जौनपुर: जिले में आयुर्वेद विभाग की हालत पहले से ही काफी खराब है. वहीं विभाग के अधिकारी भी काफी लापरवाह हो चुके हैं. आयुर्वेद विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय रास मंडल में संचालित होता था, लेकिन अब कार्यालय को नई जगह पर स्थानांतरित किया गया है. जिसके बाद पुराने कार्यालय में आज भी दवाओं का जखीरा वैसे का वैसे ही पड़ा हुआ है.
विभाग के अधिकारी का कहना है कि यह दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं. वहीं आमजन को यह दवाएं अगर वितरित की गई होती तो निश्चित रूप से उनका स्वास्थ्य बेहतर होता, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इन दवाओं को बर्बाद बताकर छोड़ दिया गया.
अधिकारियों ने पुराने कार्यालय में दवाएं छोड़ दी हैं. विभाग के अधिकारियों को छोड़ी गई दवाओं की कोई चिंता नहीं है बल्कि उन दवाओं को बेकार बताकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया जा रहा है.
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दरअसल आयुर्वेद की दवाएं कभी खराब नहीं होती है, लेकिन अधिकारी इन दवाओं को भी एक्सपायर कह रहे हैं. सरकार आमजन को मुफ्त बांटने के लिए दवाओं की भरपूर आपूर्ति कर रही है, लेकिन अधिकारियों को इन सरकारी दवाओं की कोई कदर नहीं है, जिसके चलते दवाओं को बेकार में फेंककर ही रजिस्टर दुरस्त किया जा रहा है.
पुराने कार्यालय में जो दवाएं पड़ी हैं, वह बेकार हैं जबकि सारी काम की दवाएं नए कार्यालय में पहुंच गई हैं.
-डॉ. कमल रंजन, अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक