जौनपुर: जिले में बनाए गए 15 सामुदायिक किचन के माध्यम से 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोज खाना खिलाया जा रहा है. वहीं सरकार ने सामुदायिक किचन में बन रहे खाने के लिए दिन के हिसाब से अलग-अलग मेन्यू भी निर्धारित किए हैं. यहां सुबह-शाम अलग-अलग तरह का खाना बनाया जा रहा है, जिसमें खाने की गुणवत्ता के साथ ही साफ-सफाई को लेकर सरकार ने मानक भी तय किए हैं. यहां लोग बिना मास्क और ग्लव्स के ही खाना बनाकर पैक करे रहे हैं.
हजारों लोगों का रोज बनता है खाना
सरकार का आदेश है कि कोरोना काल में कोई भूखा न रहे, इसलिए इस किचन से रोज हजारों लोगों को खाना भेजा जाता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. खाना बनाना और लोगों तक पहुंचाना सामुदायिक किचन का काम है. वहीं शहर की नगर पालिका में 3000 से ज्यादा लोगों का खाना प्रतिदिन बनाया जा रहा है, लेकिन सुरक्षा के मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है. यहां काम कर रहे लोग न तो मास्क लगा रहे हैं और न ही खाना पैक करते समय हाथों में ग्लव्स ही पहन रहे हैं.
सामने आई बड़ी लापरवाही
लॉकडाउन के असर के चलते जिले में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं. इनके खाने के लिए सामुदायिक किचन से 10 हजार से ज्यादा की संख्या में खाने के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं. वहीं खाने को भी दिन के हिसाब से अलग-अलग मेन्यू देखकर बनाया जाता है, लेकिन नगर पालिका में बन रहे खाने में लापरवाही जारी है. सरकार के आदेश के बाद भी सामुदायिक किचन में खाना बनाने और पैक करते वक्त ख्याल नहीं रखा जा रहा है.
3000 से ज्यादा लोगों का यहां पर खाना बनाया जा रहा है. मेन्यू के हिसाब से अलग-अलग दिन में कई तरह का खाना बनाया जाता है. साफ-सफाई के पूरे नियमों का पालन हो रहा है. कुछ लोग मास्क और ग्लव्स नहीं लगा रहे हैं, इसका भी आगे से पूर्णतया पालन किया जाएगा.
उमेश प्रसाद, सामुदायिक किचन प्रभारी