जौनपुर: डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने जौनपुर के 3 फार्मासिस्टों को निलंबित कर दिया. साथ ही सीएमएस के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. निजी कार्यक्रम में जौनपुर पहुंचे डिप्टी सीएम को पत्रकारों द्वारा की मामले की शिकायत की गई थी. जिसपर डिप्टी सीएम ने जांच के आदेश दिया. जहां आज स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने 3 फार्मासिस्टों को निलंबित करने की कार्रवाई की है.
दरअसल, जौनपुर के करंजकला ब्लॉक में 4 जून को छापेमारी के दौरान निजी मेडिकल स्टोर के गोदाम में सरकारी दवाइयां मिली थी. इस संबंध में 3 फार्मासिस्ट को निलंबित करने का निर्देश दिया गया है. डिप्टी सीएम के इस निर्देश से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप की स्थिति मच गई है. पूर्व एसडीएम सदर हिमांशु नागपाल ने छापेमारी कर गोदाम से सरकारी दवाइयां बरामद की थी. छापेमारी में लगभग 12 लाख रुपये की सरकारी दवाएं पकड़ी गई थी. गौरतलब है कि इन दवाइयों के पैकेट पर 'नॉट फॉर सेल' लिखा हुआ था. जून में हुई छापेमारी के दौरान पकड़ी गई थी दवाइयों में से अधिकांश दवाई जुलाई के महीने में एक्सपायर होने वाली था. पूर्व एसडीएम हिमांशु नागपाल ने दवा की इस कालाबाजारी में बड़ा रैकेट होने का आशंका जताई थी. पूर्व एसडीएम हिमांशु नागपाल की जांच में फार्मासिस्टों की भूमिका सामने आई थी, जिस पर सरायख्वाजा थाने में फार्मासिस्टों के खिलाफ धारा 419, 420 और 120बी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था.
जांच के दौरान जिला चिकित्सालय में कार्यरत कक्ष संख्या 21 के मुख्य फार्मासिस्ट संजय सिंह, ओपीडी काउंटर के मुख्य फार्मासिस्ट वीरेंद्र मौर्य और काउंटर संख्या 20 के मुख्य फार्मसिस्ट अखिलेश उपाध्याय का नाम प्रकाश में आया था. तीनों के मोबाइल नंबर से हुई कॉल डिटेल से स्पष्ट हो गया था कि तीनों फार्मासिस्ट इस मामले में लिप्त हैं.
इस मामले में आज प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री बृजेश पाठक ने एक ट्वीट कर जौनपुर के तीनों फार्मासिस्ट को निलंबित व सीएमएस के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.
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