जौनपुर: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है. भाजपा, सपा, अपना दल के साथ-साथ निर्दल प्रत्याशी इस पद के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. आगामी 3 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है. सपा ने जहां निशी यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है, तो वहीं भाजपा भी अपना चेहरा तलाश कर रही है.
जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव अपने रोमांचक मोड़ पर है. प्रमुख दल के रूप में भाजपा और सपा इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रही है. वहीं इन सब के बीच निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की पत्नी भी जोर आजमाइश कर रही हैं. जौनपुर में कुल 83 जिला पंचायत सदस्य हैं. इन सब के बीच भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी अपना दल भी इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारने की बात कर रही है.
1995 में भाजपा की कमला सिंह ने खिलाया था कमल
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सत्ताधारी दल 20 साल से जद्दोजहद में लगी हुई है. 1995 के बाद इस सीट पर भाजपा ने कभी जीत दर्ज नहीं की है. 20 वर्ष से इस सीट पर कभी कमल नहीं खिला है. 1995 में भाजपा की कमला सिंह ने यहां कमल खिलाया था. इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में यहां कभी कमल नहीं खिला. कमला सिंह ने इस बार भी वार्ड नंबर 14 से जोर जिला पंचायत सदस्य पद के लिए जोर आजमाइश की थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में पार्टी जौनपुर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में किसे अपना चेहरा बनाए, इसके लिए स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक चिंतन का दौर चल रहा है. भाजपा जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के विचारधारा के कई लोग उनके संपर्क में हैं. निश्चित रूप से भाजपा इस बार कमल खिलाने जा रही है.
जीत की हैट्रिक लगाएगी सपा ?
2010 में समाजवादी पार्टी की शारदा चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुई थी. इसके बाद 2015 में यह सीट पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हो गई. 2015 में समाजवादी पार्टी के राज बहादुर यादव बड़े अंतर से चुनाव जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए थे.
इस बार समाजवादी पार्टी ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती यादव के बेटे डॉ. जितेंद्र यादव की पत्नी निशी यादव को प्रत्याशी बनाया है. समाजवादी पार्टी इस बार यहां जीत की हैट्रिक लगाने के फिराक में है. सपा प्रवक्ता राहुल त्रिपाठी कहते हैं कि भाजपा शासन-प्रशासन के दबाव से लगी हुई है, लेकिन समाजवादी विचारधारा के लगभग 45 सदस्य उनके संपर्क में हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रही है.
अपना दल भी कर रहा जोर आजमाइश
भाजपा की सहयोगी अपना दल भी इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सीट की मांग कर रही है. अपना दल के व्यापार मंच के अध्यक्ष अनुज विक्रम सिंह कहते हैं कि अपना दल विचारधारा के ज्यादातर उम्मीदवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संपर्क में है. समय आने पर अपना दल भी अपने पत्ते खोलेगी. भाजपा के सहयोगी दल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई भी टकराव की स्थिति नहीं है. सीट मांगी जा रही है और अगर यह सीट मिलती है तो निश्चित रूप से अपना दल इस बार जीत कर आएगी.
बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की पत्नी भी कर रहीं जोर आजमाइश
उधर, निर्दल प्रत्याशी के रूप में श्रीकला धनंजय सिंह सभी सियासी समीकरण को ध्वस्त कर रही हैं. माना जा रहा है कि निर्दल प्रत्याशी के रूप में वह प्रमुख दलों को कड़ी टक्कर दे रही हैं. लगातार जिला पंचायत सदस्यों से मुलाकात की जा रही है. ईटीवी से बातचीत में श्रीकला धनंजय सिंह ने बताया कि अगर उन्हें मौका मिला तो जनपद के बेहतर विकास के लिए काम करेंगी. वह कहती हैं कि कई जिला पंचायत सदस्य उनके विचार से सहमत है और निश्चित रूप से हुआ उनका सहयोग करने जा रहे हैं. वह कहती हैं कि निश्चित रूप से व जनपद के विकास के लिए कटिबद्ध हैं.
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ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव सियासी रोमांचक मोड़ पर है. प्रमुख दलों के साथ-साथ निर्धन प्रत्याशी के आने से चुनाव पर सभी लोगों की नजर है. 20 सालों से इस कुर्सी पर कमल नहीं खिलाए तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी जीत की हैट्रिक लगाने को आतुर है. इसके अलावा भाजपा की सहयोगी अपना दल भी सीट की मांग कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ निर्दल प्रत्याशी के रूप में बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की पत्नी भी सभी सियासी समीकरणों पर भारी पड़ रही है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आगामी 3 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का ताज किसके सर पर सजता है.