायाध्यक्षों के साथ चर्चा की. इसके बाद शिक्षक/कर्मचारी आर्थिक सुरक्षा योजना तैयार की गई. इस योजना में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के सभी नियमित और स्ववित्त पोषित शिक्षक व कर्मचारी शामिल होंगे. यह योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है और कर्मचारी व शिक्षक इस योजना में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं हैं. इस योजना में शिक्षकों और कर्मचारियों के दो समूह बनाये गए हैं, जिसके तहत किसी शिक्षक की मौत होने पर सभी शिक्षक सहयोग करेंगे और कर्मचारी की मौत होने पर सभी कर्मचारी सहयोग करेंगे.



योजना में शामिल होने के लिए घोषणा-पत्र

विश्वविद्यालय प्रशासन को अनुमान है कि यदि सभी शिक्षक इस योजना में शामिल होते हैं तो एक शिक्षक के परिवार को लगभग साढ़े चार से पांच लाख रुपये की मदद मिल जाएगी. इसी तरह यदि सभी कर्मचारी इस योजना में शामिल हो जाते हैं तो एक कर्मचारी के परिवार को लगभग ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद मिल जाएगी. योजना में शामिल होने के लिए एक घोषणा पत्र देना होगा.



मई और जून माह के वेतन से कटौती

वर्तमान कोरोना काल में विश्वविद्यालय के पांच कर्मचारियों और तीन शिक्षकों की मौत हुई है. इस लिहाज से प्रत्येक शिक्षक के मई महीने के वेतन से छह हजार रुपये और कर्मचारी के वेतन से पांच हज़ार रुपये की कटौती की जाएगी. मृत्यु की संख्या अधिक होने के कारण कर्मचारियों और शिक्षकों के हिस्से से कटने वाली धनराशि मई और जून महीने में दो किश्तों में काटने का निर्णय लिया गया है.

इन शिक्षकों व कर्मचारियों की हुई है मौत

वर्तमान कोविड काल में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सी पी पैन्यूली, वनस्पति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजदीप उदैसिया और इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रंजीत सिंह की असामयिक मौत हुई है. इनके अलावा कर्मचारियों में नरेंद्र शर्मा, शैलेन्द्र तिवारी, राजकुमार आर्या, राम रतन वर्मा और अशोक की मौत हुई है.

कुलपति के आदेश पर लागू हुई योजना

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव संतोष कुमार सिंह ने बताया कि यदि कोई शिक्षक या कर्मचारी इस योजना में शामिल नहीं होना चाहता है तो वह प्रशासनिक विभाग में लिखित रूप से आवेदन दे सकता है. यह आर्थिक सहायता योजना कुलपति के आदेश पर लागू की जा रही है, जिससे दिवंगत शिक्षकों और कर्मचारियों को जल्द आर्थिक मदद मिल सके.

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