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जौनपुरः धारा-144 और एस्मा लागू होने के बाद भी लेखपाल कर रहे प्रदर्शन

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Published : Dec 17, 2019, 2:43 PM IST

प्रदेश में धारा 144 लागू होने के बाद भी जौनपुर में भारी संख्या में लेखपाल प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी लेखपालों का कहना है कि उनका प्रदर्शन तीन दिन पहले से चल रहा है, जबकि प्रशासन का कहना है कि किसी भी हालत में पांच लोग इकठ्ठा खड़े तक नहीं हो सकते हैं.

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धरना करते लेखपाल

जौनपुरः CAA और NRC को लेकर जहां पूर्वांचल भी सुलगने लगने लगा है, वहीं प्रदेश में धारा 144 और एस्मा को लागू कर दिया गया है. इसके बाद भी जिला कलेक्ट्रेट पर लेखपाल प्रदर्शन कर रहे हैं. सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र नाथ मिश्रा का कहना है कि इस विषय पर तुरंत मीटिंग करके कार्रवाई की जाएगी.

धारा-144 और एस्मा लागू होने के बाद भी लेखपाल कर रहे प्रदर्शन.


क्या है एस्मा
आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्‍मा लगाया जाता है. एस्‍मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्‍य माध्‍यम से सूचित किया जाता है. एस्‍मा का नियम अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है. एस्‍मा लागू होने के उपरान्‍त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ एवं दण्‍डनीय है. क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्‍तर्गत एस्‍मा लागू होने के बाद इस आदेश से सम्‍बन्‍धित किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्‍ट के गिरफतार किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ेंः-जामिया हिंसा : SC ने याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट जाने का दिया आदेश


क्या है धारा -144
सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए लगाई जाती है. इस धारा को लागू करने के लिए जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां पांच या उससे अधिक लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं. इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है. धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. इस धारा का उल्लंघन करने वाले या पालन नहीं करने के आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है. वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जाती है.

धारा 144 और एस्मा जिले में लागू है, जिसके तहत किसी को भी धरना प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है. तुरंत मीटिंग होने जा रही है, जिसके बाद अगर लेखपाल ऐसा कर रहे हैं तो उन पर भी विधि संगत कार्रवाई की जाएगी.
-सुरेंद्र नाथ मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट

जौनपुरः CAA और NRC को लेकर जहां पूर्वांचल भी सुलगने लगने लगा है, वहीं प्रदेश में धारा 144 और एस्मा को लागू कर दिया गया है. इसके बाद भी जिला कलेक्ट्रेट पर लेखपाल प्रदर्शन कर रहे हैं. सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र नाथ मिश्रा का कहना है कि इस विषय पर तुरंत मीटिंग करके कार्रवाई की जाएगी.

धारा-144 और एस्मा लागू होने के बाद भी लेखपाल कर रहे प्रदर्शन.


क्या है एस्मा
आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्‍मा लगाया जाता है. एस्‍मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्‍य माध्‍यम से सूचित किया जाता है. एस्‍मा का नियम अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है. एस्‍मा लागू होने के उपरान्‍त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ एवं दण्‍डनीय है. क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्‍तर्गत एस्‍मा लागू होने के बाद इस आदेश से सम्‍बन्‍धित किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्‍ट के गिरफतार किया जा सकता है.

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क्या है धारा -144
सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए लगाई जाती है. इस धारा को लागू करने के लिए जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां पांच या उससे अधिक लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं. इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है. धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. इस धारा का उल्लंघन करने वाले या पालन नहीं करने के आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है. वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जाती है.

धारा 144 और एस्मा जिले में लागू है, जिसके तहत किसी को भी धरना प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है. तुरंत मीटिंग होने जा रही है, जिसके बाद अगर लेखपाल ऐसा कर रहे हैं तो उन पर भी विधि संगत कार्रवाई की जाएगी.
-सुरेंद्र नाथ मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट

Intro:जौनपुर।। नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर जहां पूर्वांचल भी सुलगने लगने लगा है। वही जौनपुर जिले में भी धारा 144 और एस्मा को लागू कर दिया गया है । इस कानून के तहत कहीं भी 5 लोग इकट्ठा होकर खड़े नहीं हो सकते हैं और ना ही कोई मीटिंग कर सकते हैं लेकिन उसके बावजूद भी जौनपुर कलेक्ट्रेट में आज लेखपालों का धरना प्रदर्शन जारी है । यह नियम जनपद के सभी लोगों पर लागू होता है लेकिन लेखपाल खुलेआम धारा 144 का नियम का खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। अधिकारी लेखपालों के इस धरना प्रदर्शन को गलत मानते हैं और उनके खिलाफ विधि संगत कार्रवाई की बात कर रहे हैं।


Body:वीओ।। नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर जहां जौनपुर में धारा 144 और एस्मा तक लागू कर दिया गया है। इस कानून को लागू करने के साथ ही जिले में अब किसी भी तरीके का विरोध प्रदर्शन से लेकर कहीं भी 5 लोग इकट्ठा होकर खड़े नहीं रह सकते हैं । अगर कोई ऐसा करता है तो शांति भंग के आरोप में उसका चालान तक किया जाएगा। लेकिन वही सरकारी शासनादेश के नियमों की खुलेआम लेखपाल धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दिए। आज जिलाधिकारी कार्यालय के सामने ही लेखपाल संघ के बैनर तले धरना प्रदर्शन जारी था। यह धरना प्रदर्शन 144 धारा के नियमों के खिलाफ है।


Conclusion:लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि उनका धरना 3 दिनों से चल रहा है और उन पर धारा 144 का नियम लागू नहीं होता है क्योंकि उनका मामला पुराना है।

बाइट- संजय कुमार- जिला अध्यक्ष लेखपाल संघ

सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र मिश्रा ने बताया की धारा 144 और एस्मा जिले में लागू है जिसके तहत किसी को भी धरना प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है। अगर लेखपाल ऐसा कर रहे हैं तो उन पर भी विधि संगत कार्रवाई की जाएगी।


बाइट- सुरेंद्र नाथ मिश्रा- सिटी मजिस्ट्रेट जौनपुर


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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