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जौनपुर: स्कूलों में उर्दू की किताबें नदारद, कैसे होगी पढ़ाई - उत्तर प्रदेश समाचार

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में परिषदीय विद्यालयों में उर्दू की किताबें नहीं हैं, जिसके चलते ये स्कूल सामान्य स्कूल बनकर रह गए हैं.

बिना किताबों के स्कूलों में हो रही पढ़ाई.
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Published : Jul 10, 2019, 1:14 PM IST

जौनपुर: जिले के परिषदीय विद्यालयों में इंग्लिश मीडियम की साथ-साथ उर्दू मीडियम के स्कूल भी संचालित हो रहे हैं, लेकिन यह स्कूल अब नाम के रह गए हैं. इन स्कूलों में उर्दू के शिक्षक तो उपलब्ध हैं, लेकिन उर्दू की किताबें न मिल पाने के कारण यहां पढ़ाई अब हिंदी मीडियम में होती है. यहां के शिक्षक बाजार से अपने पैसे से उर्दू की किताबें खरीदकर इन स्कूलों को चलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

जानकारी देते संवाददाता.

परिषदीय विद्यालयों में नहीं हैं उर्दू की किताबें

  • परिषदीय विद्यालयों में इंग्लिश मीडियम की साथ-साथ उर्दू मीडियम के स्कूल भी संचालित हो रहे हैं., लेकिन यह स्कूल अब नाम के रह गए हैं.
  • कभी इन स्कूलों में उर्दू माध्यम से पढ़ाई होती थी, लेकिन आज उर्दू की किताबें न मिलने के कारण यह सामान्य स्कूल बनकर रह गए हैं.
  • इन स्कूलों में उर्दू के शिक्षक तो तैनात हैं, लेकिन उर्दू की किताबें नहीं हैं.
  • यहां शिक्षक खुद अपने पैसे से उर्दू की किताबें खरीदकर किसी तरह स्कूल चला रहे हैं.

जौनपुर: जिले के परिषदीय विद्यालयों में इंग्लिश मीडियम की साथ-साथ उर्दू मीडियम के स्कूल भी संचालित हो रहे हैं, लेकिन यह स्कूल अब नाम के रह गए हैं. इन स्कूलों में उर्दू के शिक्षक तो उपलब्ध हैं, लेकिन उर्दू की किताबें न मिल पाने के कारण यहां पढ़ाई अब हिंदी मीडियम में होती है. यहां के शिक्षक बाजार से अपने पैसे से उर्दू की किताबें खरीदकर इन स्कूलों को चलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

जानकारी देते संवाददाता.

परिषदीय विद्यालयों में नहीं हैं उर्दू की किताबें

  • परिषदीय विद्यालयों में इंग्लिश मीडियम की साथ-साथ उर्दू मीडियम के स्कूल भी संचालित हो रहे हैं., लेकिन यह स्कूल अब नाम के रह गए हैं.
  • कभी इन स्कूलों में उर्दू माध्यम से पढ़ाई होती थी, लेकिन आज उर्दू की किताबें न मिलने के कारण यह सामान्य स्कूल बनकर रह गए हैं.
  • इन स्कूलों में उर्दू के शिक्षक तो तैनात हैं, लेकिन उर्दू की किताबें नहीं हैं.
  • यहां शिक्षक खुद अपने पैसे से उर्दू की किताबें खरीदकर किसी तरह स्कूल चला रहे हैं.
Intro:जौनपुर।। परिषदीय स्कूलों में तीन माध्यम के स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। पहले हिंदी और उर्दू माध्यम के ही स्कूल हो रहे थे लेकिन इन दिनों योगी सरकार के प्रयासों से हर ब्लाक में दो स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में संचालित हो रहे है। जौनपुर के ब्लाक के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में उर्दू माध्यम के स्कूल भी संचालित हो रहे हैं लेकिन यह स्कूल अब नाम के रह गए हैं। इन स्कूलों में उर्दू के शिक्षक तो तैनात हैं लेकिन उर्दू की किताबें न मिल पाने के कारण यहां पढ़ाई अब हिंदी मीडियम में होती है । शिक्षक बाजार से अपने पैसे से उर्दू की किताबें खरीदकर इन स्कूलों को जिंदा रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं।


Body:वीओ।। परिषदीय विद्यालयों में इंग्लिश मीडियम की साथ-साथ उर्दू मीडियम की स्कूल भी संचालित होते हैं। जौनपुर के हर ब्लॉक के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में उर्दू मीडियम के परिषदीय स्कूल संचालित हो रहे हैं लेकिन यह इस्कूल अब केवल नाम के ही हैं। कभी इन स्कूलों में उर्दू माध्यम से पढ़ाई होती थी लेकिन आज उर्दू की किताबें न मिलने के कारण यह सामान्य स्कूल बनकर रह गए हैं । इन स्कूलों में उर्दू के शिक्षक तो तैनात है लेकिन उर्दू की किताबें नहीं है। यहां शिक्षक खुद अपने पैसे से बाजार से उर्दू की किताबें खरीदकर किसी तरह स्कूल चला रहे हैं।







Conclusion:स्कूल की प्रधानाध्यापिका रक्षंदा बेगम बताती हैं कि पिछले सत्र में उर्दू की किताबें आई थी लेकिन इस बार नहीं आई है। वह बाजार से उर्दू किताबें खरीदकर किसी तरह उर्दू का एक घंटा पढ़ा रही है।

बाइट रक्षंदा बेगम प्रधानाध्यापिका


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
9044681067






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