झांसी: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के सिविल अवर अभियंता अमरीश गौतम को विश्वविद्यालय प्रशासन ने भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित कर दिया है. साथ ही अनुशासनहीनता पर विश्वविद्यालय परिसर में घुसने पर भी रोक लगा दी गई है. विश्वविद्यालय से जुड़े कई कामों में बड़े पैमाने पर धांधली और धनराशि के भुगतान में गड़बड़ी करने के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभियंता को दोषी पाया है. रजिस्ट्रार द्वारा जारी कार्यालय आदेश में यह भी कहा गया है अभियंता विश्वविद्यालय परिसर में उच्च अफसरों के खिलाफ सार्वजनिक स्थानों पर अपशब्दों का प्रयोग करते हैं, जिससे जुड़े ऑडियो व वीडियो भी वायरल हुए हैं.
विश्वविद्यालय द्वारा जारी कार्यालय आदेश के अनुसार अवर अभियंता अमरीश गौतम को 9 बिंदुओं के आधार पर दोषी पाया गया है. इसमें आवासीय परिसर में छतों की मरम्मत का अधूरा कार्य करने, विश्वविद्यालय को गुमराह कर पैसे निकालने और संबंधित ठेकेदार को पैसे नहीं देने, रसायन विभाग के प्रयोगशाला में उचित पैमाइश में कार्य नहीं कराने, झलकारी बाई महिला छात्रावास में मरम्मत का कार्य उचित तरीके से नहीं कराने, पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग में बिना किसी की अनुमति के टॉयलेट को तोड़ना, बी.टेक भवन में प्रयोगशाला निर्माण, स्टेडियम में बास्केट बाल कोर्ट निर्माण में अनिमितता पाई गई है.
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार अवर अभियंता अमरीश गौतम द्वारा सामान्य आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर दी गई गाली के वीडियो एवं ऑडियो वायरल हुए हैं. जिससे विश्वविद्यालय की छवि प्रभावित हो रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय-समय पर इस संबंध में अवर सिविल अभियंता अमरीश गौतम से स्पष्टीकरण भी मांगा, लेकिन इसका जबाब देने के स्थान पर कुलसचिव पर पैसे मांगने का आरोप लगाया गया. कुलसचिव नारायण प्रसाद ने बताया कि अमरीश गौतम द्वारा गलत विधि से एसीपी मांगी जा रही है, जिसे नहीं दिए जाने पर यह निरर्थक आरोप लगाया गया है. कुलसचिव नारायण प्रसाद द्वारा जारी कार्यालय आदेश के अनुसार अभियंता अमरीश गौतम को निलंबित करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही साथ अन्य प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है.
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