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पंचायत चुनाव 2021 : जौनपुर के इस गांव ने लिखी विकास की नई इबारत - पंचायत चुनाव 2021

यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. ईटीवी भारत की टीम गांव गांव जाकर पांच साल में हुए विकास कार्यों की पड़ताल कर रही हैं. जौनपुर के खुंशापुर गांव में पिछले पांच वर्षों में किए गए विकास से यहां के ग्रामीण खुश नजर आए. देखिए खुंशापुर गांव से ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

जौनपुर के इस गांव ने लिखी विकास की नई इबारत
जौनपुर के इस गांव ने लिखी विकास की नई इबारत
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Published : Mar 10, 2021, 12:04 PM IST

जौनपुर: यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. गांव की जनता अपना अगला जनप्रतिनिधि चुनने के लिए तैयार है. गांवों में पंचायत चुनाव को लेकर माहौल भी बनने लगा है. चाय की दुकानों से लेकर गांव की बैठकों में पंचायत चुनाव की चर्चाएं आम है. इन सबके बीच जिले का स्मार्ट गांव खुंशापुर आपको एक नजर में आकर्षित कर लेगा. स्मार्ट सिटी बनाने की कवायदों के बीच यह गांव स्मार्ट गांव बनकर उभरा है. जौनपुर मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर बक्सा विकासखंड का यह स्मार्ट गांव वाकई बेमिसाल है. प्राथमिक पाठशाला, सामुदायिक शौचालय, इंटरलॉकिंग सड़कें ,मनरेगा पार्क, ध्यान केंद्र,ओपन जिम और बेहतरीन आंगनबाड़ी केंद्र समेत ऐसी अन्य सुविधाएं हैं कि आपको किसी स्मार्ट सिटी से कम नहीं लगेगा.

जौनपुर के इस गांव ने लिखी विकास की नई इबारत
आदर्श गांव के रूप में स्थापित खुंशापुर गांव

बक्सा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले खुंशापुर गांव की गिनती कभी पिछड़े गांव में होती थी. लेकिन अब इस गांव की तस्वीर बदल गई है. बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ इस गांव ने अपने आप को एक आदर्श गांव के रूप में स्थापित कर लिया है. गांव को इस कदर विकसित किया गया है कि आप इसकी तुलना उत्तर प्रदेश की किसी हाइटेक सिटी से कर सकते हैं. गांव के लोगों ने यहां के प्रधान के साथ मिलकर मेहनत की. गांव को विकसित करने की रूपरेखा तैयार की. इसके बाद इस गांव ने जो विकास की रफ्तार पकड़ी उसने फिर थमने का नाम ही नहीं लिया. मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर होने के बाद भी यहां वह तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं जो किसी शहर में उपलब्ध होती हैं.

खुंशापुर गांव में अटल मनरेगा पार्क का निर्माण हुआ है. गांव के लोग यहां सुबह और शाम टहलने के लिए आते हैं. नदी किनारे बने इस पार्क में ध्यान केंद्र भी है. इसके अलावा यहां पर ओपन जिम की व्यवस्था की गई है. ओपन जिम इस उद्देश्य से बनाया गया है कि गांव के युवक और युवतियों को शारीरिक विकास के लिए शहर का मुंह न देखना पड़े. ओपन जिम में गांव के बच्चे बड़ी संख्या में कसरत करने के लिए पहुंचते हैं. खेलकूद की दृष्टि से यहां पर एक वॉलीबॉल और एक बैडमिंटन कोर्ट का भी निर्माण किया गया है. गांव के खिलखिलाते चेहरे आपको यहां के विकास की तस्वीर बताते हैं.

ओपन जिम ने लायी बच्चों के चेहरे पर मुस्कान

खुंशापुर गांव की गीत सिंह और शिवांश ओपन जिम खुलने से बहुत खुश हैं. ETV भारत से बात करते हुए गीत कहती हैं कि इससे पहले वो घर पर रहकर बोर होती थीं. लेकिन जब से ओपन जिम बना है तब से वह रोज यहां पर आती हैं. शिवांश कहते हैं कि एक महीने से वह निरंतर कसरत करने के लिए ओपन जिम में आते हैं.

स्वच्छ भारत अभियान का भी रखा पूरा ध्यान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत योजना का भी भरपूर ध्यान रखा गया है. गांव को खुले में शौच मुक्त करने के लिए यहां पर एक सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण कराया गया है. आधुनिक सुविधाओं से लैस सामुदायिक शौचालय के होने से खुले में शौच करने वालों की संख्या घट गई है. इसके अलावा गांव के प्रधान संजीव सिंह कहते हैं कि लगभग इस पंचवर्षीय में 250 शौचालय का निर्माण कराया गया है.

शिक्षा में भी स्मार्ट है गांव की तस्वीर

शिक्षा के लिहाज से इस गांव में जूनियर हाई स्कूल विद्यालय के साथ-साथ प्राथमिक पाठशाला भी है. विद्यालयों की दीवार पर सुंदर चित्रण किया गया है. इसके साथ ही स्कूल के परिसर में स्वच्छता का भी भरपूर ध्यान रखा जाता है. ग्रामवासी बताते हैं कि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा लेने के लिए अब शहर की राह नहीं देखनी पड़ती. हालांकि कोरोना के कारण विद्यालय बंद होने से शिक्षा पर असर जरूर पड़ा है,लेकिन उससे पहले यहां पर पठन-पाठन में किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता.

बस एक पुल की है दरकार

अपने गांव की तस्वीर बदलती देख गांव वाले बहुत खुश हैं. पार्क, सामुदायिक शौचालय और आंगनबाड़ी केंद्र समेत लगभग अन्य सुविधाएं भी मौजूद हैं. सड़कों की भी स्थिति गांव में अच्छी है. लेकिन गांव वाले कहते हैं कि नदी के किनारे बसे इस गांव में अगर एक पुल बन जाये तो उन्हें फिर कभी कोई दिक्कत नहीं होगी. पुल बन जाने से हरिरामपुर समेत अन्य गांव से भी संपर्क अच्छा हो जाएगा. गांव वाले फिलहाल नाव के सहारे ही उस पर जाते हैं.

विकास हो तो खुंशापुर जैसा

खुंशापुर में हुए विकास कार्यों को देखकर बगल के गांव वाले भी बहुत खुश हैं. पास के गांव हरिरामपुर के निवासी जय सिंह यादव कहते हैं कि वह रोज सुबह और शाम इस गांव के मनरेगा पार्क में आते हैं. हालांकि नाव से उन्हें यह रास्ता तय करना पड़ता है, लेकिन खेलने की अच्छी व्यवस्था है कि वह खुद को रोक नहीं पाते हैं. वह रहने वाले हरिरामपुर के हैं,लेकिन वह चाहते हैं कि सभी गांव का विकास खुंशापुर गांव की तर्ज पर ही हो.

सुनिए क्या कहते हैं गांव के प्रधान

खुंशापुर गांव के प्रधान संजीव सिंह कहते हैं कि गांव में जो विकास हुआ है वो सभी के अथक प्रयासों का नतीजा है. पूरे जिले में आज इस अटल पार्क की तारीफ हो रही है, लेकिन इसको पूरा रूप देने में तीन साल लग गए. गांव को हर लिहाज से विकास की रफ्तार देनी थी. इसके साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना था कि गांव में रहने वाले युवा वर्ग का मानसिक और शारीरिक विकास भी हो. गांव में पढ़ाई का माहौल भी है. अब ओपन जिम के साथ वॉलीबाल और बैडमिंटन कोर्ट भी बन गया है. हम अब शहर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकते हैं. सरकार की जो भी महत्वाकांक्षी योजना है, उसको जन जन तक पहुंचाया जा रहा है. सरकार के पास उतना बजट नहीं है. अगर पर्याप्त राशि मिले तो नदी पर पुल का निर्माण भी कराया जा सकता है. पुल बनने के बाद विकास को नया आयाम भी मिलेगा.

जौनपुर: यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. गांव की जनता अपना अगला जनप्रतिनिधि चुनने के लिए तैयार है. गांवों में पंचायत चुनाव को लेकर माहौल भी बनने लगा है. चाय की दुकानों से लेकर गांव की बैठकों में पंचायत चुनाव की चर्चाएं आम है. इन सबके बीच जिले का स्मार्ट गांव खुंशापुर आपको एक नजर में आकर्षित कर लेगा. स्मार्ट सिटी बनाने की कवायदों के बीच यह गांव स्मार्ट गांव बनकर उभरा है. जौनपुर मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर बक्सा विकासखंड का यह स्मार्ट गांव वाकई बेमिसाल है. प्राथमिक पाठशाला, सामुदायिक शौचालय, इंटरलॉकिंग सड़कें ,मनरेगा पार्क, ध्यान केंद्र,ओपन जिम और बेहतरीन आंगनबाड़ी केंद्र समेत ऐसी अन्य सुविधाएं हैं कि आपको किसी स्मार्ट सिटी से कम नहीं लगेगा.

जौनपुर के इस गांव ने लिखी विकास की नई इबारत
आदर्श गांव के रूप में स्थापित खुंशापुर गांव

बक्सा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले खुंशापुर गांव की गिनती कभी पिछड़े गांव में होती थी. लेकिन अब इस गांव की तस्वीर बदल गई है. बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ इस गांव ने अपने आप को एक आदर्श गांव के रूप में स्थापित कर लिया है. गांव को इस कदर विकसित किया गया है कि आप इसकी तुलना उत्तर प्रदेश की किसी हाइटेक सिटी से कर सकते हैं. गांव के लोगों ने यहां के प्रधान के साथ मिलकर मेहनत की. गांव को विकसित करने की रूपरेखा तैयार की. इसके बाद इस गांव ने जो विकास की रफ्तार पकड़ी उसने फिर थमने का नाम ही नहीं लिया. मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर होने के बाद भी यहां वह तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं जो किसी शहर में उपलब्ध होती हैं.

खुंशापुर गांव में अटल मनरेगा पार्क का निर्माण हुआ है. गांव के लोग यहां सुबह और शाम टहलने के लिए आते हैं. नदी किनारे बने इस पार्क में ध्यान केंद्र भी है. इसके अलावा यहां पर ओपन जिम की व्यवस्था की गई है. ओपन जिम इस उद्देश्य से बनाया गया है कि गांव के युवक और युवतियों को शारीरिक विकास के लिए शहर का मुंह न देखना पड़े. ओपन जिम में गांव के बच्चे बड़ी संख्या में कसरत करने के लिए पहुंचते हैं. खेलकूद की दृष्टि से यहां पर एक वॉलीबॉल और एक बैडमिंटन कोर्ट का भी निर्माण किया गया है. गांव के खिलखिलाते चेहरे आपको यहां के विकास की तस्वीर बताते हैं.

ओपन जिम ने लायी बच्चों के चेहरे पर मुस्कान

खुंशापुर गांव की गीत सिंह और शिवांश ओपन जिम खुलने से बहुत खुश हैं. ETV भारत से बात करते हुए गीत कहती हैं कि इससे पहले वो घर पर रहकर बोर होती थीं. लेकिन जब से ओपन जिम बना है तब से वह रोज यहां पर आती हैं. शिवांश कहते हैं कि एक महीने से वह निरंतर कसरत करने के लिए ओपन जिम में आते हैं.

स्वच्छ भारत अभियान का भी रखा पूरा ध्यान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत योजना का भी भरपूर ध्यान रखा गया है. गांव को खुले में शौच मुक्त करने के लिए यहां पर एक सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण कराया गया है. आधुनिक सुविधाओं से लैस सामुदायिक शौचालय के होने से खुले में शौच करने वालों की संख्या घट गई है. इसके अलावा गांव के प्रधान संजीव सिंह कहते हैं कि लगभग इस पंचवर्षीय में 250 शौचालय का निर्माण कराया गया है.

शिक्षा में भी स्मार्ट है गांव की तस्वीर

शिक्षा के लिहाज से इस गांव में जूनियर हाई स्कूल विद्यालय के साथ-साथ प्राथमिक पाठशाला भी है. विद्यालयों की दीवार पर सुंदर चित्रण किया गया है. इसके साथ ही स्कूल के परिसर में स्वच्छता का भी भरपूर ध्यान रखा जाता है. ग्रामवासी बताते हैं कि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा लेने के लिए अब शहर की राह नहीं देखनी पड़ती. हालांकि कोरोना के कारण विद्यालय बंद होने से शिक्षा पर असर जरूर पड़ा है,लेकिन उससे पहले यहां पर पठन-पाठन में किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता.

बस एक पुल की है दरकार

अपने गांव की तस्वीर बदलती देख गांव वाले बहुत खुश हैं. पार्क, सामुदायिक शौचालय और आंगनबाड़ी केंद्र समेत लगभग अन्य सुविधाएं भी मौजूद हैं. सड़कों की भी स्थिति गांव में अच्छी है. लेकिन गांव वाले कहते हैं कि नदी के किनारे बसे इस गांव में अगर एक पुल बन जाये तो उन्हें फिर कभी कोई दिक्कत नहीं होगी. पुल बन जाने से हरिरामपुर समेत अन्य गांव से भी संपर्क अच्छा हो जाएगा. गांव वाले फिलहाल नाव के सहारे ही उस पर जाते हैं.

विकास हो तो खुंशापुर जैसा

खुंशापुर में हुए विकास कार्यों को देखकर बगल के गांव वाले भी बहुत खुश हैं. पास के गांव हरिरामपुर के निवासी जय सिंह यादव कहते हैं कि वह रोज सुबह और शाम इस गांव के मनरेगा पार्क में आते हैं. हालांकि नाव से उन्हें यह रास्ता तय करना पड़ता है, लेकिन खेलने की अच्छी व्यवस्था है कि वह खुद को रोक नहीं पाते हैं. वह रहने वाले हरिरामपुर के हैं,लेकिन वह चाहते हैं कि सभी गांव का विकास खुंशापुर गांव की तर्ज पर ही हो.

सुनिए क्या कहते हैं गांव के प्रधान

खुंशापुर गांव के प्रधान संजीव सिंह कहते हैं कि गांव में जो विकास हुआ है वो सभी के अथक प्रयासों का नतीजा है. पूरे जिले में आज इस अटल पार्क की तारीफ हो रही है, लेकिन इसको पूरा रूप देने में तीन साल लग गए. गांव को हर लिहाज से विकास की रफ्तार देनी थी. इसके साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना था कि गांव में रहने वाले युवा वर्ग का मानसिक और शारीरिक विकास भी हो. गांव में पढ़ाई का माहौल भी है. अब ओपन जिम के साथ वॉलीबाल और बैडमिंटन कोर्ट भी बन गया है. हम अब शहर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकते हैं. सरकार की जो भी महत्वाकांक्षी योजना है, उसको जन जन तक पहुंचाया जा रहा है. सरकार के पास उतना बजट नहीं है. अगर पर्याप्त राशि मिले तो नदी पर पुल का निर्माण भी कराया जा सकता है. पुल बनने के बाद विकास को नया आयाम भी मिलेगा.

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