जौनपुर: सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण वाहन चालकों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति भी है. इससे बचाव के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन ने रोडवेज बसों के चालकों का अल्कोहल टेस्ट लेना शुरू कर दिया है. जांच टीम को इसके लिए ब्रेथ एनलाइजर मशीन भी दी गयी है, जिसके माध्यम से वह जांच कर सकेंगे कि चालक ने शराब का सेवन तो नहीं किया है. यह फैसला लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए लिया गया है.
चालक का होगा औचक अल्कोहल टेस्ट
अब तक इस परीक्षण में महज निजी बस संचालक ही आते थे. मगर अब इसकी जद में सरकारी वाहन चालक भी आएंगे. सरकारी बस चालकों को भी अब इस परीक्षण से गुजरना होगा. परिवहन विभाग की इस पहल को यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से उठाया गया है. यातायात अधीक्षक व सहायक यातायात निरीक्षक औचक रूप से इसका निरीक्षण कर सकते हैं, जिसमें टिकटों की जांच के साथ-साथ वाहन चालक का अल्कोहल टेस्ट भी होगा. इसके साथ-साथ जौनपुर रोडवेज परिसर में भी वाहन में बैठने से पूर्व सभी बस चालकों को इस परीक्षण से गुजरना होगा. परिवहन विभाग का दावा है कि इससे न सिर्फ चालकों के व्यवहार में परिवर्तन आएगा, बल्कि यात्री भी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकेंगे. लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं के कारण न सिर्फ यात्री घायल होते थे, बल्कि राजस्व को भी भारी भरकम चपत लगती थी.
नशे की हालत में पाए जाने पर होगी विभागीय कार्रवाई
इस संदर्भ में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक जौनपुर डिपो वीके श्रीवास्तव ने बताया कि रोडवेज के चालक जो प्रतिदिन मार्गों पर वाहन लेकर निकलते हैं, उनकी परिसर में ब्रेथ एनलाइजर मशीन के माध्यम से जांच की जाती है. इसके अलावा मार्ग पर प्रवर्तन दल के कर्मचारी भी इसकी औचक जांच करते हैं. अभी तक कोई भी कर्मचारी नशे की हालत में नहीं पाया गया है. अगर कोई कर्मचारी नशे की हालत में मिलेगा तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त विभागीय कार्रवाई होगी.