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एक या दो नहीं पूरे 14 किलो है इस मूली का वजन, विदेशों में भी है पहचान

यूपी के जौनपुर की मूली और मक्का की प्रसिद्धि आज भी बरकरार है. मूली की खेती यहां कुछ विशेष क्षेत्रों में ही होती है, जिसकी अधिकतम लम्बाई 5 से 6 फीट और वजन 14 किलो तक हो सकता है. इस उन्नति किस्म की प्रजाति को 'नेवार' के नाम से जाता है.

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नेवार मूली ने बढ़या जौनपुर का मान.
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Published : Jan 23, 2020, 12:18 PM IST

जौनपुर: शर्की शासनकाल में देश की राजधानी रही जौनपुर कई मायनों में प्रसिद्ध है. जिले को इमरती और मक्का के लिए भी पूरे देश में जाना जाता है, लेकिन इससे भी ज्यादा जिले को 'नेवार' प्रजाति की मूली के लिए जाना जा रहा है. इस मूली की लंबाई चार फीट से लेकर छह फीट होती है. इस प्रजाति की मूली जिले में बह रही गोमती नदी के किनारे स्थित कुछ गांवों में ही पैदा की जाती है, जिसका अधिकतम वजन 14 किलो तक मापा गया है.

लंबाई, चौड़ाई और वजन से मूली की विदेशों में पहचान.

'नेवार' प्रजाति की मूली का आकार और लंबाई देखने वालों को हैरान कर देती है. इस मूली की सबसे बड़ी खासियत है कि यह स्वाद में मीठी और मुलायम होती है, लिहाजा इसका बना अचार बेहद पसंद किया जाता है. इस प्रजाति की मूली का विदेशों तक में निर्यात किया जाता है, क्योंकि इस मूली के चाहने वाले देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हैं.

मूली, मक्का और इमरती की पहचान ने बढ़ाया जिले का मान
शर्की शासनकाल में देश की राजधानी रही शिराज-ए-हिंद जौनपुर मूली, मक्का और इमरती के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यहां मकर संक्राति के अवसर पर लोग मूली सहित अन्य सामाग्रियां अपनी बहन-बेटियों को खिचड़ी में त्योहार के तौर पर देते हैं. इसकी मिठास ही इस मूली की सबसे बड़ी खासियत है.

ग्राहक नरेंद्र कुमार बताते हैं कि यह मूली जितनी बड़ी होती है, उतनी ही मीठी भी होती है. इस मूली को लोग विदेशों तक ले जाते हैं क्योंकि इसी मूली से जौनपुर को अलग पहचान मिली है. वहीं विक्रेता जयसिंह सोनकर का मानना है कि इस मूली को बेचते हुए उन्हें गर्व की अनुभूति होती है.

'नेवार' प्रजाति की प्रसिद्ध मूली की खेती करने वाले किसान चन्द्रशेखर का कहना है कि यह मूली 14 किलो वजन तक होती है, जिसकी लंबाई 5 फीट से भी ज्यादा हो सकती है. उन्होंने कई बार जिले में सबसे बड़ी मूली पैदावार की है, जिसके चलते प्रशासन ने उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया है.

जौनपुर: शर्की शासनकाल में देश की राजधानी रही जौनपुर कई मायनों में प्रसिद्ध है. जिले को इमरती और मक्का के लिए भी पूरे देश में जाना जाता है, लेकिन इससे भी ज्यादा जिले को 'नेवार' प्रजाति की मूली के लिए जाना जा रहा है. इस मूली की लंबाई चार फीट से लेकर छह फीट होती है. इस प्रजाति की मूली जिले में बह रही गोमती नदी के किनारे स्थित कुछ गांवों में ही पैदा की जाती है, जिसका अधिकतम वजन 14 किलो तक मापा गया है.

लंबाई, चौड़ाई और वजन से मूली की विदेशों में पहचान.

'नेवार' प्रजाति की मूली का आकार और लंबाई देखने वालों को हैरान कर देती है. इस मूली की सबसे बड़ी खासियत है कि यह स्वाद में मीठी और मुलायम होती है, लिहाजा इसका बना अचार बेहद पसंद किया जाता है. इस प्रजाति की मूली का विदेशों तक में निर्यात किया जाता है, क्योंकि इस मूली के चाहने वाले देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हैं.

मूली, मक्का और इमरती की पहचान ने बढ़ाया जिले का मान
शर्की शासनकाल में देश की राजधानी रही शिराज-ए-हिंद जौनपुर मूली, मक्का और इमरती के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यहां मकर संक्राति के अवसर पर लोग मूली सहित अन्य सामाग्रियां अपनी बहन-बेटियों को खिचड़ी में त्योहार के तौर पर देते हैं. इसकी मिठास ही इस मूली की सबसे बड़ी खासियत है.

ग्राहक नरेंद्र कुमार बताते हैं कि यह मूली जितनी बड़ी होती है, उतनी ही मीठी भी होती है. इस मूली को लोग विदेशों तक ले जाते हैं क्योंकि इसी मूली से जौनपुर को अलग पहचान मिली है. वहीं विक्रेता जयसिंह सोनकर का मानना है कि इस मूली को बेचते हुए उन्हें गर्व की अनुभूति होती है.

'नेवार' प्रजाति की प्रसिद्ध मूली की खेती करने वाले किसान चन्द्रशेखर का कहना है कि यह मूली 14 किलो वजन तक होती है, जिसकी लंबाई 5 फीट से भी ज्यादा हो सकती है. उन्होंने कई बार जिले में सबसे बड़ी मूली पैदावार की है, जिसके चलते प्रशासन ने उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया है.

Intro:जौनपुर।। शर्की शासनकाल में देश की राजधानी रहा जौनपुर कई मायनों में प्रसिद्ध है । जनपद को इमरती और मक्का के लिए पूरे देश में जाना जाता है लेकिन इससे भी ज्यादा जौनपुर को नेवार प्रजाति की मूली के लिए जाना जाता है। यह मूली 4 फीट से लेकर 6 फीट लंबी होती है। वही ये गोमती नदी के पास स्थित कुछ गांव में यह मूली पैदा होती है। इस मूली का वजन 14 किलो तक होता है। इस मूली का आकार और लंबाई जहां देखने वालों को हैरान करती है। वहीं इस मूली की खासियत है इसका स्वाद यह स्वाद में मीठी होती है और काफी मुलायम होती है जिसके कारण इसका अचार पसंद किया जाता है । वही यह मूली विदेशों तक जाती है क्योंकि इस मूली के चाहने वाले दूसरे देशों में भी हैं। यह मूली जितनी मोटी होती है उतना ही इसका महत्व ज्यादा होता है जिसके कारण यह दर्शनी भी होती है।


Body:वीओ।। शर्की शासनकाल में देश की राजधानी रहा शिराज ए हिंद जोनपुर मूली , मक्का , इमरती के लिए विश्व प्रसिद्ध है । जौनपुर में नेवार प्रजाति की मूली पैदा होती है । यह मूली गोमती नदी के किनारे बसे गांवों में आज भी होती है । इस मूली की खासियत होती है कि यह 4 से 6 फीट लंबी और 14 किलो वजन तक होती है । आज भी बाजारों में यह मूली देखी जा सकती है । वहीं इस मूली के खरीदार भी बहुत है । जौनपुर के लोग इस मूली को खरीद कर अपने रिश्तेदारों और बेटियों क्या ले जाते हैं तो वहीं दूसरे शहरों और विदेशों तक यह मूली ले जाई जाती है। क्योंकि यह मूली जौनपुर की शान है। इस मूली की वजह से ही जौनपुर को एक अलग पहचान मिली है । इस मूली की खासियत है इसका मिठास। इस मूली के कई पकवान बनाए जाते हैं जिनमें अचार सबसे ज्यादा मशहूर है।


पजामा करो बाजार से मूली खरीदने वाले नरेंद्र कुमार बताते हैं कि जौनपुर की यह मूली उनके लिए खास है। यह जितनी बड़ी होती है उतनी ही मीठी भी होती है। इस मूली को लोग विदेशों तक ले जाते हैं क्योंकि इसी मूली से जौनपुर को अलग पहचान मिली है।

बाइट- नरेंद्र कुमार- मूली ख़रीददार


Conclusion:मूली बेच रहे दुकानदार जयसिंह सोनकर ने बताया यह जौनपुर की प्रसिद्ध मूली है जिसकी पहचान पूरे देश में है । इस मूली को बेचते हुए उन्हें गर्व का अनुभव होता है। वही उस मूली के खरीदार भी बहुत हैं। इस मूली को लोग खरीद कर अपने रिश्तेदारों के यहां ले जाते हैं।

बाइट- जयसिंह सोनकर- मूली विक्रेता

नेवार प्रजाति की प्रसिद्ध मूली पैदा करने वाले किसान चन्द्रशेखर बताया कि यह मूली 14 किलो वजन तक होती है जिसकी लंबाई 5 फीट से ज्यादा होती है। उन्होंने कई बार जनपद में सबसे बड़ी मूली पैदा की है जिसके कारण प्रशासन ने उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया है।

बाइट- चंद्रशेखर -नेवार प्रजाति की मूली पैदा करने वाले किसान

पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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