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जौनपुर: बिना शौचालय के संचालित हो रहे हैं परिषदीय विद्यालय

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में कई परिषदीय विद्यालय बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं, जिसके कारण विद्यालयों के बच्चे सहित शिक्षिकाओं को शौच के लिए बाहर जाना पड़ रहा है. सरकार की स्वच्छ भारत अभियान के तहत की गई लाख कोशिशें नाकाम सी नजर आ रही हैं.

विद्यालयों में नहीं है शौचालय, खुले में करते बच्चे शौच.
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Published : Nov 21, 2019, 6:44 PM IST

जौनपुर: स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय की जरूरत घरों में ही नहीं बल्कि विद्यालयों में भी है. वहीं जिले में कुछ ऐसे परिषदीय विद्यालय हैं जो बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं. जनपद का कलीचाबाद छावनी प्राथमिक विद्यालय ऐसे ही विद्यालयों में से एक है.

विद्यालयों में नहीं है शौचालय, खुले में करते बच्चे शौच.

विद्यालय में शौचालय न होने से परेशान बच्चे और शिक्षिकाएं
इस विद्यालय में बच्चों की संख्या 118 है तो वहीं यहां पर 6 महिला शिक्षिका भी तैनात हैं, लेकिन विद्यालय में शौचालय न होने की वजह से बच्चे हाथ में बोतल लेकर खुले में शौच करने को मजबूर है. वहीं महिला शिक्षिकाओं को भी शर्मिंदगी का शिकार होना पड़ता है. सरकार की तरफ से चलाई जा रही कायाकल्प योजना भी इस विद्यालय का उद्धार नहीं कर सकी है, जबकि इस योजना में परिषदीय विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है.

बिना शौचालय संचालित हो रहे कई विद्यालय
जिले में स्वच्छ भारत अभियान के तहत जहां लाखों की संख्या में शौचालय बनाए गए हैं. वहीं जनपद की नगर पालिका क्षेत्र को भी शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है. नगर पालिका कि शहरी क्षेत्र में ही आने वाले परिषदीय विद्यालय आज भी बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं. कलीचाबाद छावनी प्राथमिक विद्यालय में शौचालय तो है, लेकिन प्रयोग करने लायक नहीं है.

बाहर शौंच के लिए जाने को मजबूर बच्चे
स्कूल का शौचालय कई वर्षों से शोपीस बना हुआ है, जिसके कारण विद्यालय की छात्राएं और बच्चे हाथों में बोतल लेकर खुले में शौच करने को मजबूर हैं. विद्यालय में कई बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है, लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही कायाकल्प योजना भी इस विद्यालय का कायाकल्प नहीं कर सकी है. वहीं अब अधिकारी विद्यालयों का कायाकल्प कराने की बात कह रहे हैं.

वहीं स्कूल की शिक्षिका, पूनम सिंह का कहना है कि स्कूल में शौचालय नहीं है, जिसके कारण उन्हें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है.

इसे भी पढ़ें- कन्नौज: स्वच्छता अभियान के तहत बने शौचालय को दबंगों ने गिराया, न्याय मांग रहा पीड़ित परिवार

स्कूल की प्रधानाध्यापिका, बिंदु सिंह का कहना है कि स्कूल में शौचालय बेकार पड़ा हुआ है जो प्रयोग करने लायक नहीं है. मजबूरी में बच्चों खुले में शौच करने के लिए खेतों में या नदी किनारे जाते हैं. वहीं स्कूल में महिला शिक्षिकाओं को भी शौचालय न होने से काफी परेशानी होती है.

कायाकल्प योजना के माध्यम से प्रत्येक ब्लाक में 10 विद्यालयों का चयन किया जा रहा है और ऐसे विद्यालय जहां पर सुविधाओं की कमी है उनको मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा.
-दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी

जौनपुर: स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय की जरूरत घरों में ही नहीं बल्कि विद्यालयों में भी है. वहीं जिले में कुछ ऐसे परिषदीय विद्यालय हैं जो बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं. जनपद का कलीचाबाद छावनी प्राथमिक विद्यालय ऐसे ही विद्यालयों में से एक है.

विद्यालयों में नहीं है शौचालय, खुले में करते बच्चे शौच.

विद्यालय में शौचालय न होने से परेशान बच्चे और शिक्षिकाएं
इस विद्यालय में बच्चों की संख्या 118 है तो वहीं यहां पर 6 महिला शिक्षिका भी तैनात हैं, लेकिन विद्यालय में शौचालय न होने की वजह से बच्चे हाथ में बोतल लेकर खुले में शौच करने को मजबूर है. वहीं महिला शिक्षिकाओं को भी शर्मिंदगी का शिकार होना पड़ता है. सरकार की तरफ से चलाई जा रही कायाकल्प योजना भी इस विद्यालय का उद्धार नहीं कर सकी है, जबकि इस योजना में परिषदीय विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है.

बिना शौचालय संचालित हो रहे कई विद्यालय
जिले में स्वच्छ भारत अभियान के तहत जहां लाखों की संख्या में शौचालय बनाए गए हैं. वहीं जनपद की नगर पालिका क्षेत्र को भी शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है. नगर पालिका कि शहरी क्षेत्र में ही आने वाले परिषदीय विद्यालय आज भी बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं. कलीचाबाद छावनी प्राथमिक विद्यालय में शौचालय तो है, लेकिन प्रयोग करने लायक नहीं है.

बाहर शौंच के लिए जाने को मजबूर बच्चे
स्कूल का शौचालय कई वर्षों से शोपीस बना हुआ है, जिसके कारण विद्यालय की छात्राएं और बच्चे हाथों में बोतल लेकर खुले में शौच करने को मजबूर हैं. विद्यालय में कई बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है, लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही कायाकल्प योजना भी इस विद्यालय का कायाकल्प नहीं कर सकी है. वहीं अब अधिकारी विद्यालयों का कायाकल्प कराने की बात कह रहे हैं.

वहीं स्कूल की शिक्षिका, पूनम सिंह का कहना है कि स्कूल में शौचालय नहीं है, जिसके कारण उन्हें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है.

इसे भी पढ़ें- कन्नौज: स्वच्छता अभियान के तहत बने शौचालय को दबंगों ने गिराया, न्याय मांग रहा पीड़ित परिवार

स्कूल की प्रधानाध्यापिका, बिंदु सिंह का कहना है कि स्कूल में शौचालय बेकार पड़ा हुआ है जो प्रयोग करने लायक नहीं है. मजबूरी में बच्चों खुले में शौच करने के लिए खेतों में या नदी किनारे जाते हैं. वहीं स्कूल में महिला शिक्षिकाओं को भी शौचालय न होने से काफी परेशानी होती है.

कायाकल्प योजना के माध्यम से प्रत्येक ब्लाक में 10 विद्यालयों का चयन किया जा रहा है और ऐसे विद्यालय जहां पर सुविधाओं की कमी है उनको मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा.
-दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी

Intro:जौनपुर।। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जहां शौचालय की जरूरत घरों में ही नहीं बल्कि विद्यालय में भी है लेकिन जौनपुर में कुछ ऐसे परिषदीय विद्यालय हैं जो बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं। जनपद का कलीचाबाद छावनी प्राथमिक विद्यालय ऐसा ही है । इस विद्यालय में बच्चों की संख्या 118 है तो वहीं यहां पर 6 महिला शिक्षिका भी तैनात है लेकिन विद्यालय में शौचालय ना होने की वजह से बच्चे हाथ में बोतल लेकर खुले में शौच करने को मजबूर है तो वहीं महिला शिक्षिकाओं को भी शर्मिंदगी का शिकार होना पड़ता है। जबकि सरकार की तरफ से चलाई जा रही कायाकल्प योजना भी इस विद्यालय का उद्धार नहीं कर सकी । जबकि इस योजना में परिषदीय विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।


Body:वीओ।। जौनपुर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत जहां लाखों की संख्या में शौचालय बनाए गए हैं । वहीं जनपद की नगर पालिका क्षेत्र को भी शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है लेकिन नगर पालिका कि शहरी क्षेत्र में ही आने वाले परिषदीय विद्यालय आज भी बिना शौचालय के ही संचालित हो रहे हैं। कलीचाबाद छावनी प्राथमिक विद्यालय में शौचालय तो है लेकिन प्रयोग करने लायक नहीं स्कूल में बना हुआ है। स्कूल का शौचालय कई वर्षों से शोपीस बना हुआ है जिसके कारण विद्यालय की छात्राएं और बच्चे हाथों में बोतल लेकर खुले में शौच करने को मजबूर है तो वहीं विद्यालय में तैनात आधा दर्जन शिक्षिकाएं भी शौचालय के लिए शर्मिंदगी उठाने को मजबूर है। विद्यालय में कई बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही कायाकल्प योजना भी इस विद्यालय का कायाकल्प नहीं कर सकी। अब अधिकारी विद्यालयों का कायाकल्प कराने की बात कह रहे हैं।


Conclusion:विद्यालय में शिक्षिका पद पर तैनात पूनम ने बताया कि स्कूल में शौचालय नहीं है जिसके कारण हमें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है।

बाइट-पूनम सिंह- शिक्षिका


स्कूल की प्रधानाध्यापिका बिंदु सिंह ने बताया की स्कूल में शौचालय बेकार पड़ा हुआ है जो प्रयोग करने लायक नहीं है। मजबूरी में बच्चों खुले में शौच करने के लिए खेतों में या नदी किनारे जाते हैं। वही स्कूल में महिला शिक्षिकाओं को भी शौचालय ना होने से काफी परेशानी होती है।

बाइट-बिंदु सिंह- प्रधानाध्यापिका


जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया की कायाकल्प योजना के माध्यम से प्रत्येक ब्लाक में 10 विद्यालयों का चयन किया जा रहा है।और ऐसे विद्यालय जहां पर सुविधाओं की कमी है उनको मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।

बाइट- दिनेश कुमार सिंह- जिलाधिकारी जौनपुर


पीटीसी

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