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लोकसभा चुनाव: जानिए! मतदाताओं की नजर में कैसा है कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र

लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी हैं. पहले चरण के मतदान में एक हफ्ते से भी कम समय बाकी रह गया है. राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. कांग्रेस ने 2 अप्रैल को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया था. जिसके बाद पूरे देश में इस घोषणा पत्र को लेकर आम चर्चा शुरू हो गई है.

चुनाव पर चर्चा
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Published : Apr 6, 2019, 2:02 AM IST

जौनपुर: इन दिनों जौनपुर में कांग्रेस का घोषणापत्र चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने जिले की कुछ महत्वपूर्ण शख्सियतों से बात की. इस दौरान ज्यादातर लोगों ने कांग्रेस के घोषणापत्र को चुनावी स्टंट बताया जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है. वहीं देशद्रोह का मुकदमा खत्म करने की बात पर लोगो ने कांग्रेस की नीयत पर पर भी सवाल खड़ा किया.

कांग्रेस के घोषणापत्र पर आम लोगों की राय
कीर्ति सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर के कृषि वैज्ञानिक हैं, उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र को फालतू बताया. उनका कहना कि कांग्रेस ने तीन राज्यों के चुनाव से पहले किसानों के कर्ज माफी की बात कही, लेकिन अब तक कोई कर्ज माफी नहीं हो पाई. वहीं प्रदेश में मुलायम सिंह की पहली सरकार में चिकित्सा व शिक्षा मंत्री रह चुके ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि कांग्रेस का शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने का वादा पूरी तरह असंभव है, उनका कहना है कि अभी तक शिक्षा पर किसी सरकार ने 3 परसेंट से ज्यादा खर्च नहीं किया है. वहीं जिले के दो बड़े अधिवक्ताओं ने भी राष्ट्रद्रोह जैसे मामले को खत्म करने के सवाल पर पार्टी की नीयत पर सवाल उठाए. उनके मुताबिक यह कानून आंतकवादियों पर लगाम लगाने में कारगर माना जाता है.

जौनपुर: इन दिनों जौनपुर में कांग्रेस का घोषणापत्र चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने जिले की कुछ महत्वपूर्ण शख्सियतों से बात की. इस दौरान ज्यादातर लोगों ने कांग्रेस के घोषणापत्र को चुनावी स्टंट बताया जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है. वहीं देशद्रोह का मुकदमा खत्म करने की बात पर लोगो ने कांग्रेस की नीयत पर पर भी सवाल खड़ा किया.

कांग्रेस के घोषणापत्र पर आम लोगों की राय
कीर्ति सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर के कृषि वैज्ञानिक हैं, उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र को फालतू बताया. उनका कहना कि कांग्रेस ने तीन राज्यों के चुनाव से पहले किसानों के कर्ज माफी की बात कही, लेकिन अब तक कोई कर्ज माफी नहीं हो पाई. वहीं प्रदेश में मुलायम सिंह की पहली सरकार में चिकित्सा व शिक्षा मंत्री रह चुके ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि कांग्रेस का शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने का वादा पूरी तरह असंभव है, उनका कहना है कि अभी तक शिक्षा पर किसी सरकार ने 3 परसेंट से ज्यादा खर्च नहीं किया है. वहीं जिले के दो बड़े अधिवक्ताओं ने भी राष्ट्रद्रोह जैसे मामले को खत्म करने के सवाल पर पार्टी की नीयत पर सवाल उठाए. उनके मुताबिक यह कानून आंतकवादियों पर लगाम लगाने में कारगर माना जाता है.
Intro:जौनपुर।। लोक सभा चुनाव 2019 की सरगर्मी अब धीरे धीरे बढ़ाने लगी है। पूरे देश में कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर एक आम चर्चा शुरू हो गई है। इस चुनावी घोषणा पत्र में जो भी वादे किए गए हैं उस पर जनता कोई यकीन नहीं है। जौनपुर जिले में दो लोकसभा सीटें हैं । दोनों ही लोकसभा सीटों का इतिहास भी काफी बड़ा है। वहीं इन दिनों चुनावी चर्चा में कांग्रेस की घोषणा पत्र पर भी चर्चा हुई। जिले के कुछ महत्वपूर्ण लोगों ने ईटीवी भारत पर अपनी बेबाक राय रखी । ज्यादातर लोगों ने कांग्रेश के चुनावी घोषणा पत्र को चुनावी स्टंट बताया जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है। वहीं देशद्रोह का मुकदमा खत्म करने की बात पर लोगो ने काँग्रेस की नीयत पर पर भी सवाल खड़ा किया।


Body:वीओ-चुनाव के दौरान नेताओं के द्वारा बहुत से ऐसे वादे होते हैं जो लोकलुभावन होते हैं। कुछ इसी तरह का कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में भी जनता से वादे किए गए हैं। आज कांग्रेस के घोषणा पत्र पर जौनपुर में भी चर्चा गरम है। जिले के कीर्ति सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर के कृषि वैज्ञानिक हैं उन्होंने इस घोषणापत्र को फालतू बताया , उनका कहना कि कांग्रेस ने तीन राज्यों के चुनाव से पहले किसानों के कर्ज माफी की बात कही लेकिन अब तक कोई कर्ज माफी नहीं हो पाई । वहीं प्रदेश में मुलायम सिंह की पहली सरकार चिकित्सा शिक्षा मंत्री रह चुके ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि कांग्रेस की शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च कर पाना पूरी तौर पर असंभव है, क्योंकि अभी तक किसी भी सरकार ने 3 परसेंट से ज्यादा शिक्षा पर खर्च नहीं किया है। वहीं जिले के दो बड़े अधिवक्ताओं ने भी राष्ट्रद्रोह जैसे मामले को खत्म करने के सवाल पर उनकी नीयत पर सवाल भी उठाए, क्योंकि यह मुकदमें अलगाववादी और आतंकवादियों पर लगे हैं।


Conclusion:बाइट- कीर्ति सिंह- अंतर्राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक ( सबसे पहले)
बाइट- ओम प्रकाश -श्रीवास्तव पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री( दूसरे नंबर पर सफेद कुर्ते में)
बाइट-वीरेंद्र कुमार- वरिष्ठ अधिवक्ता
बाइट- दुष्यंत सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता( चौथे नंबर पर)


पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
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