झांसीः पीएम मोदी आने वाले 19 नवंबर को झांसी आ रहे हैं. इस दिन महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है. पीएम के आने के पहले पुरातत्व विभाग और प्रशासन किले को चमकाने में जुटा हुआ है. कोरोड़ों रुपये की लागत से किले की मरम्मत और शहर की सड़कें बनाई जा रही हैं. दिनभर 100 से ज्यादा मजदूर और कर्मचारी किले के रंग-रोगन और मरम्मत के काम में जुटे हुए हैं.
पुरातत्व विभाग के अधिकारी का कहना है कि मूल स्वरूप बनाए रखने के लिए वही सामग्री इस्तेमाल की जा रही है, जो किला बनाने में इस्तेमाल हुई है किले के अंदर बने रानी के पंचमहल को पीले रंग से पोता गया है. वहीं किले और महलों पर जमी कालिख को भी लोहे के ब्रश से साफ कर चमकाया जा रहा है. शहरवासियों का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर पहले कभी भी किला की मरम्मत नहीं हुई है.
इसके लिए एक विशेष मैदान तैयार किया जा रहा है. करीब 10 साल पहले चारदीवारी कर मैदान को बंद कर दिया गया था. लेकिन अब मैदान को दुरुस्त कर समतल किया जा रहा है. मैदान के लिए 2 अस्थाई गेट बनाने के लिए दीवार को दो जगह से तोड़ा गया है. इस मैदान में झांसी दुर्ग का विहंगम दृश्य नजर आता है. इसके साथ ही मैदान के बगल में वे स्थल भी है, जहां झांसी की रानी अंग्रेजों से युद्ध करते हुए चकमा देकर निकली थी.
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जंपिंग सपोर्ट के पास दुर्ग पर तिरंगा झंडा लगा था. 12 फीट लंबे और 8 फीट चौड़े तिरंगा झंडे की डिमांड थी. खादी का झंडा झांसी में नहीं मिला तो पुरातत्व विभाग ने लखनऊ से झंडा बनवाया और गुरुवार को झंडे को दुर्ग पर लगा दिया गया. इसके अलावा किले की टूटी पड़ी दीवारों की मरम्मत की जा रही है. वही झाड़ियां काटकर सफाई का काम तेजी से चल रहा है. बड़ी संख्या में केंद्र और प्रदेश सरकार के मंत्री और अफसरों के अलावा सेना के अधिकारी शामिल होंगे. ऐसे में बेहद सीमित संख्या में अन्य लोगों को आयोजन का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा.