ETV Bharat / state

जौनपुर: विदेशी पर्यटकों का मोह भंग, पूरे साल में केवल 162 विदेशी पर्यटक पहुंचे - जौनपुर में विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पर्यटन विभाग की चिंता बढ़ती नजर आ रही है. आंकड़ों के हिसाब से विदेशी पर्यटक के साथ-साथ देशी पर्यटक भी घटते जा रहे हैं.

ETV BHARAT
विदेशी पर्यटको का आना हुआ कम.
author img

By

Published : Jan 24, 2020, 7:37 AM IST

जौनपुर: शर्की शासनकाल में जौनपुर की स्थापना की गई थी. उस काल यह शहर खूब उन्नति पर था और इसी दौरान कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें भी बनाई गई जो अपनी मजबूती और स्थापत्य कला के लिए जानी जाती है. आज भी शर्की शासनकाल में बनाया गया शाही किला, शाही पुल, अटाला मस्जिद और शाही मस्जिद जैसी इमारतें अपनी बुलंदी और मजबूती का गवाह बनी हैं.

विदेशी पर्यटको का आना हुआ कम.

विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी
पहले जहां जनपद में पर्यटक स्थलों को देखने के लिए देसी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी खूब आते थे, वहीं अब विदेशी पर्यटकों का जौनपुर से मोहभंग होता जा रहा है. साल 2019 में विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी घट गई. पूरे साल में केवल 162 विदेशी पर्यटक जौनपुर पहुंचे. वहीं देसी पर्यटक की संख्या भी घटी है. घटते पर्यटक से पुरातत्व विभाग भी चिंतित है.

पर्यटन विभाग की चिंता बढ़ी
जौनपुर को शिराज-ए-हिंद के नाम से जाना जाता है. यह जनपद देश का इकलौता शहर है, जिसके बीच से गोमती नदी बहती है. वहीं यह जनपद शर्की शासनकाल में बनाई गई कई ऐतिहासिक इमारतों के लिए पूरे देश में जाना जाता है. शर्की शासनकाल में बनाए गए शाही पुल, शाही किला और शाही मस्जिद के साथ अटाला मस्जिद भी आज भी पूर्णतया सुरक्षित है. इन इमारतों को देखने के लिए देसी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी आते रहे हैं, लेकिन अब विदेशी पर्यटकों की घटती संख्या पुरातत्व विभाग के साथ-साथ पर्यटन विभाग के लिए भी चिंता का विषय है.

ETV BHARAT
विदेशी पर्यटको का आना हुआ कम.

162 विदेशी पहुंचे जनपद
साल 2019 में केवल 162 विदेशी पर्यटक ही जौनपुर पहुंचे जबकि देशी पर्यटक की संख्या 2 लाख 8 हजार ही रही है. पहले जहां विदेशी पर्यटको की भरमार रहती थी, वहीं अब यह विदेशी पर्यटक केवल बनारस तक सिमट के रह गए हैं. पर्यटको को मिलने वाली पर्यटन सुविधाओं के अभाव में जौनपुर के पर्यटन स्थल अब विदेशी पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र नहीं है.
शाही किले में तैनात पुरातत्व विभाग के टिकट निरीक्षक शुभम वर्मा ने बताया कि बसंत के महीने में पर्यटको की संख्या बढ़ती है. वहीं अब पर्यटक कम आते हैं.

इसे भी पढ़ें- अखिलेश ने शाह पर कसा तंज, 'एक बाबा कम थे जो दूसरे बाबा प्रवचन देने आ गए'

जौनपुर: शर्की शासनकाल में जौनपुर की स्थापना की गई थी. उस काल यह शहर खूब उन्नति पर था और इसी दौरान कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें भी बनाई गई जो अपनी मजबूती और स्थापत्य कला के लिए जानी जाती है. आज भी शर्की शासनकाल में बनाया गया शाही किला, शाही पुल, अटाला मस्जिद और शाही मस्जिद जैसी इमारतें अपनी बुलंदी और मजबूती का गवाह बनी हैं.

विदेशी पर्यटको का आना हुआ कम.

विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी
पहले जहां जनपद में पर्यटक स्थलों को देखने के लिए देसी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी खूब आते थे, वहीं अब विदेशी पर्यटकों का जौनपुर से मोहभंग होता जा रहा है. साल 2019 में विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी घट गई. पूरे साल में केवल 162 विदेशी पर्यटक जौनपुर पहुंचे. वहीं देसी पर्यटक की संख्या भी घटी है. घटते पर्यटक से पुरातत्व विभाग भी चिंतित है.

पर्यटन विभाग की चिंता बढ़ी
जौनपुर को शिराज-ए-हिंद के नाम से जाना जाता है. यह जनपद देश का इकलौता शहर है, जिसके बीच से गोमती नदी बहती है. वहीं यह जनपद शर्की शासनकाल में बनाई गई कई ऐतिहासिक इमारतों के लिए पूरे देश में जाना जाता है. शर्की शासनकाल में बनाए गए शाही पुल, शाही किला और शाही मस्जिद के साथ अटाला मस्जिद भी आज भी पूर्णतया सुरक्षित है. इन इमारतों को देखने के लिए देसी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी आते रहे हैं, लेकिन अब विदेशी पर्यटकों की घटती संख्या पुरातत्व विभाग के साथ-साथ पर्यटन विभाग के लिए भी चिंता का विषय है.

ETV BHARAT
विदेशी पर्यटको का आना हुआ कम.

162 विदेशी पहुंचे जनपद
साल 2019 में केवल 162 विदेशी पर्यटक ही जौनपुर पहुंचे जबकि देशी पर्यटक की संख्या 2 लाख 8 हजार ही रही है. पहले जहां विदेशी पर्यटको की भरमार रहती थी, वहीं अब यह विदेशी पर्यटक केवल बनारस तक सिमट के रह गए हैं. पर्यटको को मिलने वाली पर्यटन सुविधाओं के अभाव में जौनपुर के पर्यटन स्थल अब विदेशी पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र नहीं है.
शाही किले में तैनात पुरातत्व विभाग के टिकट निरीक्षक शुभम वर्मा ने बताया कि बसंत के महीने में पर्यटको की संख्या बढ़ती है. वहीं अब पर्यटक कम आते हैं.

इसे भी पढ़ें- अखिलेश ने शाह पर कसा तंज, 'एक बाबा कम थे जो दूसरे बाबा प्रवचन देने आ गए'

Intro:जौनपुर।। शर्की शासनकाल में जौनपुर की स्थापना की गई थी। वही यह शहर भी शर्की शासनकाल में खूब उन्नति पर था और इसी दौरान कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें भी बनाई गई जो अपनी मजबूती और स्थापत्य कला के लिए जानी जाती है। आज भी शर्की शासनकाल में बनाई गई शाही किला, शाही पुल, अटाला मस्जिद और शाही मस्जिद जैसी इमारतें अपनी बुलंदी और मजबूती का गवाह बनी हैं। पहले जहां जनपद में पर्यटक स्थलों को देखने के लिए देसी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी खूब आते थे लेकिन अब विदेशी पर्यटकों का जौनपुर से मोहभंग होता जा रहा है । साल 2019 में विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी घट गई । पूरे साल में केवल 162 विदेशी पर्यटक जौनपुर पहुंचे। वही देसी पर्यटक की संख्या भी घटी है लेकिन घटते पर्यटक से पुरातत्व विभाग भी चिंतित है।


Body:वीओ।। जौनपुर को शिराज ए हिंद के नाम से जाना जाता है। यह जनपद देश का इकलौता है जिसके शहर के बीच से गोमती नदी बहती है। वहीं यह जनपद सर्की शासनकाल में बनाई गई कई ऐतिहासिक इमारतों के लिए पूरे देश में जाना जाता है। शर्की शासनकाल में बनाए गए शाही पुल , शाही किला और शाही मस्जिद के साथ अटाला मस्जिद भी आज भी पूर्णतया सुरक्षित है। इन इमारतों को देखने के लिए देसी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी आते रहे हैं लेकिन अब विदेशी पर्यटकों की घटती संख्या पुरातत्व विभाग के साथ-साथ पर्यटन विभाग के लिए भी चिंता का विषय है। साल 2019 में केवल 162 विदेशी पर्यटक ही जौनपुर पहुंचे जबकि देशी पर्यटक की संख्या 208000 ही रही है। पहले जहां विदेशी पर्यटकों की भरमार रहती थी लेकिन अब यह विदेशी पर्यटक केवल बनारस तक सिमट के रह गए हैं। पर्यटकों को मिलने वाली पर्यटन सुविधाओं के अभाव में जौनपुर के पर्यटन स्थल अब विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र नहीं है।


Conclusion:शाही किले में तैनात पुरातत्व विभाग के टिकट निरीक्षक शुभम वर्मा ने बताया कि बसंत के महीने में पर्यटकों की संख्या बढ़ती है। वहीं अब पर्यटक कमाते हैं पहले खूब आते थे।


बाइट- शुभम वर्मा -पुरातत्व विभाग टिकट निरीक्षक



पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
9044681067
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.