झांसी: स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के शिल्पकारों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के मकसद से झांसी किले की तलहटी में बनकर तैयार हुए बुन्देलखण्ड शिल्प ग्राम के उद्घाटन की झांसी विकास प्राधिकरण तैयारी कर रहा है. यह शिल्प ग्राम मार्च में ही बनकर तैयार हो गया था, लेकिन अचानक कोरोना और लॉकडाउन की परिस्थितियों में इसके उद्घाटन का काम अधर में लटक गया था. अब जेडीए की तैयारी है कि शिल्पकारों का एक भव्य कार्यक्रम अयोजित कर इसका उद्घाटन किया जाए.
छह करोड़ की लागत से बना है शिल्प ग्राम
यह शिल्प ग्राम छह एकड़ क्षेत्रफल में तैयार किया गया है. इसके निर्माण पर झांसी विकास प्राधिकरण ने छह करोड़ रुपये खर्च किये हैं. इस शिल्प ग्राम में 55 दुकानें, 32 खुले प्लेटफार्म, आठ फूड कोर्ट, प्रशासनिक भवन, एटीएम, मीटिंग हाल, डॉरमेट्री, चार एक्जीविशन हाल, एक म्यूजियम, एक ओपन थियेटर, तीन टॉयलेट, पार्किंग सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. इस शिल्प ग्राम में बुन्देलखण्ड के शिल्पकारों के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के शिल्पकारों को भी प्रचार-प्रसार की सुविधा और बाजार उपलब्ध कराया जाएगा.
उद्घाटन की तैयारी कर रहा जेडीए
झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित ने बताया कि अरबन हाट बनकर तैयार है और इसका नाम बुन्देलखण्ड शिल्प ग्राम रखा गया है. कोरोना के कारण इसे चालू करने में विलंब हुआ है. स्थानीय सम्भ्रांत नागरिकों और सम्बंधित विभागों के अफसरों के साथ एक बैठक की जाएगी. हम चाहते हैं कि पहले बुन्देलखण्ड के जिलों के शिल्पकारों की एक प्रदर्शनी आयोजित की जाए. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर के भी कार्यक्रम किये जाएं.