ETV Bharat / state

जौनपुर हिन्दी दिवस: कलेक्ट्रेट परिसर की दीवारों पर लिखी गई है अशुद्ध हिंदी, मिलीं त्रुटियां

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हिंदी दिवस के मौके पर जब एक साहित्यकार बृजेश यदुवंशी जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे तो उन्होंने पाया कि दीवारों पर लिखे अधिकतर वाक्य गलत हैं.

हिंदी दिवस स्पेशल.
author img

By

Published : Sep 14, 2019, 9:34 PM IST

जौनपुर: जिला कलेक्ट्रेट परिसर में हिंदी दिवस के अवसर पर एक साहित्यकार बृजेश यदुवंशी सरकारी योजनाओं पर लिखे गए शब्दों की जांच करने पहुंचे. बृजेश यदुवंशी ने पाया कि विकास भवन के सामने लिखें सरकारी विभागों के नामों में त्रुटियां हैं. विभागों के नाम हिंदी में सही से लिखें नहीं हैं.

बातचीत करते साहित्यकार बृजेश यदुवंशी.

हिंदी को मिला राजभाषा का दर्जा

हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर, 1949 के दिन मिला था. तब से हर साल यह दिन ‘हिंदी दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है. हिंदी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है. 25.79 करोड़ भारतीय अपनी मातृभाषा के रूप में हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं.

हिंदी जनमानस की भाषा: महात्मा गांधी

वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था. इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था. हिंदी दुनिया के 30 से अधिक देशों में पढ़ी-पढ़ाई जाती है. लगभग 100 विश्वविद्यालयों में उसके लिए अध्यापन केंद्र खुले हुए हैं.

ये भी पढ़ें:- अलीगढ़: सरकारी स्कूल में छात्रा के झाड़ू लगाने का वीडियो वायरल, बीएसए ने मांगा स्पष्टीकरण

हिंदी के प्रति प्रोत्साहन के लिए दिए जाते हैं पुरस्कार

हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को उत्साहित करने के लिए पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है. इसमें कार्य के दौरान अच्छी हिन्दी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है. यह पहले राजनेताओं के नाम पर था, जिसे बाद में बदल कर राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया. राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार लोगों को दिया जाता है. जबकि राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी विभाग, समिति आदि को दिया जाता है.

आज पूरे देश में हिंदी दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसके तहत देवनागरी लिपि की जांच करने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में सरकारी दीवारों पर सरकारी योजनाओं के बारे में लिखे हिंदी लिपि की जांच करने पहुंचा, तो देखा कि जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर जिलाधिकारी शब्द गलत लिखा है.
-बृजेश यदुवंशी, साहित्यकार

जौनपुर: जिला कलेक्ट्रेट परिसर में हिंदी दिवस के अवसर पर एक साहित्यकार बृजेश यदुवंशी सरकारी योजनाओं पर लिखे गए शब्दों की जांच करने पहुंचे. बृजेश यदुवंशी ने पाया कि विकास भवन के सामने लिखें सरकारी विभागों के नामों में त्रुटियां हैं. विभागों के नाम हिंदी में सही से लिखें नहीं हैं.

बातचीत करते साहित्यकार बृजेश यदुवंशी.

हिंदी को मिला राजभाषा का दर्जा

हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर, 1949 के दिन मिला था. तब से हर साल यह दिन ‘हिंदी दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है. हिंदी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है. 25.79 करोड़ भारतीय अपनी मातृभाषा के रूप में हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं.

हिंदी जनमानस की भाषा: महात्मा गांधी

वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था. इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था. हिंदी दुनिया के 30 से अधिक देशों में पढ़ी-पढ़ाई जाती है. लगभग 100 विश्वविद्यालयों में उसके लिए अध्यापन केंद्र खुले हुए हैं.

ये भी पढ़ें:- अलीगढ़: सरकारी स्कूल में छात्रा के झाड़ू लगाने का वीडियो वायरल, बीएसए ने मांगा स्पष्टीकरण

हिंदी के प्रति प्रोत्साहन के लिए दिए जाते हैं पुरस्कार

हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को उत्साहित करने के लिए पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है. इसमें कार्य के दौरान अच्छी हिन्दी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है. यह पहले राजनेताओं के नाम पर था, जिसे बाद में बदल कर राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया. राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार लोगों को दिया जाता है. जबकि राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी विभाग, समिति आदि को दिया जाता है.

आज पूरे देश में हिंदी दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसके तहत देवनागरी लिपि की जांच करने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में सरकारी दीवारों पर सरकारी योजनाओं के बारे में लिखे हिंदी लिपि की जांच करने पहुंचा, तो देखा कि जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर जिलाधिकारी शब्द गलत लिखा है.
-बृजेश यदुवंशी, साहित्यकार

Intro:जौनपुर | जनपद में जिला कलेक्ट्रेट परिसर हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्यकार ने सरकारी योजनाओं पर लिखे गए शब्दों में जांच करने पहुंचे. हद तो तब हो गई जब विकास भवन के सामने लिखें सरकारी विभागों के नाम में भी त्रुटियां मिली. जिसमें विभागों के नाम हिंदी में सही से लिखें नहीं मिला. साहित्यकार का कहना था कि सरकारी विभागों में हिंदी का प्रयोग जो किया जा रहा है तो आने वाली पीढ़ी पर इसका बुरा असर पड़ेगा.


Body:वीओ - हिंदू दिवस के अवसर पर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में साहित्यकार बृजेश यदुवंशी पहुंचे. सरकारी विभागों द्वारा सरकारी योजनाओं को पोस्टर पर लिखे हिंदी भाषा चेक करने लगे तो जिनमें त्रुटियों की भरमार दिखी. शहरी आजीविका विकास द्वारा कल शुक्रवार को शहरी विकास मंत्री गिरीश चंद यादव द्वारा उद्घाटन किया गया जिसमें अंतर्गत के जहां अंर्तगत, जिला कार्यालय मीटिंग ऑफिस के सामने जिलाधिकारी के स्थान पर जिलाअधिकारी लिखा था.
डूडा विभाग द्वारा रिचार्ज एवं यथासम्भव शब्द पर त्रुटी मिला.

Conclusion:साहित्यकार यदुवंशी ने बताया कि आज पूरे देश में हिंदी दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसके तहत देवनागरी लिपि की जांच करने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में सरकारी दीवारों पर सरकारी योजनाओं के बारे में लिखे हिंदी लिपि की जांच करने पहुंचा तो देखा कि जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर जिलाधिकारी शब्द, विकास भवन के सामने लगे सरकारी विभाग के नाम पर त्रुटी देखने को मिले. सरकारी योजनाओं में प्रचार के लिए दीवारों पर लिखे हिंदी भाषा में गलतियां पाए गए है. अगर इस तरह गलतियां रही तो हम आने वाली पीढ़ी को हिंदी की सही कैसे उम्मीद कर सकते हैं.

बाईट - बृजेश यदुवंशी ( साहित्यकार)

Thanks & Regrads
Surendra kumar Gupta
8052323232
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.