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स्पेशल रिपोर्ट: 20 साल से यहां आज भी एक रुपये में मिल रहा समोसा - जौनपुर का स्पेशल समोसा

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में आज भी एक ऐसी दुकान है, जहां एक रुपये में समोसा मिलता है. जोगियापुर में स्थित इस दुकान पर पिछले बीस सालों से एक ही रुपये में समोसा मिलता आ रहा है. देखें खास रिपोर्ट...

एक रुपये का समोसा
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Published : Nov 20, 2019, 12:59 PM IST

जौनपुर: आज के समय में महंगाई का असर घर से लेकर बाजार तक साफ तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन जौनपुर में एक ऐसी दुकान है जहां 20 सालों से समोसा एक ही दाम में बिक रहा है. शहर के जोगियापुर में स्थित रमेश निषाद की 20 साल पुरानी समोसे की दुकान है. 1999 में उन्होंने जब दुकान की शुरुआत की थी, तब भी समोसा एक रुपए का मिलता था. वहीं आज इस महंगाई के दौर में भी उनके समोसे का दाम एक रुपया ही है.

एक रुपये का समोसा.

जौनपुर में एक दुकान ऐसी है, जहां आज भी एक रुपए में ही समोसा मिलता है. आज से 20 साल पहले साल 1999 में रमेश निषाद ने एक छोटी सी दुकान खोली और समोसा बनाना शुरू किया. 20 सालों से उनकी दुकान सड़क के किनारे ही चल रही है. उन दिनों समोसे का दाम 1 रुपया था. समोसे का स्वाद ऐसा कि दूर-दूर से लोग उनकी दुकान पर खींचे चले आते हैं. यही वजह है कि आज भी रमेश की दुकान के समोसों का दाम एक रुपया ही है.

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रमेश निषाद के परिवार के 10 सदस्य इस दुकान को चलाने में उनका सहयोग करते हैं. 20 साल बाद भी रमेश की दुकान पर मिलने वाले समोसों का दाम तो कम नहीं हुआ, लेकिन समय और महंगाई के हिसाब से समोसे का आकार जरूर छोटा हो गया. लगातार बढ़ रही महंगाई के बाद भी रमेश ने समोसे का दाम बढ़ाने की कभी कोशिश नहीं की. आज उनकी दुकान पर समोसा खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है.

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दुकान पर समोसा खाने आए समीर ने बताया कि वह 10 सालों से रमेश के यहां समोसा खाने आते हैं. उनका कहना है कि 10 साल पहले भी समोसे का दाम एक रुपया ही था और आज भी यहां पर एक रुपये में ही समोसा मिलता है. वहीं 20 किलोमीटर दूर से समोसा खाने आए मनोज का कहना है कि यहां के समोसे इतने स्वादिष्ठ होते हैं कि दूरी कोई मायने नहीं रखती और हम यहां समोसा खाने चले आते हैं. वहीं दुकानदार रमेश निषाद बताते हैं कि उनकी दुकान 20 साल पुरानी है. जब उन्होंने दुकान खोली थी तब भी उनके समोसे का दाम 1 रुपया था और आज के इस महंगाई के दौर में भी उनके समोसे का दाम एक ही रुपया है.

जौनपुर: आज के समय में महंगाई का असर घर से लेकर बाजार तक साफ तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन जौनपुर में एक ऐसी दुकान है जहां 20 सालों से समोसा एक ही दाम में बिक रहा है. शहर के जोगियापुर में स्थित रमेश निषाद की 20 साल पुरानी समोसे की दुकान है. 1999 में उन्होंने जब दुकान की शुरुआत की थी, तब भी समोसा एक रुपए का मिलता था. वहीं आज इस महंगाई के दौर में भी उनके समोसे का दाम एक रुपया ही है.

एक रुपये का समोसा.

जौनपुर में एक दुकान ऐसी है, जहां आज भी एक रुपए में ही समोसा मिलता है. आज से 20 साल पहले साल 1999 में रमेश निषाद ने एक छोटी सी दुकान खोली और समोसा बनाना शुरू किया. 20 सालों से उनकी दुकान सड़क के किनारे ही चल रही है. उन दिनों समोसे का दाम 1 रुपया था. समोसे का स्वाद ऐसा कि दूर-दूर से लोग उनकी दुकान पर खींचे चले आते हैं. यही वजह है कि आज भी रमेश की दुकान के समोसों का दाम एक रुपया ही है.

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रमेश निषाद के परिवार के 10 सदस्य इस दुकान को चलाने में उनका सहयोग करते हैं. 20 साल बाद भी रमेश की दुकान पर मिलने वाले समोसों का दाम तो कम नहीं हुआ, लेकिन समय और महंगाई के हिसाब से समोसे का आकार जरूर छोटा हो गया. लगातार बढ़ रही महंगाई के बाद भी रमेश ने समोसे का दाम बढ़ाने की कभी कोशिश नहीं की. आज उनकी दुकान पर समोसा खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है.

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दुकान पर समोसा खाने आए समीर ने बताया कि वह 10 सालों से रमेश के यहां समोसा खाने आते हैं. उनका कहना है कि 10 साल पहले भी समोसे का दाम एक रुपया ही था और आज भी यहां पर एक रुपये में ही समोसा मिलता है. वहीं 20 किलोमीटर दूर से समोसा खाने आए मनोज का कहना है कि यहां के समोसे इतने स्वादिष्ठ होते हैं कि दूरी कोई मायने नहीं रखती और हम यहां समोसा खाने चले आते हैं. वहीं दुकानदार रमेश निषाद बताते हैं कि उनकी दुकान 20 साल पुरानी है. जब उन्होंने दुकान खोली थी तब भी उनके समोसे का दाम 1 रुपया था और आज के इस महंगाई के दौर में भी उनके समोसे का दाम एक ही रुपया है.

Intro:जौनपुर।। महंगाई का असर आज घर से लेकर बाजार की दुकानों पर भी साफ तौर पर देखा जा रहा है लेकिन जौनपुर में एक ऐसी दुकान है जहां 20 सालों से समोसा एक ही दाम में बिक रहा है। महंगाई भी इस दुकान का कुछ नहीं बिगाड़ पाई है । आज शहर के जोगिया पुर में स्थित रमेश निषाद की 20 साल पुरानी समोसे की दुकान है। 1999 में भी उन्होंने जब दुकान की शुरुआत की थी तब भी समोसा एक रुपए का होता था । वही आज इस महंगाई के दौर में उनके समोसे का दाम नहीं बढ़ा है बल्कि वह महंगाई को चुनौती देते हैं आज भी एक रुपए में ही वह समोसा बेच रहे हैं । इस समोसे की खासियत और स्वाद के चलते लोग दूर से उनकी दुकानों पर पहुंचते हैं। रमेश की समोसे की दुकान कि ग्राहक भी काफी पुराने हैं जो उनके समोसे के स्वाद के चलते दुकानों पर खिंचे चले आते हैं।


Body:वीओ।। आज की महंगाई के दौर में बाजार में एक रुपए की कोई वैल्यू नही है लेकिन जौनपुर में एक ऐसी दुकान है जहां आज भी एक रुपए में ही समोसा मिलता है। इस समोसे की दुकान का 20 सालों में महंगाई भी कुछ न बिगाड़ पाई है। 20 साल पहले भी 1999 में रमेश निषाद ने गरीबी की हालत में एक छोटी सी दुकान खोली और समोसा बनाना शुरू किया। 20 सालों से उनकी दुकान सड़क के किनारे ही चल रही है । उन दिनों समोसे का दाम ₹1 था फिर भी लोगों की जबान पर उनका समोसा चढ़ गया जिसके चलते लोग दूर-दूर से उनके समोसे को खाने के लिए पहुंचने लगे। रमेश निषाद के परिवार में आज 10 लोग इस दुकान को चलाने में सहयोग करते हैं लेकिन इस महंगाई के दौर में भी 20 सालों से उनके समोसे का दाम ₹1 ही है । समय के हिसाब से समोसे का आकार जरूर छोटा हुआ लेकिन रमेश ने समोसे दाम बढ़ाने की कभी कोशिश नहीं की । आज उनकी दुकान पर समोसा खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है तो वहीं उनके समोसे के खरीदार भी दूर से आते हैं।


Conclusion:रमेश निषाद ने बताया कि उनकी दुकान 20 साल पुरानी है ।जब उन्होंने दुकान खोली थी तब भी उनके समोसे का दाम ₹1 था और आज के इस महंगाई के दौर में भी उनके समोसे का नाम एक ही रुपया है।

बाइट-रमेश निषाद-समोसा विक्रेता


दुकान पर समोसा खाने पहुंचे समीर ने बताया कि वह 10 सालों से इस दुकान का समोसा खा रहे हैं । 10 साल पहले भी दुकान के समोसे का दाम एक ही रुपया था और आज भी एक ही रुपया है।

बाइट-समीर -ग्राहक

20 किलोमीटर दूर से समोसा खाने आए मनोज विश्वकर्मा ने बताया कि वह 10 सालों से इस दुकान का समोसा खा रहे हैं ।उस दौर में भी समोसे का दाम ₹1 था और आज के समय भी इनके समोसे का नाम एक ही रुपया है । लेकिन इन दिनों में न तो समोसे का दाम बदला और नहीं समोसे का स्वाद।

बाइट- मनोज विश्वकर्मा- ग्राहक

पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
9044681067


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