जौनपुर: जिला कलेक्ट्रेट परिसर में हिंदी दिवस के अवसर पर एक साहित्यकार बृजेश यदुवंशी सरकारी योजनाओं पर लिखे गए शब्दों की जांच करने पहुंचे. बृजेश यदुवंशी ने पाया कि विकास भवन के सामने लिखें सरकारी विभागों के नामों में त्रुटियां हैं. विभागों के नाम हिंदी में सही से लिखें नहीं हैं.
हिंदी को मिला राजभाषा का दर्जा
हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर, 1949 के दिन मिला था. तब से हर साल यह दिन ‘हिंदी दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है. हिंदी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है. 25.79 करोड़ भारतीय अपनी मातृभाषा के रूप में हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं.
हिंदी जनमानस की भाषा: महात्मा गांधी
वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था. इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था. हिंदी दुनिया के 30 से अधिक देशों में पढ़ी-पढ़ाई जाती है. लगभग 100 विश्वविद्यालयों में उसके लिए अध्यापन केंद्र खुले हुए हैं.
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हिंदी के प्रति प्रोत्साहन के लिए दिए जाते हैं पुरस्कार
हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को उत्साहित करने के लिए पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है. इसमें कार्य के दौरान अच्छी हिन्दी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है. यह पहले राजनेताओं के नाम पर था, जिसे बाद में बदल कर राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया. राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार लोगों को दिया जाता है. जबकि राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी विभाग, समिति आदि को दिया जाता है.
आज पूरे देश में हिंदी दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसके तहत देवनागरी लिपि की जांच करने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में सरकारी दीवारों पर सरकारी योजनाओं के बारे में लिखे हिंदी लिपि की जांच करने पहुंचा, तो देखा कि जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर जिलाधिकारी शब्द गलत लिखा है.
-बृजेश यदुवंशी, साहित्यकार