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जौनपुर में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की हो रही 'वाह-वाह' - जौनपुर समाचार

सुप्रीम कोर्ट के आपराधिक छवि वाले सांसद और विधायकों की सूची को वेबसाइट पर अपलोड करने के आदेश पर जौनपुर के लोगों ने खुशी जताई है. लोगों का कहना है कि इसका राजनीतिक दलों को अवश्य पालन करना चाहिए. देश की संसद में साफ छवि के व्यक्ति ही पहुंचने चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले की हो रही वाह-वाह
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Published : Feb 14, 2020, 5:20 AM IST

जौनपुर: राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले में उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को 48 घंटों के भीतर अपराधिक छवि वाले सांसद और विधायकों की सूची को वेबसाइट और ट्विटर हैंडल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी अपराधिक छवि का व्यक्ति का चुनाव लड़कर, जीतकर संसद पहुंचा है तो पार्टी ने साफ छवि के व्यक्ति को टिकट देने की कोशिश क्यों नहीं की. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की सराहना की जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की हो रही वाह-वाह.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
एक जनहित याचिका की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट के 2 जजों की बेंच ने राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है. फैसले में सभी राजनीतिक दलों को अपराधिक छवि वाले विधायक और सांसदों की सूची को वेबसाइट पर 48 घंटे में डालने को कहा गया है.

अगर ऐसा नहीं किया तो अवमानना के होंगे दोषी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर राजनीतिक दल 72 घंटे के भीतर ऐसा नहीं करते हैं तो वह अवमानना के दोषी होंगे. इसके लिए चुनाव आयोग को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह कोर्ट के आदेशों का पालन कराएं.

किसान लालजी यादव ने इस फैसले को अच्छा बताते हुए कहा कि जनता साफ-सुथरी छवि वाले व्यक्ति को पसंद करती है. ऐसे व्यक्ति को ही चुनाव जीतकर जाना चाहिए. अपराधी छवि के व्यक्ति का राजनीति में प्रवेश बंद होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत अच्छा आया है.

इसे भी पढ़ें- कभी रेडियो सुनने के लिए लेना पड़ता था लाइसेंस, आज भी बुजुर्गों की है पहली पसंद

सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे समय में आया है जब राजनीति में अपराधीकरण चरम पर है. कोर्ट के फैसले की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है. इसका राजनीतिक दलों को अवश्य पालन करना चाहिए क्योंकि देश के संसद में साफ छवि के व्यक्ति ही पहुंचने चाहिए.
-दुष्यंत सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता जिला न्यायालय

जौनपुर: राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले में उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को 48 घंटों के भीतर अपराधिक छवि वाले सांसद और विधायकों की सूची को वेबसाइट और ट्विटर हैंडल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी अपराधिक छवि का व्यक्ति का चुनाव लड़कर, जीतकर संसद पहुंचा है तो पार्टी ने साफ छवि के व्यक्ति को टिकट देने की कोशिश क्यों नहीं की. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की सराहना की जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की हो रही वाह-वाह.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
एक जनहित याचिका की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट के 2 जजों की बेंच ने राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है. फैसले में सभी राजनीतिक दलों को अपराधिक छवि वाले विधायक और सांसदों की सूची को वेबसाइट पर 48 घंटे में डालने को कहा गया है.

अगर ऐसा नहीं किया तो अवमानना के होंगे दोषी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर राजनीतिक दल 72 घंटे के भीतर ऐसा नहीं करते हैं तो वह अवमानना के दोषी होंगे. इसके लिए चुनाव आयोग को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह कोर्ट के आदेशों का पालन कराएं.

किसान लालजी यादव ने इस फैसले को अच्छा बताते हुए कहा कि जनता साफ-सुथरी छवि वाले व्यक्ति को पसंद करती है. ऐसे व्यक्ति को ही चुनाव जीतकर जाना चाहिए. अपराधी छवि के व्यक्ति का राजनीति में प्रवेश बंद होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत अच्छा आया है.

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे समय में आया है जब राजनीति में अपराधीकरण चरम पर है. कोर्ट के फैसले की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है. इसका राजनीतिक दलों को अवश्य पालन करना चाहिए क्योंकि देश के संसद में साफ छवि के व्यक्ति ही पहुंचने चाहिए.
-दुष्यंत सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता जिला न्यायालय

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