जौनपुर: कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. इस पर्व को मनाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता सोकर उठते हैं जिसके कारण सारे मांगलिक कार्य इस दिन से शुरू हो जाते हैं.
एकादशी त्योहार की तैयारियां हुई शुरू
एकादशी से कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं तुलसी जी का शालिग्राम से विवाह करती हैं और इसी दिन व्रत भी रखती हैं. इस दिन व्रत में प्रयोग के लिए गन्ना, शकरकंद और सिंघाड़ा प्रयोग किया जाता है. इस बार एकादशी के इस व्रत पर महंगाई का असर कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रहा है, जिसके कारण दुकानों से ग्राहक गायब हो गए हैं.
महंगाई का दिख रहा असर
शुक्रवार को देवोत्थान एकादशी पर्व मनाया जाएगा. बाजार में व्रत की पूजा में प्रयोग किए जाने वाले सामान की दुकानें सज चुकी हैं. इस व्रत में प्रमुखता सिंघाड़ा, शकरकंद और गन्ने का प्रयोग किया जाता है. महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर तुलसी माता का शालिग्राम जी से विवाह कराती हैं. इस व्रत में प्रयोग आने वाले सामानों पर इस बार महंगाई का असर कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है.
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फल के दामों में हुई दोगुनी बढ़ोतरी
व्रत में प्रयोग किए जाने वाले फल और कंद के दामों में डेढ़ से दोगुना की महंगाई बढ़ गई है. इस महंगाई से ग्राहक ही नहीं बल्कि दुकानदार भी परेशान हैं. ग्राहक महंगाई के चलते कम सामान खरीद रहे हैं, जिससे दुकानदारों का मुनाफा कम हो गया है.
व्रत का सामान खरीद रहे वकील लालमन यादव ने बताया कि महंगाई का असर कुछ ज्यादा ही है. पिछले साल की अपेक्षा इस बार व्रत में प्रयोग किए जाने वाले सामान के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है. वहीं दुकानदार प्रदीप सोनकर ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार व्रत में प्रयोग किए जाने वाले सामानों के दामों में काफी महंगाई है, जिसका असर उनकी दुकानदारी पर भी पड़ रहा है.