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जौनपुर: खिलौना बैंक के जरिए लौटाया जा रहा गरीब बच्चों का बचपन

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Published : Feb 19, 2020, 12:55 PM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में सभी बड़े कान्वेंट स्कूलों में खिलौना बैंक बनाया गया है. इसमें लोग नए और पुराने खिलौनों का स्वेच्छा से दान कर रहे हैं. इन खिलौनों को जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचाया जा रहा है, जहां बच्चे इन खिलौनों को पाकर काफी खुश हो रहे हैं.

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जौनपुर में बनाया गया खिलौना बैंक.

जौनपुर: गरीबी और तंगहाली में जीवन जी रहे बच्चे समय से पहले ही अपना बचपन खो देते हैं. जिले में ऐसे ही गरीब और ग्रामीण इलाकों के बच्चों का बचपन लौटाने का प्रयास बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के द्वारा खिलौना बैंक बनाकर किया जा रहा है. इसके तहत खिलौनों के जरिए बच्चों की मासूमियत और बचपन लौटाने का प्रयास शुरू किया गया है. कई घरों में बच्चों के बड़े होने के बाद खिलौने बेकार हो जाते हैं, ऐसे में इन खिलौनों को इकट्ठा कर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को बांटने का काम शुरू किया गया है.

जानकारी देते संवाददाता.

स्वेच्छा से दान कर रहे हैं खिलौना
जनपद में सभी बड़े कान्वेंट स्कूलों में खिलौना बैंक बनाकर पहले इसका प्रयोग शुरू किया गया. यह प्रयोग सफल होने के बाद अब जनपद के सभी ब्लॉकों में खिलौना बैंक स्थापित किया गया है, जहां पर लोग नए और पुराने खिलौनों को स्वेच्छा से दान कर रहे हैं. इन खिलौनों को जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचाया जा रहा है. वहीं बच्चे इन खिलौनों को पाकर काफी खुश हो रहे हैं.

कान्वेंट स्कूलों में स्थापित किया गया खिलौना बैंक
गरीब बच्चों की मासूमियत को लौटाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग और मुख्य विकास अधिकारी के प्रयास के द्वारा जनपद में सभी बड़े कान्वेंट स्कूलों में खिलौना बैंक स्थापित किया गया. जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश मिश्र ने जनपद के बड़े कान्वेंट स्कूलों के साथ बैठक कर इन स्कूलों में खिलौना बैंक खोला. पढ़ने वाले बच्चों से अपने घर में बेकार पड़े खिलौनों को लाकर इस बैंक में जमा करने की अपील की गई.

आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजे जा रहे खिलौने
जनपद में 50 से ज्यादा जगहों पर खिलौना बैंक खुल गया है, जहां पर हजारों की संख्या में खिलौने भी जमा हो गए हैं. अब यह खिलौने आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजे जा रहे हैं, जहां बच्चे खिलौने पाकर काफी खुश हैं. बच्चे इन खिलौनों से खेलते हुए कुछ सीख भी रहे हैं. बच्चों को खिलौने घर ले जाने की भी आजादी होती है. खिलौना बैंक के जरिए जहां बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने में मदद मिल रही है, वहीं इन खिलौनों से उनका मनोरंजन भी हो रहा है.

पहले आंगनबाड़ी केंद्र पर खिलौने न के बराबर होते थे, जिससे बच्चों का पढ़ने में भी मन नहीं लगता था, लेकिन जब से खिलौना बैंक खुला है, बच्चे खिलौना पाकर काफी खुश हैं. बच्चे इन खिलौनों से खेल-खेल में काफी सीख रहे हैं.
- शशि कला सिंह, आंगनबाड़ी सहायिका

जनपद में 50 से 60 जगहों पर खिलौना बैंक स्थापित किया गया है. इससे मिले हुए खिलौनों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिया जा रहा है, जिससे कि आंगनबाड़ी केंद्र सशक्त हों और यहां पर पढ़ने वाले बच्चों का मन पढ़ने में लगे.
- अनुपम शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी

जौनपुर: गरीबी और तंगहाली में जीवन जी रहे बच्चे समय से पहले ही अपना बचपन खो देते हैं. जिले में ऐसे ही गरीब और ग्रामीण इलाकों के बच्चों का बचपन लौटाने का प्रयास बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के द्वारा खिलौना बैंक बनाकर किया जा रहा है. इसके तहत खिलौनों के जरिए बच्चों की मासूमियत और बचपन लौटाने का प्रयास शुरू किया गया है. कई घरों में बच्चों के बड़े होने के बाद खिलौने बेकार हो जाते हैं, ऐसे में इन खिलौनों को इकट्ठा कर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को बांटने का काम शुरू किया गया है.

जानकारी देते संवाददाता.

स्वेच्छा से दान कर रहे हैं खिलौना
जनपद में सभी बड़े कान्वेंट स्कूलों में खिलौना बैंक बनाकर पहले इसका प्रयोग शुरू किया गया. यह प्रयोग सफल होने के बाद अब जनपद के सभी ब्लॉकों में खिलौना बैंक स्थापित किया गया है, जहां पर लोग नए और पुराने खिलौनों को स्वेच्छा से दान कर रहे हैं. इन खिलौनों को जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचाया जा रहा है. वहीं बच्चे इन खिलौनों को पाकर काफी खुश हो रहे हैं.

कान्वेंट स्कूलों में स्थापित किया गया खिलौना बैंक
गरीब बच्चों की मासूमियत को लौटाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग और मुख्य विकास अधिकारी के प्रयास के द्वारा जनपद में सभी बड़े कान्वेंट स्कूलों में खिलौना बैंक स्थापित किया गया. जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश मिश्र ने जनपद के बड़े कान्वेंट स्कूलों के साथ बैठक कर इन स्कूलों में खिलौना बैंक खोला. पढ़ने वाले बच्चों से अपने घर में बेकार पड़े खिलौनों को लाकर इस बैंक में जमा करने की अपील की गई.

आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजे जा रहे खिलौने
जनपद में 50 से ज्यादा जगहों पर खिलौना बैंक खुल गया है, जहां पर हजारों की संख्या में खिलौने भी जमा हो गए हैं. अब यह खिलौने आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजे जा रहे हैं, जहां बच्चे खिलौने पाकर काफी खुश हैं. बच्चे इन खिलौनों से खेलते हुए कुछ सीख भी रहे हैं. बच्चों को खिलौने घर ले जाने की भी आजादी होती है. खिलौना बैंक के जरिए जहां बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने में मदद मिल रही है, वहीं इन खिलौनों से उनका मनोरंजन भी हो रहा है.

पहले आंगनबाड़ी केंद्र पर खिलौने न के बराबर होते थे, जिससे बच्चों का पढ़ने में भी मन नहीं लगता था, लेकिन जब से खिलौना बैंक खुला है, बच्चे खिलौना पाकर काफी खुश हैं. बच्चे इन खिलौनों से खेल-खेल में काफी सीख रहे हैं.
- शशि कला सिंह, आंगनबाड़ी सहायिका

जनपद में 50 से 60 जगहों पर खिलौना बैंक स्थापित किया गया है. इससे मिले हुए खिलौनों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिया जा रहा है, जिससे कि आंगनबाड़ी केंद्र सशक्त हों और यहां पर पढ़ने वाले बच्चों का मन पढ़ने में लगे.
- अनुपम शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी

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