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जौनपुर: आयुर्वेदिक विभाग की बड़ी लापरवाही, पुराने कार्यालय में दवाएं छोड़ चलते बने अधिकारी

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. दरअसल आयुर्वेद विभाग को नई जगह पर स्थानांतरित किया गया है. वहीं पुराने कार्यालय में पड़ी दवाओं के जखीरे को बेकार बताकर अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.

आयुर्वेदिक विभाग ने छोड़ दिया दवाओं का जखीरा
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Published : Oct 10, 2019, 6:05 PM IST

जौनपुर: जिले में आयुर्वेद विभाग की हालत पहले से ही काफी खराब है. वहीं विभाग के अधिकारी भी काफी लापरवाह हो चुके हैं. आयुर्वेद विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय रास मंडल में संचालित होता था, लेकिन अब कार्यालय को नई जगह पर स्थानांतरित किया गया है. जिसके बाद पुराने कार्यालय में आज भी दवाओं का जखीरा वैसे का वैसे ही पड़ा हुआ है.

आयुर्वेदिक विभाग ने छोड़ दिया दवाओं का जखीरा

विभाग के अधिकारी का कहना है कि यह दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं. वहीं आमजन को यह दवाएं अगर वितरित की गई होती तो निश्चित रूप से उनका स्वास्थ्य बेहतर होता, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इन दवाओं को बर्बाद बताकर छोड़ दिया गया.

अधिकारियों ने पुराने कार्यालय में दवाएं छोड़ दी हैं. विभाग के अधिकारियों को छोड़ी गई दवाओं की कोई चिंता नहीं है बल्कि उन दवाओं को बेकार बताकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- उन्नाव: बिजली विभाग की लापरवाही ने ली मासूम की जान

दरअसल आयुर्वेद की दवाएं कभी खराब नहीं होती है, लेकिन अधिकारी इन दवाओं को भी एक्सपायर कह रहे हैं. सरकार आमजन को मुफ्त बांटने के लिए दवाओं की भरपूर आपूर्ति कर रही है, लेकिन अधिकारियों को इन सरकारी दवाओं की कोई कदर नहीं है, जिसके चलते दवाओं को बेकार में फेंककर ही रजिस्टर दुरस्त किया जा रहा है.

पुराने कार्यालय में जो दवाएं पड़ी हैं, वह बेकार हैं जबकि सारी काम की दवाएं नए कार्यालय में पहुंच गई हैं.
-डॉ. कमल रंजन, अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक

जौनपुर: जिले में आयुर्वेद विभाग की हालत पहले से ही काफी खराब है. वहीं विभाग के अधिकारी भी काफी लापरवाह हो चुके हैं. आयुर्वेद विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय रास मंडल में संचालित होता था, लेकिन अब कार्यालय को नई जगह पर स्थानांतरित किया गया है. जिसके बाद पुराने कार्यालय में आज भी दवाओं का जखीरा वैसे का वैसे ही पड़ा हुआ है.

आयुर्वेदिक विभाग ने छोड़ दिया दवाओं का जखीरा

विभाग के अधिकारी का कहना है कि यह दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं. वहीं आमजन को यह दवाएं अगर वितरित की गई होती तो निश्चित रूप से उनका स्वास्थ्य बेहतर होता, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इन दवाओं को बर्बाद बताकर छोड़ दिया गया.

अधिकारियों ने पुराने कार्यालय में दवाएं छोड़ दी हैं. विभाग के अधिकारियों को छोड़ी गई दवाओं की कोई चिंता नहीं है बल्कि उन दवाओं को बेकार बताकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया जा रहा है.

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दरअसल आयुर्वेद की दवाएं कभी खराब नहीं होती है, लेकिन अधिकारी इन दवाओं को भी एक्सपायर कह रहे हैं. सरकार आमजन को मुफ्त बांटने के लिए दवाओं की भरपूर आपूर्ति कर रही है, लेकिन अधिकारियों को इन सरकारी दवाओं की कोई कदर नहीं है, जिसके चलते दवाओं को बेकार में फेंककर ही रजिस्टर दुरस्त किया जा रहा है.

पुराने कार्यालय में जो दवाएं पड़ी हैं, वह बेकार हैं जबकि सारी काम की दवाएं नए कार्यालय में पहुंच गई हैं.
-डॉ. कमल रंजन, अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक

Intro:जौनपुर।। जनपद में आयुर्वेद विभाग की हालत पहले से ही काफी खराब है । वहीं विभाग के अधिकारी भी काफी लापरवाह हो चुके हैं आयुर्वेद विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय रास मंडल में संचालित होता था लेकिन अब कार्यालय को नई जगह पर स्थानांतरित किया गया है। वही पुराने कार्यालय में आज भी दबावो का जखीरा छोड़ दिया गया है। यह दवाएं खराब भी नहीं हुई है लेकिन विभाग के अधिकारी इन दवाओं को खराब बता रहे हैं। अब विभाग के अधिकारी इन दवाओं को एक्सपायर बता रहे हैं । वही आमजन को यह दवाएं वितरित की गई होती तो निश्चित रूप से उनका स्वास्थ्य बेहतर होता। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह दवाएं बर्बाद हो गई।


Body:वीओ।। जौनपुर में आयुर्वेद विभाग के पुराने कार्यालय में आज दवाओं का जखीरा बर्बाद हो रहा है। अब आयुर्वेद विभाग का कार्यालय नई जगह स्थानांतरित किया गया है । वही पुराने कार्यालय में आज भी दवाएं छोड़ दी गई है। विभाग के अधिकारियों को इन छोड़ी गई दवाओं की कोई चिंता नहीं है। बल्कि उन दवाओं को बेकार बता कर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया जा रहा है । जबकि आयुर्वेद की दवाएं कभी खराब नहीं होती है लेकिन अधिकारी इन दवाओं को भी एक्सपायर कह रहे हैं । सरकार आमजन को मुफ्त बांटने के लिए दवाओं की भरपूर आपूर्ति कर रही है लेकिन अधिकारियों को इन सरकारी दवाओं की कोई कदर नहीं है। तभी तो दवाओं को बेकार में फेंक कर ही रजिस्टर दुरस्त किया जा रहा है।


Conclusion:जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ कमल रंजन ने बताया कि पुराने कार्यालय में जो दवाएं पड़ी है वह बेकार है ।जबकि सारी काम की दवाएं नए कार्यालय में पहुंच गई है।

बाइट-डॉ कमल रंजन - जिला आयुर्वेदिक अधिकारी जौनपुर


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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