जौनपुर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जौनपुर के जवान जिलाजीत यादव अपने माता-पिता के अकेले पुत्र थे. शहीद जिलाजीत यादव के परिवार में माता-पिता, पत्नी और 4 महीने का बच्चा है. जिलाजीत अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे. वहीं सीएम योगी ने जिलाजीत की शहादत को नमन करते हुए परिवार के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया है. सीएम योगी ने शहीद के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जिले में शहीद के नाम पर सड़क का नामकरण किए जाने की बात कही है.
दरअसल मंगलवार रात पुलवामा में आतंकियों की घुसपैठ को रोकने के दौरान जिलाजीत यादव शहीद हो गए थे. अब सैनिक परिवार की मदद के लिए जनपद के दानवीर लगातार उनके घर पहुंच रहे हैं. शनिवार को जनपद के प्रधान संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार यादव ने शहीद जिलाजीत यादव के परिजनों से मुलाकात की और ढांढस बंधाया और परिवार को 10 हजार की आर्थिक मदद की. इसके अलावा कई लोग शहीद के घर सांत्वना देने पहुंच रहे हैं.
जिलाजीत यादव की शहादत को याद करते पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की थी. तो वहीं जनपद के समाजवादी पार्टी के नेता भी परिवार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं.
शहीद की अंतिम विदाई पर उमड़ा जनसैलाब
शहीद जिलाजीत यादव को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान जनपद के प्रभारी मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर जिलाधिकारी समेत सेना के जवान भी शामिल रहे. शहीद का जनपद के राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया, जहां शहीद के 4 महीने के बेटे ने मुखाग्नि दी.
लोगों ने शहीद जिलाजीत यादव के सम्मान में घर से लेकर घाट तक तिरंगा यात्रा निकाली. इस दौरान शहीद के सम्मान में नारे भी लगाए गए. वहीं सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया. इस मौके पर जिला प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी और जनपद के कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. शहीद की विदाई में जुटी भीड़ से शहर की सड़कें भी जाम हो गई थीं.
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