जौनपुरः यूपी के जौनपुर में जिला कारागार में बंदियों द्वारा 6 घंटे तक जमकर उत्पात मचाया गया. इस दौरान जेल में जमकर उपद्रव हुआ. कैदियों ने जेल में तोड़फोड़ और आगजनी की भी घटना को अंजाम दिया. साथी कैदी की मौत से आक्रोशित कैदियों ने जेल में लगभग 6 घंटे तक अपना कब्जा जमाए रखा. किसी तरह प्रशासन ने 6 घंटे बाद कैदियों से वार्ता करके इसका निष्कर्ष निकाला. आखिरकार 6 घंटे बाद किसी तरह जेल का माहौल शांत हुआ.
दरअसल, जिला कारागार में भागेश मिश्रा दोहरे आजीवन कारावास के तहत 6 जनवरी 2021 से जेल में बंद था. जेल में तबीयत खराब होने के कारण जिला कारागार के अस्पताल में भर्ती किया गया था. तबीयत बिगड़ने पर जेल अधीक्षक एसके पांडे ने सुरक्षा के साथ कैदी को जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा. जिला अस्पताल ले जाते वक्त कैदी की मौत हो गई. साथी कैदी की मौत की खबर सुनते ही जेल में कैदियों ने हंगामा शुरू कर दिया. देखते-देखते जेल के अंदर कैदियों ने जेल अस्पताल में आग लगा दी. इस दौरान जेल प्रशासन ने कई राउंड आंसू गैस के गोले भी छोड़े.
सुबह 11:00 बजे जेल का निरीक्षण करते वक्त जेल अस्पताल के डॉक्टर ने जेल अधीक्षक को जानकारी देते हुए बताया कि कैदी भागेश मिश्रा के सीने में दर्द है. बेहतर इलाज के लिए जेल अधीक्षक ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया. बता दें कि मृतक की पत्नी कुसुम बनीडीह गांव की ग्राम प्रधान हैं.
जेल में बंद है मृत कैदी का भाई और भतीजा
जेल में बंद कैदी भागेश मिश्रा की अस्पताल ले जाते वक्त मृत्यु हो गई. इस बात से जेल में साथी कैदी आक्रोशित हो उठे. मृतक के भाई अनिल मिश्रा ने जिला चिकित्सालय में आरोप लगाया कि जेल प्रशासन द्वारा इलाज को लेकर लापरवाही की गई. इधर मृतक के भाई पप्पू मिश्रा और भतीजा अमित मिश्रा भी जेल में बंद थे. कयास लगाया जा रहा है कि मौत के बाद जेल में हुई हिंसा के पीछे इनका हाथ हो सकता है.
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जेल प्रशासन ने बजाई पगली घंटी और सायरन
जेल के अंदर जैसे ही माहौल बदला वैसे ही जेल प्रशासन ने अलर्ट होकर पगली घंटी बजा दी. पल भर में जेल परिसर और आसपास के इलाकों में घंटी और सायरन की गूंज सुनाई देने लगी. पगली घंटी और फायरिंग की आवाज सुनकर बड़ी संख्या में जेलकर्मी अंदर की तरफ जाने लगे. इस दौरान पीएसी की भी एक टुकड़ी अंदर जाने लगी.
आगजनी और पत्थरबाजी से पल भर में बदल गया माहौल
साथी कैदी की मौत से गुस्साए कैदियों ने न सिर्फ पत्थरबाजी की बल्कि जेल परिसर के अंदर आग भी लगा दी. कैदी की इलाज में लापरवाही से मौत के कारण इनका गुस्सा जेल के अंदर के अस्पताल में भी देखने को मिला. जेल अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की गई. इसके अलावा सर्कल गेट पर कंबल बांधकर उसमें आग लगा दी गई. आग की सूचना मिलने पर प्रशासन ने दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी बुला लिया. आग की लपट और धुएं का गुबार जेल के गेट से दिख रहा था.
सिलेंडर और पत्थर लेकर तैयार थे कैदी
उपद्रव के दौरान कैदी बड़ी संख्या में पत्थर और सिलेंडर लेकर तैयार थे. निश्चित रूप से कैदियों ने बड़ी घटना के लिए यह तैयारी कर रखी थी. ड्रोन कैमरे द्वारा सामने आए वीडियो में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैदियों ने सिलेंडर और पत्थर रखे हुए हैं. इसके अलावा कैदियों के पास हाथ में डंडे भी दिखे. ड्रोन कैमरे की जद में आए सभी कैदियों ने चेहरे को गमछे से छुपा रखा था. प्रशासन इस बाबत भले ही कुछ कहे, लेकिन कैदियों ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी थी. सिलेंडर, पत्थर और डंडे इस बात की तस्दीक करते हैं कि प्रशासन से दो-दो हाथ करने के लिए कैदियों ने ठान ली थी.
ड्रोन कैमरे से रखी गयी निगरानी
कैदियों ने सर्कल का गेट बंद कर दिया था. जेल की सभी बैरक में कैदियों ने कब्जा कर लिया था. थाना और सर्कल की सभी फोर्स को जिला जेल पर बुला लिया गया. लेकिन इसके बावजूद कैदी सुनने को राजी नहीं हुए. जेल के अंदर बैरक की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी. इसी के चलते प्रशासन ने ड्रोन कैमरे के माध्यम से जेल की स्थिति का पता लगाया. ड्रोन कैमरा से मिली तस्वीर से उत्पात की वास्तविकता सामने आ गई.
लाउडस्पीकर से प्रशासन करता रहा अपील
कैदियों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रशासन लगातार लाउडस्पीकर की सहायता लेता रहा. लाउडस्पीकर से प्रशासन कैदियों से शांति बनाने की अपील कर रहा था. बार-बार यह संदेश लाउडस्पीकर से दिया जा रहा था कि प्रशासन आप से वार्ता करना चाहता है. सरकारी संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाया जाए अन्यथा इस दिशा में आपके ऊपर एक मुकदमा और दर्ज हो जाएगा.
आईजी रेंज ने दी जानकारी
इस संबंध में जानकारी देते हुए आईजी रेंज एसके भगत ने बताया कि उन्हें शाम 4:30 बजे यह जानकारी प्राप्त हुई है कि कुछ मुलजिम और कैदियों द्वारा जेल में पथराव किया जा रहा है. इस सूचना पर आईजी रेंज और कमिश्नर जौनपुर जिला कारागार पहुंचे. यहां उनके द्वारा कैदियों से बात करने की कोशिश की गई. आईजी रेंज एसके भगत ने बताया कि पथराव में कैदियों के दो गुट शामिल थे. गुट का नेतृत्व ना होने के कारण बात करने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. फिलहाल जेल में शांति बना ली गई है और पत्थरबाजी करने वाले को चिन्हित कर लिया गया है.
उन्होंने बताया कि साथी कैदी की मौत से बाकी कैदी नाराज थे. उनकी मांग थी कि जिस डॉक्टर की लापरवाही के कारण कैदी की मौत हुई है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इस बाबत कैदियों को आश्वस्त कर दिया गया है. जेल में यह घटना क्यों और कैसे हुई इसकी भी विस्तृत रिपोर्ट जांच टीम द्वारा दी जाएगी. जांच रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अगर डॉक्टर की लापरवाही सामने आती है तो निश्चित रूप से इस संदर्भ में शासन को यह रिपोर्ट सौंपी जाएगी और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.