जौनपुर: जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही देखने को मिली है. पराली जलाने पर सख्ती से रोक के बावजूद भी लोग लागातार पराली जला रहे हैं. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते धान की कटाई भी तेजी से मशीनों के जरिए की जा रही है. ऐसे में बुवाई के लिए आतुर किसान खेतों में फसल का अवशेष खुलेआम जला रहे हैं. वहीं इसके दूरगामी दुष्परिणामों के लिए प्रशासन द्वारा किसानों को जागरूक तक नहीं किया जा रहा है.
जानें क्या है पूरा मामला-
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ताख पर रखकर किसान पराली जला रहे हैं.
- प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही साफ देखने को मिल रही है.
- प्रदूषण के चलते प्रदेश में पराली जलाने पर रोक लगाई गई थी.
- एनजीटी ने कहना है कि पराली जलाने वाले किसान से जुर्माना वसूलने का आदेश है.
- पराली जलते हुये पाये जाने पर क्षेत्रीय अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जायेगी.
- पराली जलाने वाले किसानों को 2500 से लेकर 15000 तक का जुर्माना देना पड़ेगा
जौनपुर जिले में पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है. वहीं लगातार शहर की वायु गुणवत्ता काफी खराब हो रही है, जिसके लिए खेतों में पराली जलाये जाना एक बड़ा कारण है. खराब वायु गुणवत्ता के कारण अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आदेश जारी किया है.
खेतों में पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं. साथ ही खेत में पराली जलते हुये पाये जाने पर क्षेत्र के स्थानीय अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जायेगी. येसा करते हुये पाये जाने पर किसानों को 2500 से लेकर 15000 तक का जुर्माने देना पड़ेगा.