जौनपुर: बनारस का पान पूरे देश में मशहूर है, लेकिन जौनपुर के खुटहन की पान की दुकानें अपने रंग-रूप और साज-सज्जा के कारण भी खूब मशहूर हैं. जनपद के मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित खुटहन चौराहे पर ही दर्जन भर से ज्यादा पान की दुकानें हैं. इन दुकानों की सजावट विशेष तरह से की गई है, जिसे देख दूर से ही कोई व्यक्ति पान की दुकान पहचान सकता है. बड़े-बड़े पान के पत्ते खास अंदाज में दुकान के बाहर सजाए गए होते हैं.
- पान के शौकीन काफी दूर से खुटहन चौक पान खाने आते हैं.
- यहां का पान बनारसी पान नहीं है. यह कोलकाता का सांची पान है.
- दुकानों पर पान 5 रुपये से लेकर 40 रुपये तक में बिकता है.
कोरोना की वजह से सभी काम धंधे प्रभावित हैं, लेकिन लोगों का शौक नहीं प्रभावित हुआ है. खुटहन के पान की दुकानों पर आज भी पान खाने के शौकीन जुटते हैं. यहां की दुकानें आज भी अपने पुराने अंदाज में सजाई जाती हैं. यहां के पान दुकानदार दुकान खोलते समय ही घंटे भर की मेहनत कर पान के पत्तों से अपनी दुकानों को सजाते हैं. फिर शुरू होता है इनका काम. यहां की पान की दुकानों की सजावट देखकर ग्राहक पहुंचते हैं. सजावट के साथ-साथ दुकान का पान भी मशहूर है. बनारसी नाम से दुकानें जरूर खुली हैं, लेकिन यहां का पान बनारसी नहीं, बल्कि कोलकाता का सांची पान है. यह पान मुंह में जाते ही घुलने लगता है. शाम के वक्त यहां पर पान के शौकीनों की भीड़ लगती है, क्योंकि यहां का पान खाने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं.
पान के शौकीन नीतीश सिंह बताते हैं कि यहां का पान काफी मशहूर है. यह पान दूसरे पानों से भी अलग है. इसी खासियत के चलते वह काफी दूर से यहां पर पान खाने आते हैं.
35 सालों से पान की दुकान चलाने वाले मंगल प्रसाद साहू बताते हैं कि यहां का पान अपने रंग-रूप और साज-सज्जा के कारण काफी मशहूर है. लोग दूर-दूर से यहां का पान खाने पहुंचते हैं. हालांकि लॉकडाउन से उनका काम प्रभावित जरूर हुआ है. यहां का पान कोलकाता से आता है. दुकान पर पान की कीमत 5 रुपये से लेकर 40 रुपये तक है.
मंगल प्रसाद साहू, पान दुकानदार