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सर, मेरे पिताजी को बचा लीजिये...ना पानी है, ना ऑक्सीजन सिलेंडर

कोरोना ने न जाने कितने घरों को उजाड़ दिया है. कोरोना की रफ्तार बेकाबू होने के बाद कोविड की जांच कराना और संक्रमित मरीजों के लिए हॉस्पिटल में बेड मिलना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. ऑक्सीजन से लेकर इंजेक्शन तक जुटाने में मरीजों के परिजनों का बुरा हाल है. ऐसा ही एक मामला जौनपुर जिले में देखने को मिला...यहां कोरोना संक्रमित पिता का इलाज कराने आए युवक से जब ETV भारत की टीम ने बात की तो वह भावुक हो उठा...देखें वीडियो में

संक्रमित मरीज का बेटा
संक्रमित मरीज का बेटा
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Published : Apr 21, 2021, 11:40 AM IST

Updated : Apr 21, 2021, 1:11 PM IST

जौनपुर : सर... मेरे पिताजी को बचा लीजिये... ना पानी है, ना ऑक्सीजन सिलेंडर... ये गुहार एक बेटे की है, जिसके पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. बेटे ने रोते हुए जब अपने पिता की परेशानी और दर्द का बयां किया, तो सुनने वालों के भी आंखों में आंसू आ गए. दरअसल, विकास खंड खुटहन के निवासी संजय के पिता अस्पताल में भर्ती हैं. ETV भारत से बातचीत में संजय गुहार लगा रहे हैं कि 'मेरे पापा को बचा लीजिये. अस्पताल में ना तो पानी उपलब्ध है और ना ही ऑक्सीजन सिलेंडर.'

संक्रमित पिता के इलाज के लिए परेशान पुत्र का छलका दर्द-

इसे भी पढ़ें- 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाने में जुटा चौरीचौरा तहसील प्रशासन

जौनपुर जिला चिकित्सालय के परिसर में कोविड L2 अस्पताल है. कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. जिला प्रशासन का प्रयास है कि वह अपनी तरफ से हर सुविधा को मुहैया करा दे. इसी क्रम में जिलाधिकारी ने 12 प्राइवेट अस्पतालों को भी अधिग्रहित कर लिया है, जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो. इसके बावजूद जिले में कुछ परिजन बेहद परेशान हैं. उनमें से एक खुटहन के रहने वाले संजय भी हैं. ETV भारत ने जब उनसे उनके पिताजी का हाल जानना चाहा, तो वह भावुक हो उठे. संजय कैमरे के आगे फफक फफक कर रोने लगे. कहने लगे कि 'सर मेरे पिताजी को बचा लीजिए...मेरे पिताजी वापस नहीं आएंगे. अंदर गर्म पानी तक नहीं दिया जा रहा है. मैं खुद उनके लिए बाहर से पानी की बोतल लेकर आया हूं. कुछ भी कीजिए, लेकिन मेरे पिताजी को बचा लीजिए.'

इसे भी पढ़ें- अस्‍पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना, वाहनों की होगी जीपीएस मॉनिटरिंग

अपने पिता का इलाज कराने के लिए परेशान संजय ने बताया कि अधिकारी भी बाहर से निरीक्षण कर चले जा रहे हैं. ऐसे में उनको सच्चाई कैसे पता चलेगी. हालांकि, इस बात को लेकर जिला प्रशासन समुचित व्यवस्था का दावा कर रहा है. कुछ प्राइवेट अस्पतालों को भी अधिग्रहित किया गया है.

जौनपुर : सर... मेरे पिताजी को बचा लीजिये... ना पानी है, ना ऑक्सीजन सिलेंडर... ये गुहार एक बेटे की है, जिसके पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. बेटे ने रोते हुए जब अपने पिता की परेशानी और दर्द का बयां किया, तो सुनने वालों के भी आंखों में आंसू आ गए. दरअसल, विकास खंड खुटहन के निवासी संजय के पिता अस्पताल में भर्ती हैं. ETV भारत से बातचीत में संजय गुहार लगा रहे हैं कि 'मेरे पापा को बचा लीजिये. अस्पताल में ना तो पानी उपलब्ध है और ना ही ऑक्सीजन सिलेंडर.'

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जौनपुर जिला चिकित्सालय के परिसर में कोविड L2 अस्पताल है. कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. जिला प्रशासन का प्रयास है कि वह अपनी तरफ से हर सुविधा को मुहैया करा दे. इसी क्रम में जिलाधिकारी ने 12 प्राइवेट अस्पतालों को भी अधिग्रहित कर लिया है, जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो. इसके बावजूद जिले में कुछ परिजन बेहद परेशान हैं. उनमें से एक खुटहन के रहने वाले संजय भी हैं. ETV भारत ने जब उनसे उनके पिताजी का हाल जानना चाहा, तो वह भावुक हो उठे. संजय कैमरे के आगे फफक फफक कर रोने लगे. कहने लगे कि 'सर मेरे पिताजी को बचा लीजिए...मेरे पिताजी वापस नहीं आएंगे. अंदर गर्म पानी तक नहीं दिया जा रहा है. मैं खुद उनके लिए बाहर से पानी की बोतल लेकर आया हूं. कुछ भी कीजिए, लेकिन मेरे पिताजी को बचा लीजिए.'

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अपने पिता का इलाज कराने के लिए परेशान संजय ने बताया कि अधिकारी भी बाहर से निरीक्षण कर चले जा रहे हैं. ऐसे में उनको सच्चाई कैसे पता चलेगी. हालांकि, इस बात को लेकर जिला प्रशासन समुचित व्यवस्था का दावा कर रहा है. कुछ प्राइवेट अस्पतालों को भी अधिग्रहित किया गया है.

Last Updated : Apr 21, 2021, 1:11 PM IST
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