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जौनपुर: लॉकडाउन में लगातार 68 दिनों तक इस शख्स ने गरीबों को खिलाया खाना - लॉकडाउन में गरीबों की मदद

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में लॉकडाउन की शुरुआत से लेकर चौथे चरण के लॉकडाउन तक एक समाज सेवी ने गरीब लोगों को खाना खिलाया है. लॉकडाउन के 68 दिनों तक लगातार गरीब लोगों को खाना खिलाने के लिए समाज सेवी की प्रशंसा की जा रही है.

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Published : Jun 2, 2020, 8:04 PM IST

जौनपुर: जिले में एक व्यक्ति ने लॉकडाउन के पहले दिन से चौथे लॉकडाउन के अंतिम दिन तक लगातार 68 दिनों तक गरीब और बेसहारा लोगों को खाना खिलाने का काम किया है. रणवीर सिंह दुर्गवंशी नाम का यह व्यक्ति 24 मार्च से ही जनपद के गरीब व्यक्तियों को खाना खिलाने का काम शुरू किया. वहीं 31 मई तक यह प्रयास निरंतर जारी रहा है. घर की रसोई में जो खाना खुद अपने लिए बनता है, वहीं खाना दूसरों लोगों के लिए बनाया जाता है.

लॉकडाउन के 68 दिनों तक गरीबों को खिलाया खाना
जनपद में लॉकडाउन लगने के बाद लाखों की संख्या में गरीब और मजदूरों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है. ऐसे में कई सामाजिक संस्थाओं के साथ ऐसे व्यक्ति भी खुलकर सामने आए जो दिन रात मेहनत करके दूसरों को पेट भरने का काम करते रहे. जिले के रणवीर सिंह दुर्गवंशी भी ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, जिन्होंने 24 मार्च से ही गरीबों को खाना खिलाने का काम शुरू किया है. वह रोज 250 से 300 लोगों के लिए खुद अपने रसोई में खाना बनाते हैं और फिर गरीब और बेसहारा लोगों को बांटते हैं. उनका यह प्रयास पूरे 68 दिनों तक चला है, जिसकी पूरे जनपद में प्रशंसा भी हो रही है. क्योंकि बहुत से सामाजिक संस्थाएं खाना खिलाने का काम जरूर शुरू किया, लेकिन लॉकडाउन के दूसरा चरण बीतते ही उनकी रसोई बंद हो गई.

जौनपुर: जिले में एक व्यक्ति ने लॉकडाउन के पहले दिन से चौथे लॉकडाउन के अंतिम दिन तक लगातार 68 दिनों तक गरीब और बेसहारा लोगों को खाना खिलाने का काम किया है. रणवीर सिंह दुर्गवंशी नाम का यह व्यक्ति 24 मार्च से ही जनपद के गरीब व्यक्तियों को खाना खिलाने का काम शुरू किया. वहीं 31 मई तक यह प्रयास निरंतर जारी रहा है. घर की रसोई में जो खाना खुद अपने लिए बनता है, वहीं खाना दूसरों लोगों के लिए बनाया जाता है.

लॉकडाउन के 68 दिनों तक गरीबों को खिलाया खाना
जनपद में लॉकडाउन लगने के बाद लाखों की संख्या में गरीब और मजदूरों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है. ऐसे में कई सामाजिक संस्थाओं के साथ ऐसे व्यक्ति भी खुलकर सामने आए जो दिन रात मेहनत करके दूसरों को पेट भरने का काम करते रहे. जिले के रणवीर सिंह दुर्गवंशी भी ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, जिन्होंने 24 मार्च से ही गरीबों को खाना खिलाने का काम शुरू किया है. वह रोज 250 से 300 लोगों के लिए खुद अपने रसोई में खाना बनाते हैं और फिर गरीब और बेसहारा लोगों को बांटते हैं. उनका यह प्रयास पूरे 68 दिनों तक चला है, जिसकी पूरे जनपद में प्रशंसा भी हो रही है. क्योंकि बहुत से सामाजिक संस्थाएं खाना खिलाने का काम जरूर शुरू किया, लेकिन लॉकडाउन के दूसरा चरण बीतते ही उनकी रसोई बंद हो गई.

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